जमीन घोटाले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। हेमंत सोरोन कितने भ्रष्ट हैं प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी कुंडली खोलकर रख दी है। सोरेन के व्हाट्सएप चैट पीएमएलए कोर्ट को दिखाए हैं। इनमें जमीन की लेनदेन, लैंड डील, ट्रांसफर-पोस्टिंग, भर्ती घोटाला, ठेकेदारी तक का जिक्र है। ये चैट मनी लांड्रिंग में गिरफ्तार किए गए हेमंत सोरेन और जमीन घोटाले के सूत्रधार बिनोद सिंह के बीच के हैं। ED के मुताबिक व्हाट्सएप चैट 539 पेज के हैं। इनमें से कुछ पन्ने कोर्ट में पेश किए हैं। इस चैट में पेपर लीक करने वाले गैंग से मिले पैसे, अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से मिले पैसे और साथ ही सरकारी जमीन के रिकॉर्ड साझा करने की जानकारी है। जेल अधीक्षक बनाने के लिए 75 लाख का ऑफर किए जाने की बात इस चैट में है। यही नहीं जांच एजेंसी ने सोरेन की एक BMW कार भी जब्त की थी। अब पता चला है कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और शराब कारोबारी धीरज साहू ने ये लक्जरी कार खरीद कर उन्हें दी थी। धीरज साहू के घर से ही आयकर विभाग ने 352 करोड़ रुपए जब्त किए थे। ईडी ने अब हेमंत सोरेन मामले में धीरज साहू को समन भेजा है।
आर्किटेक्ट बिनोद-हेमंत सोरेन के बीच 539 पेज चैट
ईडी ने आरोप लगाया कि इससे साफ जाहिर होता है कि हेमंत सोरेन ने ना सिर्फ फर्जी कागजातों और सरकारी कागजो में हेरफेर कर सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे थे बल्कि अपने पद का दुरुप्रयोग कर पैसे लेकर ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल में भी शामिल थे। ED का दावा है कि उनके पास बिनोद सिंह और हेमंत सोरेन के बीच व्हाट्सएप चैट के 539 पेज हैं। व्हाट्सएप चैट झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके खासमखास दोस्त बिनोद सिंह के बीच की है।
जमीन हथियाने वाला सिंडिकेट, ED के पास 11 बक्से में दस्तावेज
ED ने कोर्ट में कहा कि जमीन घोटाले का यह मामला एक अन्य आरोपित भानू प्रताप प्रसाद के यहां छापेमारी से प्राप्त जमीन के दस्तावेजों के आधार पर दर्ज किया गया है। यह छापेमारी अप्रैल 2023 में हुई थी। ED को इसमें 11 बक्से भरकर जमीनों के दस्तावेज मिले थे। इसमें 17 जमीन के असली रिकॉर्ड के रजिस्टर शामिल थे। ईडी ने कहा कि झारखंड में एक जमीन हथियाने वाला सिंडिकेट काम कर रहा था। यह जमीनों से संबधित कागजों में गड़बड़ी करके उन्हें हथिया रहा था।
अधिकारियों की मदद से सरकारी जमीनों पर किया कब्जा
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, हेमंत सोरेन ने अपने करीबी अधिकारियों की मदद से सरकारी जमीनों पर कब्जा किया।
‘कहीं का DC बना देना…नो रिलेशन प्योर कमर्शियल’, 2 करोड़ प्रति माह
बिनोद सिंह पेशे से अर्टिटेक्ट हैं। बोकारो और चाईबासा जेलसुपरिटेंडेंट के ट्रांसफर से जुड़ा कागज भी मोबाइल से बरामद हुआ है। कागज में ट्रांसफर पोस्टिंग का रेट लिखा है। बिनोद ने 07-06-2020 को हेमंत सोरेन को व्हाट्सएप किया था, जिसमें लिखा था ‘कहीं का DC बना देना…नो रिलेशन प्योर कमर्शियल’‘भाई दो करोड़ प्रति माह, मिल लो एक बार बड़ी पार्टी है ’। चैट में इसी तरह IAS शशि रंजन को हजारीबाग या बोकारो का DC बनाने के लिए पैरवी की गई थी। इसी तरह JSSC के तत्कालीन डिप्टी सेक्रेट्री रविराज शर्मा को RTA हजारीबाग का सेक्रेट्री या रांची नगर निगम का AMC और DRDA के ज्वाइंट सेक्रेटरी मोहम्मद हैदर अली को लातेहार का DDC बनाने की पैरवी भी की थी।
“Bhai 2cr/month”
“Kahi ka bhi DC bana dena”
“Mil lo ek baar. Badi party hai”These are excerpts of WhatsApp chat between Hemant Soren and his close associate Bindo Singh.
WhatsApp chats further revealed :
– properties confidential info
– transfer of postings
– sharing of… pic.twitter.com/kfa7gQIT23— The Hawk Eye (@thehawkeyex) February 8, 2024
चैट में खुलासा- काम होने के बाद जैसा आदेश होगा आपका
व्हाट्सएप चैट में लिखा है, ‘भाई अभी तक जितना भी सिफारिश किया है किसी से भी एक रुपया नहीं लिया है, काम होने के बाद जैसा आदेश होगा आपका, लेकिन रिक्वेस्ट है प्लीज कुछ केस कंसीडर कर लेना..I wish हम भी छोटे से सिस्टम का पॉर्ट होते’। इस व्हाट्सएप चैट में कई अधिकारियों के नाम और करंट पोस्टिंग के साथ वो कहां पोस्टिंग चाहते हैं, इसकी डिटेल भी बिनोद सिंह ने हेमंत सोरेन को व्हाट्सएप की हुई है।
हेमंत सोरेन ने एजेंसी को अपना मोबाइल नहीं दिया
हेमंत सोरेन ने जिस मोबाइल से दलाल बिनोद सिंह से चैट किया वो मोबाइल ED नहीं दे रहे हैं। जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि जांच के दौरान सोरेन से मोबाइल की मांग की गई लेकिन उन्होंने इसे पेश नहीं किया। इससे उनकी भूमिका और संदिग्ध हो जाती है और साथ ही जांच प्रक्रिया धीमी हो रही है।
भर्ती घोटालाः बिनोद सिंह के फोन से मिले एडमिट कार्ड
खास बात यह है कि बिनोद सिंह के साथ हेमंत सोरेन की जो बातचीत है उसमें साफ दिखाई दे रहा है कि मामला सिर्फ जमीन घोटाले या उस पर कब्जे का नहीं है बल्कि झारखंड में ट्रासंफर पोस्टिंग का भी खेल चल रहा था। इस ट्रांसफर पोस्टिंग के जरिए अवैध कमाई की जा रही थी। इसके अलावा, बिनोद के फोन से एजेंसी को झारखंड स्टाफ सलेक्शन कमीशन की परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों के एडमिट कार्ड की फोटो भी मिली है जिससे एजेंसी को शक है कि भर्तियों में भी घोटाला किया गया है।
धीरज साहू ने हेमंत सोरेन को दी थी BMW कार
ईडी ने हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित घर से एक BMW कार जब्त की थी। अब पता चला है कि ये कार कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और शराब कारोबारी धीरज साहू ने ये लक्जरी कार खरीद कर उन्हें दी थी और कार धीरज साहू के मानेसर स्थित घर के पते पर पंजीकृत थी। वही धीरज साहू जिनकी कंपनी से इनकम टैक्स ने 352 करोड़ रुपये जब्त किए थे। छापेमारी कर के ED ने साहू-सोरेन लिंक का पता लगाया।
ईडी ने हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित घर से जो बीएमडब्ल्यू जब्त की गई, वह कांग्रेस के सांसद धीरज साहू के मानेसर स्थित घर के पते पर पंजीकृत थी। वही धीरज साहू जिनकी कंपनी से इनकम टैक्स ने 352 करोड़ रुपये जब्त किए थे.
भ्रष्टाचार के दीमक को जड़ से खत्म केवल ईमानदार प्रधान सेवक श्री… pic.twitter.com/FQRUcZgVMG— Gaurav Bhatia गौरव भाटिया 🇮🇳 (@gauravbhatiabjp) February 8, 2024
ED ने कांग्रेस सांसद धीरज साहू को भेजा समन
ईडी ने झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू को समन भेजा है। एजेंसी हेमंत सोरेन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनका बयान दर्ज करेगी। धीरज प्रसाद के आवास पर दिसंबर 2023 में आयकर की अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी हुई थी। इस छापेमारी में उनके ओडिशा स्थित ठिकानों से 351 करोड़ से भी ज्यादा की नगद रकम बरामद की गई थी। ईडी को हेमंत सोरेन से धीरज साहू के संबंधों के कुछ सबूत हाथ लगे हैं।
हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को किया गया गिरफ्तार
हेमंत सोरेन को 31 जनवरी, 2024 को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड पर उन्हें भेजा था। अब में उनकी रिमांड 5 दिन और बढ़ा दी गई है। गिरफ्तारी के बाद उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी जगह चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बने हैं।