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मोदी राज में एक और रिकॉर्ड: 31 अक्टूबर तक 7.85 करोड़ लोगों ने भरा इनकम टैक्स रिटर्न

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश अपने सुनहरे दौर से गुजर रहा है। समृद्धि के मामले में देश रोज कोई ना कोई नया मुकाम हासिल कर रहा है। मोदी सरकार आने के बाद से लोगों की आमदनी बढ़ी है। आय बढ़ने से इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। आय में उछाल आने से इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए 31 अक्टूबर, 2023 तक 7.65 करोड़ से अधिक इनकम टैक्स रिटर्न- आईटीआर दाखिल किए गए, जो असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए 7 नवंबर, 2022 तक दाखिल किए गए 6.85 करोड़ आईटीआर की तुलना में 11.7 प्रतिशत अधिक है। अच्छी बात यह है कि 31 अक्टूबर, 2023 तक सभी असेसमेंट ईयर्स के लिए वित्त वर्ष 2023-24 में दाखिल किए गए आईटीआर की कुल संख्या 7.85 करोड़ है, जो अब तक का उच्चतम स्तर है। आईटीआर 7 के अलावा फॉर्म 10बी, 10बीबी और फॉर्म 3सीईबी जैसे महत्वपूर्ण आईटीआर फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर, 2023 थी।

इनकम टैक्स देने वाले अरबपति हुए दोगुने, मिडिल क्लास भी हुआ मालामाल
मोदी राज में इस साल इनकम टैक्स देने वाले अरबपतियों की संख्या दोगुनी हो गई है। पिछले 10 साल में भारत में करोड़पतियों की संख्या तीन गुनी से ज्यादा बढ़ गई है। 2014 में देश में कल 2. 5 लाख करोड़पति थे, जिनकी संख्या 2022 में बढ़कर 7 लाख 96 हज़ार हो गयी है और एचएसबीसी का आकलन है कि 2030 तक भारत में करोड़पतियों की सख्या 60 लाख तक पहुंच जाएगी। इसी तरह मिडिल क्लास की आय तीन गुना बढ़ी है। वहीं 10 साल में आयकर रिटर्न दाखिल करने में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह भारत के विकास की नई तस्वीर सामने लाता है। भारत जहां विकास के नए प्रतिमान गढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर देश में करोड़पतियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी और मिडिल क्लास की आमदनी में वृद्धि एक सुखद पहलू है। यह देश की समृद्धि का भी द्योतक है।

भारत में 187 अरबपति, मायानगरी मुंबई में 66 अरबपति
नए अरबपति बने लोगों की लिस्ट पर गौर करें तो साल 2023 में दुनिया के 99 शहरों में 176 नए अरबपति बने हैं। अगर भारत की बात करें तो देश में कुल 187 अरबपति रहते हैं, जबकि भारतीय मूल के कुल अरबपतियों की तादाद 217 है। ये आंकड़ा अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा है। लिस्ट में उन अमीरों को शामिल किया गया है जिनकी नेटवर्थ 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। मायानगरी मुंबई 66 अरबपतियों का घर है।  

5 साल में भारतीयों की कमाई हांगकांग की GDP के बराबर
मोदी सरकार के विकास कार्यों से जहां देश में समृद्धि आई है वहीं कमाई के मामले में भी भारतीय अरबपति दुनिया में अपना दबदबा बनाए हुए हैं, भले ही इस साल गौतम अडानी समेत अन्य की संपत्ति में तेज गिरावट आई हो, लेकिन बीते पांच साल का आंकड़ा देखें तो भारतीय अमीरों की संपत्ति तेजी से बढ़ी है. Hurun Global Rich List 2023 के मुताबिक, भारत के सभी अरबपतियों ने पांच साल में कुल 360 अरब डॉलर यानी करीब 30 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है, जो कि हांगकांग की GDP के लगभग बराबर है।

देश में करोड़पति की संख्या बढ़कर 1.69 लाख हो गई
सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक आय वाले व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स की संख्या पिछले दो साल में मार्च 2022 तक दोगुनी होकर 1.69 लाख हो गई है। आकलन वर्ष 2022-23 के टैक्स रिटर्न के आंकड़ों (वित्त वर्ष 2021-22 की अर्जित आय से संबंधित) के अनुसार, कुल 1,69,890 लोगों ने सालाना आय एक करोड़ रुपये से अधिक दिखाई है। इससे पूर्व आकलन वर्ष 2021-22 में ऐसे लोगों की संख्या 1,14,446 थी। 

हर साल बढ़ी अमीरों की संपत्ति
आकलन वर्ष 2020-21 में 81,653 व्यक्तियों ने अपनी आय एक करोड़ रुपये से अधिक दिखायी थी। आकलन वर्ष 2022-23 में 2.69 लाख इकाइयों ने अपनी आय एक करोड़ रुपये से अधिक दिखायी। इन इकाइयों में व्यक्तिगत करदाता, कंपनी, फर्म और न्यास शामिल हैं। आकलन वर्ष 2022-23 में भरे गये आईटीआर की संख्या 7.78 करोड़ रही जो आकलन वर्ष 2021-22 और 2020-21 में क्रमश: 7.14 करोड़ और 7.39 करोड़ थी। वहीं स्टैंडर्ड चार्टर्ड का अनुमान है कि 2022-23 में प्रति व्यक्ति आय 2450 डॉलर रही जो कि 2029-30 में बढ़कर 4000 डॉलर हो जाएगी। 

सबसे अधिक करोड़पति महाराष्ट्र में
56,000 करोड़पति परिवारों के साथ महाराष्‍ट्र देश में ऐसा राज्‍य है, जो करोड़पति परिवारों के मामले में शीर्ष स्‍थान पर है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके बाद उत्‍तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात का स्‍थान है। देश में कुल 4.12 लाख अत्‍यधिक अमीर परिवार हैं और कुल अमीरों में से 46 प्रतिशत परिवार संयुक्‍तरूप से इन पांच राज्‍यों में रहते हैं। हुरून इंडिया (Hurun India) द्वारा 2020 में एक वेल्‍थ रिपोर्ट जारी किया गया था।

भारत में हैं कुल 4.12 लाख करोड़पति परिवार
राज्‍य – करोड़पति परिवारों की संख्‍या
महाराष्‍ट्र 56,000
उत्‍तर प्रदेश 36,000
तमिलनाडु 35,000
कर्नाटक 33,000
गुजरात 29,000
प. बंगाल 24,000
राजस्‍थान 21,000
आंध्र प्रदेश 20,000
मध्‍य प्रदेश 18,000
तेलंगाना 18,000

भारत में करोड़पतियों की संख्या 2026 तक हो जाएगी दोगुनी
भारतीय अर्थव्यवस्था जिस रफ्तार से विकास कर रही है उस आधार पर 2026 तक भारत में करोड़पतियों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। क्रेडिट सुइस ने ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2022 ( Credit Suisse’s Global Wealth Report 2022) में ये बातें कही है। क्रेडिट सुइस के मुताबिक 2021 में भारत में 7.96 लाख करोड़पति थे, जिनकी संख्या 2026 तक 105 फीसदी बढ़कर 16.32 लाख हो जाएगी।

भारतीय मिडिल क्लास की आय 4.4 लाख से बढ़कर 13 लाख हुई
भारतीय मिडिल क्लास (मध्‍यवर्ग) की आय में वित्‍तवर्ष 2013 से वित्‍त वर्ष 2022 तक भारी उछाल आया है। एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इनकम टैक्‍स रिटर्न के आंकड़ों पर आधारित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मीडिल क्‍लास भारतीयों की आय वित्‍त वर्ष 2013 में औसतन 4.4 लाख थी, जो वित्‍त वर्ष 2022 में 13 लाख रुपये सालाना हो गई। इस तरह आमदनी में लगभग तीन गुना तक इजाफा हुआ है।

मोदी राज में 13.6 प्रतिशत आबादी निम्न आय वर्ग से ऊपर पहुंची
मोदी राज में पिछले नौ वर्षों में वर्ष-दर-वर्ष भारतीयों की आय में वृद्धि हुई है। एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्‍त वर्ष 2011 में 1.6 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्‍स रिटर्न दाखिल की थी। इनमें से करीब 84 फीसदी आयकरदाताओं ने अपनी सालाना आया 5 लाख रुपये बताई थी। वहीं, वित्‍त वर्ष 2022 में 6.8 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल की थी जिनमें से 5 लाख की सालाना आय वाली आईटीआर केवल 64 फीसदी ही थी। यानी, वित्त वर्ष 2011 की तुलना में, वित्त वर्ष 2012 तक 13.6 प्रतिशत आबादी निम्न आय वर्ग को छोड़कर ऊपर की ओर पहुंच गई थी।

20 फीसदी आबादी 5 लाख आय वर्ग से बाहर निकली
वित्त वर्ष 2022 में 6.85 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया, जिसमें 64 फीसदी आबादी 5 लाख रुपये तक की आय वर्ग में है, जबकि आकलन वर्ष 2012 में यह आंकड़ा 84 फीसदी था। यानि 20 फीसदी आबादी 5 लाख आय वर्ग से बाहर निकली है। इसका मतलब यह है कि उनकी आय बढ़ी है।

मध्यम वर्ग की आय बढ़ी, रिटर्न दाखिल करने में 300 प्रतिशत वृद्धि
मोदी सरकार में मध्यम वर्ग की आय बढ़ने से आयकर रिटर्न दाखिल करने में 300 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। आयकर रिटर्न दाखिल करने के आंकड़े के आधार पर देखा जा सकता है कि जहां 2013 में भारतीयों की औसत आय सालाना 3.3 लाख रुपये थी वहीं 2023 में यह बढ़कर 13 लाख रुपये सालाना हो गया।

बड़ी आबादी निम्न आय वर्ग से मध्यम और उच्च वर्ग में पहुंची
पिछले 10 वर्षों में आमदनी में बढ़ोतरी के कारण निम्न मध्यम आय वर्ग की बड़ी आबादी मध्यम और उच्च वर्ग में पहुंची है। आयकर रिटर्न के आंकड़ों के अनुसार 5 लाख स्लैब में रिटर्न दाखिल करने वालों में 13.64 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं 5 से 10 लाख रुपये के स्लैब में रिटर्न दाखिल करने वालों में 8.13 प्रतिशत की की वृद्धि हुई है। इससे साफ जाहिर है कि लोगों की आय बढ़ रही है और वे ऊपरी स्लैब में रिटर्न दाखिल कर रहे हैं।

साल 2047 तक 49.9 लाख रुपये हो जाएगी सालाना कमाई
एसबीआई रिसर्च के अनुसार, टैक्स देने वालों की औसत आय वित्त वर्ष 2022 में 13 लाख रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 47 में 49.9 लाख रुपये हो जाएगी और भारत लोअर इनकम ग्रुप से हाई-इनकम ग्रुप इकोनॉमी की श्रेणी में आ जाएगा। आयकर देने वालों की संख्‍या में भी साल 2047 तक भारी इजाफा होगा। साल 2014 में कुल 21 लाख लोगों ने आईटीआर भरा था। साल 2023 में यह संख्‍या बढ़कर साढ़े आठ करोड़ हो गई है। साल 2047 तक इसके बढ़कर 48.2 करोड़ हो जाने की उम्‍मीद है।

भारतीय कामगारों की संख्या 53 करोड़ से बढ़कर 2047 में 72 करोड़ होगी
वित्‍त वर्ष 2023 में भारतीय कामगारों यानि भारत की वर्कफोर्स 53 करोड़ है, जो 2047 में 72.7 करोड़ हो जाएगी। वित्त वर्ष 23 में टैक्सेबल वर्कफोर्स की हिस्सेदारी 22.4 फीसदी थी, जो 2047 तक बढ़कर 85.3 फीसदी हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2047 तक जीरो टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों की संख्या में भी 25 फीसदी की गिरावट आएगी।

2047 तक 25 प्रतिशत लोग निम्नतम आय वर्ग से बाहर निकलेंगे
एसबीआई रिपोर्ट के मुताबिक, 2047 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष तक 25 प्रतिशत करदाताओं के निम्नतम आय वर्ग से मध्यम और उच्च आय वर्ग में जाने की उम्मीद है।

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