दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी और आम आदमी पार्टी (आप) की गुजरात प्रदेश के अध्यक्ष गोपाल इटालिया इन दिनों अपनी बदजुबानी के लिए चर्चा में हैं। गुजरात में चुनाव है और वहां पीएम मोदी और भारत को कमजोर वाली ताकतें सक्रिय हो गई हैं और उन्होंने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस के साथ ही अरविंद केजरीवाल और उनके करीबी गोपाल इटालिया को यह काम सौंप दिया है। गोपाल इटालिया यूं ही नहीं पीएम मोदी को ‘नीच’ और उनकी मां को नौटंकीबाज कह रहे हैं। गुजरात की महिलाओं का अपमान, महिलाओं को ‘सी’ शब्द से संबोधित करना, मंदिर और कथाओं में जाने वालों का अपमान करना, सनातन धर्म का अपमान करना… ये सब एक सोची समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है। यह रणनीति उस लेफ्ट लिबरल इकोसिस्टम का है जो विदेशी ताकतों के इशारे पर नाचते हैं। इन दिनों कई रिपोर्ट इस तरह भी आई हैं कि कुछ विदेशी ताकतें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से बेदखल करना चाहती है क्यों कि मोदी के रहते भारत में उनकी दाल नहीं गल रही है। आजादी के बाद से कांग्रेस जहां वर्षों तक इन विदेशी ताकतों का पिछलग्गू बनी रही है, वहीं पीएम मोदी के सत्ता संभालने के बाद ये ताकतें असहाय महसूस कर रही हैं। इसीलिए इन ताकतों ने अब लेफ्ट लिबरल इकोसिस्टम नफरत फैलाने का नया जिम्मा सौंपा है औप केजरीवाल और गोपाल इटालिया जिसके अगुवा बने हुए हैं।
बीजेपी गुजरात ने आम आदमी पार्टी,गुजरात के अध्यक्ष गोपाल इटालिया का एक वीडियो सार्वजनिक किया.
इस वीडियो में गोपाल इटालिया पीएम मोदी को नीच और पीएम मोदी कि मां हीरा बा को नाटकबाज बता रहे है। pic.twitter.com/r6GGnj6LrR
— Janak Dave (@dave_janak) October 13, 2022
ट्विटर यूजर विजय पटेल ने इटालिया की लेफ्ट लिबरल गैंग के साथ सांठ-गांठ पर ट्वीट की एक श्रृंखला प्रकाशित की है जो उनके भारत तोड़ो, गुजरात दंगों, शाहीन बाग, अर्बन नक्सलियों से गठजोड़ का खुलासा करते हैं।
2. In 2018 Anti Hindu and foreign-funded Shabnam Hashmi and his NGO arranged a program with the name " Dismantling India"
In Ahmedabad Gopal Italia and Altnews owner Nirjhari Sinha attended this event along with a few other communists pic.twitter.com/0WQ9wjsEXw
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 11, 2022
2018 में हिंदू विरोधी और विदेशी फंड से एनजीओ चलाने वाली शबनम हाशमी और उनके एनजीओ ने “डिसमेंटलिंग इंडिया” नाम से एक कार्यक्रम आयोजित किया। अहमदाबाद में गोपाल इटालिया और ऑल्टन्यूज़ की मालिक निर्झरी सिन्हा कुछ अन्य कम्युनिस्टों के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
शबनम हाशमी हमेशा मोदी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार के खिलाफ आवाज़ें उठाती रही थीं। पीएम मोदी जब केंद्र की सत्ता में आए तब उन्होंने कहा था, “आवाज़ें उठती रहेंगी जैसे पहले उठती थीं। असहमति और विरोध रहेंगे लेकिन इसे दबाने की कोशिशें अब बहुत ज़्यादा बढ़ जाएंगी और अब दमन अधिक बढ़ जाएगा। लेकिन आवाज़ें तो हिटलर के खिलाफ़ भी उठी थीं। उसके जो भी नतीजे हों आवाज़ें तो उठती रहेंगी।”
“डिसमेंटलिंग इंडिया” एक पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट थी जिसके लेखक एन रामदास (AAP के पूर्व लोकपाल और फोर्ड फाउंडेशन से जुड़े), हर्ष मंदर, कम्युनिस्ट कविता कृष्णन, विदेश से वित्त पोषित कॉलिन गोंजाल्विस और कई अन्य कम्युनिस्ट और उनके समर्थक हैं।
4. Shabnam Hashmi is the founder of ANHAD NGO which has received funds from many Christian NGOs in the past.
Her NGO also closely works with foreign-funded activists like Medha Patkar and Teesta Setalvad. pic.twitter.com/sfxQHOiKLj
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 11, 2022
शबनम हाशमी अनहद एनजीओ की संस्थापक हैं, जिसने अतीत में कई ईसाई गैर सरकारी संगठनों से धन प्राप्त किया है। उनका एनजीओ मेधा पाटकर और तीस्ता सीतलवाड़ जैसे विदेशी वित्त पोषित कार्यकर्ताओं के साथ भी काम करता है।
5 You can also see her involvement in anti-CAA protests and Farmer protests! pic.twitter.com/zq8iSwsJ9c
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 11, 2022
शबनम हाशमी ने सीएए का विरोध किया था और किसान आंदोलन के दौरान अराजकता फैलाने वालों का समर्थन किया था। वह गहरे वामपंथी और विदेशी वित्त पोषित गैर सरकारी संगठनों का हिस्सा हैं।
कृषि कानूनों की वापसी और अन्य मुद्दों पर केंद्र सरकार से सहमति होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किसान आंदोलन स्थगित किए जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुशी जताई थी। उन्होंने इसे लोकतंत्र की जीत बताते हुए इसके लिए पूरे देश को बधाई दे दी थी। इससे यह साफ होता है कि शबनम हाशमी और केजरीवाल एक ही इकोसिस्टम का हिस्सा हैं।
8. In 2018 he was actively working with Shabnam Hashmi and with her NGO.
You can see him with Shabnam Hashmi in this pre-planned interview. pic.twitter.com/IDHPr5Qnwb— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 11, 2022
अगर आपको लगता है कि गोपाल इटालिया ने शबनम हाशमी के साथ सिर्फ एक इवेंट में हिस्सा लिया है, तो आप गलत हैं। 2018 में वह सक्रिय रूप से शबनम हाशमी और उनके एनजीओ के साथ काम कर रहे थे। इस प्री-प्लांड इंटरव्यू में आप उन्हें शबनम हाशमी के साथ देख सकते हैं।
9. Let me introduce one more person who can be seen in the same video.
Mr. Gagan Sethi. He works for cartels of Ford Foundation-funded NGOs. He works for Oxfam too. pic.twitter.com/DrmUNY9JcE— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 11, 2022
अब मिलिए एक और शख्स गगन सेठी से। सेठी फोर्ड फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित गैर सरकारी संगठनों के कार्टेल के लिए काम करता है। वह ऑक्सफैम के लिए भी काम करता है।
10. He is the founder of Janvikas NGO which is funded by the Ford Foundation and other foreign NGOs
Is it just a coincidence that Arvind Kejriwal has also received funds and awards from the ford foundation? pic.twitter.com/C5aU5CNbm0— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 11, 2022
गगन सेठी जनविकास एनजीओ के संस्थापक हैं, जिसे फोर्ड फाउंडेशन और अन्य विदेशी गैर सरकारी संगठनों द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। क्या यह महज इत्तेफाक है कि अरविंद केजरीवाल को भी फोर्ड फाउंडेशन से फंड और अवॉर्ड मिल चुके हैं?
क्या यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल ने इटालिया को आप गुजरात का अध्यक्ष और सीएम उम्मीदवारों में से एक बनाया है? सोचिए अगर आप गुजरात में सत्ता में आती है तो सरकार कौन चलाएगा? शबनम हाशमी, मेधा पाटकर, तीस्ता सीतलवाड़, हर्ष मंदर और अन्य सभी कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं जैसे विदेशी वित्त पोषित लोग, जिन्होंने गुजरात में हर बड़ी बुनियादी परियोजनाओं के खिलाफ एक बड़ी भूमिका निभाई है।
3. He is a very good friend of AAP Gujarat President Gopal Italia.
You can see him with Gopal Italia at Multiple events!
As I have written he is not just a friend with him but he was also working for that NGO. pic.twitter.com/F7pX3olx0e— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 13, 2022
अब देव देसाई से मिलिए। वह एनजीओ अनहद के ट्रस्टी हैं। वह कई वर्षों से विदेशी वित्त पोषित और हिंदू विरोधी एनजीओ अनहद के साथ काम कर रहे हैं। वह आप गुजरात अध्यक्ष गोपाल इटालिया के बहुत अच्छे दोस्त हैं। आप उन्हें गोपाल इटालिया के साथ कई आयोजनों में देख सकते हैं! वह केवल दोस्त नहीं हैं बल्कि उस एनजीओ के लिए भी काम कर रहा था।
4. Now Let me show you how much deep root his friend Dev Desai has with the anti-Hindu leftist ecosystem!
Here you can see him with people like Umar Khalid, Shaila Raseed, Sanjeev Bhatt, and Medha Patkar! pic.twitter.com/xxdL526oEA— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 13, 2022
अब देखिए इटालिया के मित्र देव देसाई की हिंदू विरोधी वामपंथी पारिस्थितिकी तंत्र से कितनी गहरी जड़ें हैं! यहां आप उन्हें उमर खालिद, शैला रसीद, संजीव भट्ट और मेधा पाटकर जैसे लोगों के साथ देख सकते हैं!
5. It seems that he has a special friendship with Jignesh Mevani pic.twitter.com/W9deVwNpxD
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 13, 2022
जिग्नेश मेवाणी से उनकी खास दोस्ती है। मेवाणी इस समय कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। हालांकि, पार्टी की सदस्यता के बिना ही जिग्नेश मेवाणी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने को लेकर भी कई तरह के सवाल भी उठे।
6. He has a similar special friendship with Salman Nizvi too! pic.twitter.com/4DtmeKE1hu
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 13, 2022
सलमान निजवी से भी है उनकी कुछ ऐसी ही खास दोस्ती!
7. You can add one more person Kanhaiya Kumar to his friendship. pic.twitter.com/56UtdYhpea
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 13, 2022
आप एक और शख्स कन्हैया कुमार को उसके दोस्तों में शामिल कर सकते हैं। कन्हैया कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो चुके हैं। कन्हैया ने आतंकवादी अफजल गुरु और मकबूल भट की फांसी की सजा के खिलाफ प्रदर्शन किया था। जेएनयू में कन्हैया कुमार की ओर से ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ के नारे लगाये गये थे।
8. You can see that these people have direct contact with Big Congress politicians too! pic.twitter.com/qcOg7rQX7Z
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 13, 2022
इससे जाहिर होता है कि इन लोगों का सीधा संपर्क कांग्रेस के बड़े नेताओं से भी है! क्या यही वजह है कि गुजरात की राजनीति में कांग्रेस सक्रिय नहीं है? क्या यही कारण है कि कांग्रेस ने गुजरात में अभी तक अपना अभियान शुरू नहीं किया है? क्या कांग्रेस और आप के बीच डील हो चुकी है?
10. It is also interesting that AAP leader Isudan Gadhvi introduced him as a social activist in his debate show while he was working as a journalist! pic.twitter.com/8yvbhGRmDx
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 13, 2022
यह भी दिलचस्प है कि आप नेता इसुदान गढ़वी ने अपने डिबेट शो में एक पत्रकार के रूप में काम करते हुए उन्हें एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पेश किया!
10. It is also interesting that AAP leader Isudan Gadhvi introduced him as a social activist in his debate show while he was working as a journalist! pic.twitter.com/8yvbhGRmDx
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 13, 2022
इसी प्रकार अन्य गुजराती मीडिया ने भी उन्हें एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में स्थान दिया है! आप उन्हें देवांशी जोशी और कुछ अन्य लोगों के शो में देख सकते हैं! हैरानी की बात है कि गुजराती प्रिंट मीडिया ने उन्हें एक किसान नेता के रूप में पेश किया है!
13. People blame AIMIM as the B team of BJP but let me introduce one more person from this cartel!
This is AIMIM spoke person Uves Malik.
He is also a best friend of Gopal Italia and Dev Desai! pic.twitter.com/YOeEQfgRZq— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 13, 2022
कुछ लोग AIMIM को बीजेपी की बी टीम करार देते हैं लेकिन यहां AIMIM के प्रवक्ता उवेस मलिक के किससे संबंध हैं यह देखिए। वह गोपाल इटालिया और देव देसाई के सबसे अच्छे दोस्तों में से हैं!
14. So These NGOs get a donation for relief work or protest against the government?
You will find them in every protest! Be it an Anti-CAA protest, Farmer protest or Protest against any development projects. For example, Sardar Sarovar Dam. pic.twitter.com/dToUPc0nOG— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 13, 2022
इन एनजीओ को देश में राहत कार्य के लिए चंदा मिलता है या सरकार का विरोध करने के लिए? देश में जहां कहीं धरना प्रदर्शन होता है आप उन्हें हर विरोध में पाएंगे! चाहे वह सीएए का विरोध हो, किसान आंदोलन हो या किसी भी विकास परियोजना के खिलाफ विरोध हो। उदाहरण के तौर पर सरदार सरोवर बांध का विरोध हम सबने देखा है।
15. Even you will find them in propaganda against our army. These people will target our army in the name of support to Kashmir. pic.twitter.com/gslP7qhCfJ
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 13, 2022
यहां तक कि आप उन्हें हमारी सेना के खिलाफ प्रचार में भी पाएंगे। ये लोग कश्मीर को समर्थन देने के नाम पर हमारी सेना को निशाना बनाते हैं। देश अगर देशविरोधी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई करता है तो ये उसका विरोध करते हैं। देश अगर सर्जिकल स्ट्राइक करता है तो ये उसका सबूत मांगते हैं।
16. Here is Dev Desai with Altnews owner Nirhari Sinha.
This is the reason why Zubair was targeting @NCWIndia President in the favor of Gopal Italia! pic.twitter.com/8EisC2HZiC
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 13, 2022
यहां Altnews की मालिक निर्झरी सिन्हा के साथ देव देसाई हैं। यही वजह है कि जुबैर राष्ट्रीय महिला आयोग को निशाना बना रहे थे और गोपाल इटालिया का समर्थन कर रहे थे।
17. Her son and co-founder of a propaganda website Altnews Pratik Sinha has tried to instigate Dalits by organizing a rally and media and social media campaign after the Una incident with the same people and cartel pic.twitter.com/3HjDyflqFx
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 13, 2022
Altnews की मालिक निर्झरी सिन्हा के बेटे और एक प्रोपेगेंडा वेबसाइट Altnews के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने उन्हीं लोगों और कार्टेल के साथ ऊना की घटना के बाद एक रैली की और मीडिया और सोशल मीडिया अभियान चलाकर दलितों को भड़काने की कोशिश की है।
*आम आदमी पार्टी गुजरात के अध्यक्ष गोपाल ईटालिया कि अमर्यादित भाषा*???? pic.twitter.com/Ywwf2ZryKy
— Neha Patel ??? (@Narmada85819770) October 13, 2022