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IDMA ने की अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा, कहा- पत्रकार की आवाज दबाने के लिए महाराष्ट्र सरकार कर रही है स्टेट मशीनरी का दुरुपयोग

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इंडियन डिजिटल मीडिया असोसिएशन (IDMA) ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की है। IDMA ने एक बयान जारी कर मुंबई पुलिस की कार्रवाई को ‘मनमानी’ करार दिया। साथ ही कहा कि जिस तरीके से अर्नब को गिरफ्तार किया गया, वो काफी हैरान करने वाला है। एक पत्रकार की आवाज दबाने के लिए महाराष्ट्र सरकार स्टेट मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है।

IDMA ने कहा कि रिपब्लिक टीवी के मुताबिक पुलिस ने अर्नब के साथ बदसलूकी की। उनके बेटे के साथ मारपीट की। जबरन पुलिस थाने ले जाने के दौरान कई बार पुलिस वैन का बदलाव किया। यहां तक कि पुलिस के पास अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी के लिए कोई वारंट और अदालती आदेश नहीं था। 

विजुअल्स से स्पष्ट है कि पुलिस अर्नब गोस्वामी की पत्नी पर लगातार दबाव बना रही थी और उन्हें जबरन एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने को कह रही थी, और वो कौन से दस्तावेज थे, ये स्पष्ट नहीं है। IDMA ने इस कार्रवाई को महाराष्ट्र सरकार की मनमानी करार दिया और एक पत्रकार को चुप कराने के लिए स्टेट मशीनरी के इस्तेमाल का आरोप लगाया। 

IDMA ने ये भी याद दिलाया कि ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के दोनों चैनलों द्वारा महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की गई थी, इसीलिए ये ‘बदले की भावना’ से की गई कार्रवाई हो सकती है। उसने न सिर्फ इसे मीडिया की स्वतंत्रता का हनन बताया, बल्कि व्यक्तिगत आज़ादी का हनन भी करार दिया। साथ ही कहा कि ये उस स्वाधीनता का अतिक्रमण है, जिसे भारत के संविधान द्वारा हर नागरिक को प्रदान की गई है।

IDMA ने कहा कि जिन लोगों पर नागरिकों की रक्षा की जिम्मेदारी है, जब उन्हीं लोगों से नागरिकों को खतरा पैदा हो जाता है – तब लोकतांत्रिक शक्तियों को अपनी पूरी शक्ति लगा कर निष्पक्षता से न्याय की माँग करनी चाहिए।

IDMA ने कहा कि अगर कुछ गलत हुआ है तो पुलिस कार्रवाई करने का अधिकार रखती है, लेकिन इसमें कानून का पालन किया जाना चाहिए। साथ ही इस घटनाक्रम को ‘रिपब्लिक’ के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार का ‘विच हंट’ करार दिया, जो पिछले कई हफ़्तों से चल रहा है। IDMA ने अर्नब गोस्वामी की जल्द रिहाई की मांग की है।

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