अमेरिका और पश्चिमों देश भारत के खिलाफ लगातार एजेंडा चला रहे हैं और यह उजागर भी होता रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी और भारत की छवि धूमिल करने के लिए इसी महीने हंगर इंडेक्स जारी किया गया था जिसमें भारत की स्थिति बहुत ही खराब दिखाई गई थी। इस सूची में भारत को अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल व म्यांमार से भी खराब स्थिति में बताया गया। ग्लोबल हंगर इंडेक्स दो यूरोपियन एनजीओ Concern Worldwide और Welthungerhilfe ने मिलकर जारी किया था। इससे पता चलता है कि अमेरिका और यूरोपीय देश पीएम मोदी और भारत के खिलाफ किन-किन तरीकों से साजिश रच रही हैं। जो देश भारत से अनाज मांगकर अपने लोगों का पेट भर रहे हैं वे भी इस सूची में भारत से अच्छे बताए गए हैं। एक तरफ IMF कह रहा है कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा वहीं हंगर इंडेक्स में भारत पिछड़ता जा रहा है। वहीं कुछ ही दिन पहले अमेरिकी कंपनी गैलप ने दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों का सर्वे किया और एक सूची जारी की। गैलप के सर्वे के मुताबिक पाकिस्तान भारत से ज्यादा सुरक्षित देश है। पता नहीं इस सर्वे को कैसे बनाया गया है। जहां पाकिस्तान खुद आतंकवाद की गोद में पल रहा है वह भारत से ज्यादा सुरक्षित देश कैसे हो सकता है। आश्चर्य की बात है कि गैलप लॉ एंड ऑर्डर इंडेक्स के इस सर्वे में 121 देशों की सूची में भारत 60वें नंबर पर है। वहीं पाकिस्तान इस सूची में 42वें नंबर पर है। भारत के खिलाफ अमेरिका का यह एजेंडा कोई नई बात नहीं है। अमेरिका ने ही ISRO के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को फंसाने की साजिश रची थी। क्योंकि नंबी नारायण क्रायोजेनिक इंजन पर काम कर रहे थे और अमेरिका नहीं चाहता था कि भारत क्रायोजेनिक इंजन बनाने में सफल हो जाए।
ट्विटर यूजर Agenda Buster ने CIA के काम करने के तरीकों पर एक ट्वीट की एक श्रृंखला प्रकाशित की है। यह स्टोरी उसी पर आधारित है। उन्होंने लिखा है- कैसे CIA (एजेंसी) दुनिया भर में निर्वाचित सरकार को सत्ता से बेदखल कर देती है। इसके लिए आपको युद्ध और शीत युद्ध के बीच अंतर, एजेंसी और उसके बारे में कि वे कैसे काम करती है, “मानव संपत्ति” (Human Asset) क्या है, 5 तरीके जिनके द्वारा एजेंसी दुनिया भर में गैर-मित्र सरकार को हटाती है, भारत के लिए एजेंसी की क्या योजना है, यह समझने की जरूरत है।
युद्ध की शैली पूरी तरह से बदल गई, अब शीत युद्ध का जमाना
अगर आपको लगता है कि लड़ाकू जेट और टैंक से देश जीते जाते हैं तो आप पूरी तरह गलत हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद युद्ध की शैली पूरी तरह से बदल गई है। दुनिया आज युद्ध से शीत युद्ध की ओर बढ़ गया है। देश पर राजनीतिक दलों और कुछ अभिजात वर्ग का शासन है। यदि आप उन्हें नियंत्रित कर लेते हैं, तो आप पूरे देश को नियंत्रित कर लेते हैं। शीत युद्ध एक राजनीतिक युद्ध है जहां आप कंपनी पर कब्जा नहीं करते हैं, आप उस देश के कुछ प्रभावशाली लोगों को नियंत्रित करते हैं और उन्हें अपने लाभ की नीति के लिए उपयोग करते हैं। जबकि युद्ध इसके ठीक उलट होता है। युद्ध दो देशों के बीच एक गंभीर युद्ध है जहां रूस-यूक्रेन युद्ध की तरह घातक हथियारों का उपयोग किया जाता है।
लगभग 160 देश अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका के नियंत्रण में
वर्ष 1950 के बाद, अमेरिका और सोवियत संघ दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली देशों के रूप में उभरे और इसके साथ ही शीत युद्ध के युग की शुरुआत हुई। दोनों देशों ने दूसरे देशों पर नियंत्रण करना शुरू कर दिया। उनकी ओर से उनकी गुप्त एजेंसियां यह काम कर रही थीं। अमेरिका की CIA (Agency) और रूस की ओर KGB काम कर रही थी। 1992 के बाद, सोवियत संघ का विघटन हो गया और वह कई देशों में बंट गया और इसके बाद अमेरिका दुनिया का निर्विवाद राजा बन गया। एक कॉन्सपिरेसी थ्योरी कहती है कि आज दुनिया के लगभग 160 देश अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका के नियंत्रण में हैं औक उनके प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, प्रमुख मंत्री, मीडिया सभी अमेरिका द्वारा तय किए गए हैं।
अमेरिका पूरी दुनिया को कैसे नियंत्रित करता है?
अमेरिका पूरी दुनिया को कैसे नियंत्रित करता है? इस काम को अंजाम देने के लिए 4 छोटी टीमें हैं। एजेंसी: जो कि परिचालन भाग की देखभाल करते हैं। रिसर्च इंस्टिट्यूट : सामरिक भाग की देखभाल करती है। एनजीओ: वित्तीय हिस्सा देखती है। मानव संपत्ति: वे वास्तव में एजेंसी के निर्देशों के अनुसार क्षेत्र में काम करते हैं। वे मूल निवासी हैं। इन्हें अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए एजेंसी द्वारा तैयार किया जाता है। इसे समझने के लिए ह्यूमन एसेट्स को समझना बहुत जरूरी है। इस तरह से देखें तो एजेंसी की भारतीय मानव संपत्ति भारतीय ही होगी। वे इनमें से हो सकते हैं- भारतीय नेता, वकीलों, न्यायाधीश, पत्रकार, कार्यकर्ता, बॉलीवुड, प्रोफ़ेसर, आपराधिक या कोई अन्य। ये एजेंसी द्वारा चुने गए और तैयार किए गए होते हैं। उनका काम भारत में रहना है लेकिन अमेरिका के लिए काम करना है।
जो अमेरिका की पैरवी करते हैं, वे होते हैं CIA के Human assets
90 के दशक तक, भारत केजीबी के नियंत्रण में था और हर क्षेत्र में केजीबी की बहुत सारी मानव संपत्ति थी, लेकिन 1992 के बाद, एजेंसी ने कब्जा कर लिया और अब भारत में बहुत सारे Human assets काम कर रहे हैं। अब यहां सवाल उठता है कि वे कौन हैं? पता करने की कोशिश करें। जिन्हें अमेरिका, अमेरिकी मीडिया, अमेरिकी एनजीओ द्वारा प्रचारित किया जाता है और जो अमेरिका की पैरवी करते हैं। ये बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे “किसी भी प्रतिकूल सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एजेंसी के 5 तरीके को उस क्षेत्र में क्रियान्वित करते हैं। इसके लिए टूल किट अमेरिकी अनुसंधान संगठन द्वारा तैयार किया जाता है। एजेंसी द्वारा व्यवस्थित किया जाता है। अमेरिकी एनजीओ द्वारा भारतीय एनजीओ को वित्तपोषित किया जाता है। और Human assets फील्ड पर टूलकिट निष्पादित करते हैं। Human assets का कार्य: अमेरिकी वैश्विक नीतियों का समर्थन करने के लिए। यूएनओ में अमेरिका का समर्थन करें। अनुकूल नीतियां बनाएं, अमेरिकी कंपनियों के पक्ष में अदालती निर्णय एवं लाभ। खुद की कंपनी के विकास और विकास को रोकने के लिए। अपनी सभ्यता को नष्ट करने के लिए। अगर कोई पीएम या राष्ट्रपति अमेरिका की बात नहीं सुनते हैं तो वे उन्हें हटा देते हैं।
Famous cases r :
– 1963 Vietnam : General Dương Văn Minh removed President Ngo dinh who was not falling in line of US.
He was funded by US
Same cases in Brazil, Guatemala n many countriesUS dept of state is main agency for this
few of current Indian CM r also funded by US pic.twitter.com/tWrRjrWoEj
— Agenda Buster (@Starboy2079) October 13, 2022
इन 5 तरीकों से सरकार बदलने का खेल करती है CIA
ऐसे 5 तरीके हैं जिनके द्वारा एजेंसी पीएम को हटाती है और सरकार बदलती है। विपक्ष को फंडिंगः यदि सत्तारूढ़ दल उनका समर्थन नहीं करता है तो वे विपक्षी दलों को धन देते हैं, उन्हें अपने मीडिया के माध्यम से प्रचार करते हैं, उन्हें स्टार बनाते हैं, उनका खर्च वहन करते हैं। एजेंसी ने कई देशों में इसका इस्तेमाल किया। उदाहरण के लिए, 1963 वियतनाम: जनरल डोंग वान मिन्ह ने राष्ट्रपति न्गो दीन्ह को हटा दिया जो अमेरिका के अनुरूप नहीं थे। उन्हें अमेरिका द्वारा वित्त पोषित किया गया था। ब्राजील, ग्वाटेमाला और कई देशों में समान मामले हैं। अमेरिकी राज्य विभाग इसके लिए मुख्य एजेंसी है। वर्तमान भारतीय CM में से कुछ को भी अमेरिका द्वारा वित्त पोषित किया गया है।
he played a significant role in the transformation of the Congo from a colony of Belgium into an independent republic.
He was close to USSR
2001 report by the Belgian Commission describes U.S. and Belgian plots to kill Lumumba. Among them was Agency attempt to poison him. pic.twitter.com/GOz50svPrL
— Agenda Buster (@Starboy2079) October 13, 2022
एजेंसी हत्या करवाने से भी बाज नहीं आती
एजेंसी हत्या करवाने से भी बाज नहीं आती है। यदि विपक्षी दल सत्तारूढ़ सरकार को गिराने में विफल रहता है या यदि कोई विपक्ष और एक दल का शासन नहीं है तो अमित्र नेता को एजेंसी द्वारा मार दिया जा सकता है। उदाहरण के लिए 1961 में कांगो में पैट्रिस लुंबा पहले पीएम थे। वे कट्टर राष्ट्रवादी और ईमानदार थे। उन्होंने बेल्जियम के एक उपनिवेश से कांगो को एक स्वतंत्र गणराज्य में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह सोवियत संघ के करीब थे। बेल्जियम आयोग की 2001 की रिपोर्ट में लुमुम्बा को मारने के लिए अमेरिका और बेल्जियम की साजिशों का वर्णन किया गया है। उनमें से एजेंसी ने उसे जहर देने का प्रयास किया था।
activist, protestors do this work.
They oppose development work, organise protest, bandhFew people say covid was also agency's tool to destroy Chinese economy
Other famous cases r:
Chile in 1970
Salvador Allende won the 1970 Chilean presidential election, he nationalised pic.twitter.com/Mx8tQ3uOSG— Agenda Buster (@Starboy2079) October 13, 2022
अर्थव्यवस्था को नष्ट करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती
सरकार को उखाड़ फेंकने का तीसरा तरीका उनकी अर्थव्यवस्था को नष्ट करना है। लोग अपने आप सड़कों पर आ जाएंगे और सरकार बदल देंगे। इसके दो तरीके हैं। खुले ऑपरेशन – जहां अमेरिका ने रूस, उत्तर कोरिया, ईरान के साथ अब प्रतिबंध लगाए हैं और दूसरा गुप्त संचालन : उनका एनजीओ कार्यकर्ता, प्रदर्शनकारी यह काम करते हैं। विकास कार्यों का विरोध, धरना, बंद का आयोजन। कुछ लोगों का कहना है कि चीनी अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के लिए कोविड भी एजेंसी का उपकरण था।
copper mines.
Angry from this US Richard Nixon gave the order to overthrow Allende, he said "Make their economy scream"n with in 2 years
Inflation went to 200%
fiscal deficit surpassed 13 percent of GDPOnce IB said, Indian economy is reduced 3% every year due to NGO pic.twitter.com/7XdYYkxou7
— Agenda Buster (@Starboy2079) October 13, 2022
अन्य प्रसिद्ध मामले:1970 में चिली। साल्वाडोर अलेंदे ने 1970 में चिली के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की, उन्होंने तांबे की खदानों का राष्ट्रीयकरण किया। इससे अमेरिका नाराज हो गया और रिचर्ड निक्सन ने अलेंदे को उखाड़ फेंकने का आदेश दिया और कहा कि ‘उनकी अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दो’। और दो साल के भीतर महंगाई बढ़कर 200 फीसदी हो गई। राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 13 प्रतिशत को पार कर गया। एक बार आईबी ने कहा था, एनजीओ के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था हर साल 3% कम हो जाती है।
4. Media take over
fourth way is create anti govt propaganda by Media.
This work is executed by their journalist, social media influencers and fact checker human assets.Anti govt propaganda articles r planted.
Almost all major media is controlled by US pic.twitter.com/coTd3H7poy— Agenda Buster (@Starboy2079) October 13, 2022
मीडिया पर कब्जा, मीडिया के जरिये प्रोपेगेंडा फैलाना
चौथा तरीका है मीडिया द्वारा सरकार विरोधी प्रचार करना। यह कार्य उनके पत्रकार, सोशल मीडिया प्रभावितों और फैक्ट चेकर मानव संपत्ति द्वारा निष्पादित किया जाता है। सरकार विरोधी दुष्प्रचार लेख लगाए गए। लगभग सभी प्रमुख मीडिया अमेरिका द्वारा नियंत्रित होते हैं। फर्जी सोशल मीडिया हैंडल बनाए गए, प्रभावशाली सोशल मीडिया हैंडल को काम पर रखा गया, उनका चौबीसों घंटे काम सरकार और पीएम को गाली देना है।
उनका एजेंडा है-1. जनता की राय बदलना है। 2. सरकार विरोधी बयानबाजी करना है। भारत में यह कार्य IPSMF (IPS Media Foundation) द्वारा किया जाता है। इसका बैंगलोर स्थित एनजीओ जो भारतीय मीडिया को फंड करता है। एजेंसी ने इस रणनीति का इस्तेमाल अपने स्वयं के राष्ट्रपति ट्रम्प के लिए भी किया। यही काम भारत में मोदी के साथ भी किया जा रहा है।
अराजकता पैदा करनाः धरना, हड़ताल, गृहयुद्ध जैसी स्थिति पैदा करना
अंतिम तरीका देश में अराजकता, सड़क पर विरोध, धरना, हड़ताल, गृहयुद्ध जैसी स्थिति पैदा करना है। ईरान में 1953 का प्रसिद्ध मामला जब उन्होंने प्रधानमंत्री मोहम्मद मोसद्देग को हटा दिया जिन्होंने ईरान के तेल क्षेत्रों का राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश की थी। इमरान खान ने यह भी दावा किया कि चीन से करीबी होने के कारण अमेरिका ने उन्हें हटाया। 2014 में यूक्रेन में विक्टर यानुकोविच को हटाया गया जो कि पुतिन के करीबी थे और यूरोपीय संघ के समझौते के लिए सहमत नहीं थे। उसके खिलाफ एक बहुत बड़ा अभियान चलाया गया था और उसे हटा दिया गया था। और अमेरिका ने यूक्रेन को विनाश की धकेला। तो ऐसे 5 तरीके हैं जिनके द्वारा एजेंसी उन देशों में सरकारों को सत्ता से बेदखल करने का षडयंत्र रचते हैं जहां सरकार उनके अनुकूल नहीं होती। आप अब तक समझ ही गए होंगे कि इस समय अमेरिका के लिए नरेंद्र मोदी सरकार अनुकूल नहीं है। और वे उसे हटाने के लिए कुछ भी करेंगे।