प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 22 मार्च को भारत में नए अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ क्षेत्रीय कार्यालय और नवाचार केंद्र का उद्घाटन किया। नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री ने भारत 6जी दृष्टिपत्र जारी किया और 6जी अनुसंधान और विकास जांच बेड तथा कॉल बिफोर यू डिग ऐप का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ देश डिजिटल क्रांति की दिशा में अगले कदम की ओर तेजी से बढ़ रहा है। भारत के विकास की रफ्तार को देखकर कहा जाता है ये Decade, भारत का Tech-ade है। भारत का टेलीकॉम और डिजिटल मॉडल सुचारू, सुरक्षित, पारदर्शी, विश्वसनीय और जांचा परखा हुआ है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत के लिए टेलीकॉम टेक्नोलॉजी Mode of Power नहीं है, बल्कि Mission to Empower है। आज डिजिटल टेक्नॉलॉजी भारत में यूनिवर्सल है, सबकी पहुंच में है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में बड़े स्केल पर Digital Inclusion हुआ है। अगर हम ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की बात करें तो 2014 से पहले भारत में 6 करोड़ यूजर्स थे। आज ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या 80 करोड़ से ज्यादा है। 2014 से पहले भारत में इंटरनेट कनेक्शन की संख्या 25 करोड़ थी। आज ये 85 करोड़ से भी ज्यादा है।’
हिंदू नववर्ष पर अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ क्षेत्रीय कार्यालय और नवाचार केंद्र का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि नव वर्ष के पहले दिन टेलिकॉम, ICT और इससे जुड़े इनोवेशन को लेकर एक बहुत बड़ी शुरुआत भारत में हो रही है। आज यहां अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) के एरिया ऑफिस और सिर्फ एरिया ऑफिस नहीं, एरिया ऑफिस और इनोवेशन सेंटर की स्थापना हुई है। इसके साथ-साथ आज 6G Test-Bed को भी लॉन्च किया गया है। इस टेक्नोलॉजी से जुड़े हमारे विजन डॉक्यूमेंट को जारी किया गया है। ये डिजिटल इंडिया को नई ऊर्जा देने के साथ ही साउथ एशिया के लिए, ग्लोबल साउथ के लिए, नए समाधान, नए इनोवेशन लेकर आएगा। खासकर हमारे एकेडिमिया, हमारे इनोवेटर्स-स्टार्ट अप्स, हमारी इंडस्ट्री के लिए इससे अनेक नए अवसर बनेंगे।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत उन ऐसे देशों में से एक है, जिन्होंने तेजी से 5जी सेवाओं की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि 5जी सेवा 120 दिन के अल्पकाल में 125 से अधिक शहरों और 350 जिलों में पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, 5G रोलआउट के 6 महीने बाद ही आज हम 6G की बात कर रहे हैं और ये भारत का कॉन्फिडेंस दिखाता है। आज हमने अपना विजन डॉक्यूमेंट भी सामने रखा है। ये अगले कुछ वर्षों में 6G रोलआउट करने का बड़ा आधार बनेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास जो दो प्रमुख शक्तियां हैं, वो हैं Trust और दूसरा है Scale. बिना ट्रस्ट और स्केल, हम टेक्नॉलॉजी को कोने-कोने तक नहीं पहुंचा सकते हैं और मैं तो कहूंगा कि ट्रस्ट की ये टेक्नॉलॉजी जो वर्तमान की है, उसमें ट्रस्ट एक पूर्व शर्त है। इस दिशा में भारत के प्रयासों की चर्चा आज पूरी दुनिया कर रही है। आज भारत, 100 करोड़ मोबाइल फोन के साथ Most connected democracy of the world है। सस्ते स्मार्टफोन और सस्ते इंटरनेट डेटा ने भारत के डिजिटल वर्ल्ड का कायाकल्प कर दिया है। आज भारत में हर महीने 800 करोड़ से अधिक UPI आधारित डिजिटल पेमेंट्स होते हैं। आज भारत में हर दिन 7 करोड़ e-authentications होते हैं। भारत के कोविन प्लेटफार्म के माध्यम से देश में 220 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगी है। बीते वर्षों में भारत ने 28 लाख करोड़ रुपए से अधिक, सीधे अपने नागरिकों के बैंक खातों में भेजे हैं, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर। जनधन योजना के माध्यम से हमने अमेरिका की कुल आबादी से भी ज्यादा लोगों के बैंक खाते खोले हैं। और उसके बाद यूनिक डिजिटल आइडेंटिटी यानि आधार के द्वारा उन्हें सत्यापित किया, और फिर 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को मोबाइल के द्वारा कनेक्ट किया। जनधन – आधार – मोबाइल- JAM, JAM ट्रिनिटी की ये ताकत विश्व के लिए एक अध्ययन का विषय है।
उन्होंने कहा कि अब भारत के गांवों में इंटरनेट यूजर्स की संख्या शहरों में रहने वाले इंटरनेट यूजर्स से भी अधिक हो गई है। ये इस बात का प्रमाण है कि डिजिटल पावर कैसे देश के कोने-कोने में पहुंच रही है। पिछले 9 वर्षों में, भारत में सरकार और प्राइवेट सेक्टर ने मिलकर 25 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है। 25 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर, इन वर्षों में ही लगभग 2 लाख ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है। देशभर के गांवों में आज 5 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर, डिजिटल सर्विस दे रहे हैं। इसी बात का प्रभाव है और ये सबका प्रभाव है कि आज हमारी डिजिटल इकोनॉमी, देश की ओवरऑल इकोनॉमी से भी लगभग ढाई गुना तेजी से आगे बढ़ रही है।