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जी 20 सम्मेलन : होटल और आतिथ्य उद्योग की चांदी, दिल्ली और एनसीआर में सैकड़ों करोड़ कमाई की उम्मीद

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जी-20 की अध्यक्षता के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने दुनियाभर के देशों के सामने ब्रैंड इंडिया की छवि मजबूत बनाया है। इसकी शुरुआत पीएम मोदी ने इंडोनेशिया में हुए जी-20 समिट से की थी। उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों से बने उत्पाद दुनिया के दिग्गज नेताओं को तोहफे में दिए थे। देश के 50 से ज्यादा शहरों में जी-20 से जुड़े करीब 200 आयोजन किए गए। इसके जरिए टूरिज्म को बढ़ावा दिया गया और दुनिया के देशों में भारत के पर्यटन स्थलों की लोकप्रियता बढ़ी है। इन कार्यक्रमों के जरिए मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट को दुनिया के सामने रखा गया। इससे दुनियाभर के देशों के बीच भारत में बने उत्पादों की पहुंच बढ़ेगी। इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। अब देश की राजधानी दिल्ली में 9 व 10 सितंबर 2023 को जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। इससे होटल और आतिथ्य उद्योग की चांदी हो गई है। दिल्ली के कई पांच सितारा होटलों में अब बढ़ी हुई कीमतों पर भी कमरे नहीं मिल रहे हैं। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि देशभर में हुए आयोजनों से होटल उद्योग को कितनी कमाई हुई होगी। कोरोना से मुरझाए होटल उद्योग के चेहरे पर अब चमक लौट आई है। 

दिल्ली के होटलों में कमरे की कीमतें 400 प्रतिशत बढ़ी
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, देश की राजधानी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित होने मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सभी पांच सितारा होटलों में 100 प्रतिशत बुकिंग हो गई है और कीमतों में 400 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है। 18वां G20 राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों का शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में प्रगति मैदान में हाल ही में उद्घाटन किए गए अत्याधुनिक सम्मेलन परिसर में होने वाला है। शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जैसे मेहमान शामिल होंगे।

दिल्ली के प्रमुख होटलों में 100 प्रतिशत बुकिंग
ताज महल, ताज पैलेस, आईटीसी मौर्य शेरेटन, ली मेरिडियन, शांगरी-ला, द ललित, इंपीरियल, ओबेरॉय और लीला सहित राजधानी के सबसे प्रीमियम होटलों ने 6-11 सितंबर के बीच लगभग सभी तारीखों के लिए उपलब्धता पहले ही बंद कर दी है। इसके अलावा द क्लेरिजेस, इरोस, प्राइड होटल जैसे अन्य होटलों में 8-10 सितंबर तक 100 प्रतिशत बुकिंग देखी जा रही है। नेहरू प्लेस स्थित इरोस होटल में भी 100 प्रतिशत बुकिंग देखी जा रही है।

एयरपोर्ट के पास स्थित होटलों में भी 95 प्रतिशत बुकिंग
दिल्ली में अधिकतर होटलों में 100 प्रतिशत बुकिंग के पश्चात एयरपोर्ट के पास स्थित होटलों में भी लगातार बुकिंग हो रही है। प्राइड होटल्स ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष अतुल उपाध्याय के अनुसार, सितंबर में होने वाली G20 बैठकों से बुकिंग में जोरदार उछाल आया है। “हमने वर्तमान में इस आयोजन के लिए विशेष रूप से निर्धारित 500 से अधिक कमरों के लिए सामूहिक रूप से पुष्टि और अस्थायी दोनों आरक्षण सुरक्षित कर लिए हैं।” उपाध्याय ने कहा कि उन्हें उम्मीद उनकी बुकिंग 95 प्रतिशत से ऊपर हो जाएगी।

होटल कमरे के किराए 4 गुना तक बढ़े
दिल्ली के प्रमुख होटलों में G20 बैठक के दौरान कमरे की दरें मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़कर 60,000 रुपये हो गईं। इसके अलावा लगभग सभी प्रीमियम संपत्तियों में कमरे की दरें दोगुनी हो गई हैं, कई की कीमतें उनकी सामान्य कीमतों से 4 गुना तक बढ़ी हैं। बहुत कम प्रीमियम होटलों में केवल कुछ ही कमरे उपलब्ध हैं और सभी की कीमतें काफी अधिक हैं। उदाहरण के लिए, ली मेरिडियन में उपलब्ध कमरों की कीमत प्रति रात 60,000 रुपये है, जबकि अगस्त के अंत में उसी कमरे की दर 15,000 रुपये से कम है। ताज पैलेस में भी, पहले सप्ताह में कमरों की शुरुआती कीमत सितंबर का शुल्क 25,000 रुपये प्लस टैक्स है। 13 सितंबर के बाद, वही कमरा 15,000 रुपये में उपलब्ध है। कुल मिलाकर, कमरे की कीमतों में 3-4 गुना वृद्धि हुई है, और यह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लगभग सभी 5-सितारा होटलों में हुआ है।

वीवीआईपी के लिए 24 पांच सितारा होटल 10 सितंबर तक बुक
सरकार ने विश्व नेताओं और वीवीआईपी जी20 नेताओं के ठहरने के लिए दिल्ली-एनसीआर में 24 पांच सितारा होटलों की पहचान की है। ये होटल पूरी तरह से बुक हैं और 6 और 10 सितंबर तक आम जनता के लिए प्रतिबंधित रहेंगे। इनमें भी ताज पैलेस, ताज मानसिंह, आईटीसी मौर्य, शांगरी ला, ली मेरिडियन, लीला, ललित और इंपीरियल जैसे होटलों की मांग काफी ज्यादा है क्योंकि ये होटल प्रगति मैदान में जी20 आयोजन स्थल के करीब हैं।

3 और 4 सितारा होटलों में भी कमरे की दरें बढ़ी
G20 बैठक के मद्देनजर केवल प्रीमियम होटलों में कमरे की दरें ही नहीं बढ़ी है बल्कि 3 और 4 सितारा होटलों भी बुकिंग में वृद्धि देखी जा रही है और इस प्रकार कमरे की दरें भी बढ़ गई हैं। यह एक साधारण आपूर्ति-मांग का मामला है। होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचएआई) के महासचिव एमपी बेजबरुआ ने कहा, मांग बहुत तेजी से बढ़ी है जबकि आपूर्ति वही है। उन्होंने कहा, “एरोसिटी और अन्य एनसीआर क्षेत्रों के होटलों में अच्छी खासी बुकिंग देखी जा रही है, जिनमें से कई दिल्ली की यात्रा करने वाली मीडिया टीमों के लिए होंगी।”

दिल्ली में प्रेसिडेंट सुइट की कीमत 20 लाख रुपये तक
सीएनबीसीटीवी18 की रिपोर्ट के अनुसार, उद्योग के सूत्रों ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन की तारीखों के दौरान शीर्ष सात-आठ पांच सितारा होटलों में एक प्रेसिडेंशियल सुइट की कीमत प्रति दिन 20 लाख रुपये तक हो सकती है। कई G20 देशों ने प्रेसिडेंशियल सुइट्स के लिए विशेष अनुरोध किया है और होटल उसी के अनुरूप उसमें नवीनीकरण कर रहे हैं।

कोरोना से मुरझाए होटल उद्योग के चेहरे पर आई चमक
कोविड के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टर में होटल उद्योग ही रहा था लेकिन अब जी-20 से उनके चेहरे पर चमक आ गई है। आतिथ्य एक ऐसा उद्योग था जो कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ था। 2020 के दौरान औसत होटल बुकिंग दर 33-36 प्रतिशत रही और होटलों ने व्यवसाय को आकर्षित करने के लिए टैरिफ में काफी कमी की, जिससे प्रति उपलब्ध कमरा राजस्व घटकर 1,500 रुपये – 1,800 रुपये के निराशाजनक निचले स्तर पर आ गया, जैसा कि आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में उल्लेख किया गया है। लेकिन G20 का आयोजन उन्हें हुए नुकसान की भरपाई करने का अवसर लेकर आया है।

होटल उद्योग को 5-10 वर्षों में सबसे ज्यादा उछाल की उम्मीद
होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के फेलो सदस्य और सरोवर होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अजय बकाया ने कहा, “एक उद्योग के रूप में हम सभी जी20 शिखर सम्मेलन का इंतजार कर रहे हैं। यह दिल्ली में आयोजित अब तक के सबसे बड़े आयोजनों में से एक है और कोविड के बाद सबसे बड़ा आयोजन है। इससे होटल उद्योग को 5-10 वर्षों में सबसे ज्यादा उछाल मिल सकता है। हमारे पास सब कुछ है। इस अवधि के दौरान किसी भी छुट्टी की अनुमति नहीं दी जा रही है।”

शिखर सम्मेलन के लिए 3,000 पत्रकारों को मान्यता
सिर्फ पांच सितारा होटल ही नहीं, बल्कि तीन सितारा और उससे ऊपर के सभी होटलों की जोरदार मांग है। वीवीआईपी और वीआईपी के अलावा, शिखर सम्मेलन के लिए सहायक कर्मचारियों, एयर क्रू, प्रोटोकॉल टीमों और पत्रकारों की बड़ी टीमें भारत आ रही हैं। शिखर सम्मेलन के लिए भारत और विदेश से लगभग 3,000 पत्रकारों को मान्यता दी गई है। बकाया ने कहा कि एयरोसिटी और सेंट्रल दिल्ली के होटलों सहित दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में कम से कम 100 होटलों की मजबूत मांग है। जिन लोगों को दिल्ली में कमरे नहीं मिल पाते, वे नोएडा और गुरुग्राम में भी आवास ले सकते हैं।

टूर एंड ट्रेवल कंपनियां को भी होगी मोटी कमाई
विश्वभर से आने वाले मेहमानों के लिए बड़े-बड़े टूर एंड ट्रेवल कंपनियां जुटी हुई है। ज्यादातर कंपनियों की टैक्सी बुक हो गई है। ज्यादा मांग बढ़ने वाली वजह से कई टैक्सी कंपनियों को नई-नई टैक्सी खरीदकर होटल ऑपरेटर को देना पड़ रहा है। दूसरी तरफ छोटे टूर एंड ट्रेवल कंपनियों की भी चांदी हो गई है और मनमाना रेट वसूल रहे है। चूंकि दिल्ली वाले सैर सपाटे के शौकीन होते हैं और तीन दिनों की छुट्टी की वजह से इस शौक को पूरा करने के लिए दिल्ली से बाहर जाने की तैयारी में है। इस वजह से टैक्सी की बुकिंग धड़ल्ले से चल रही है।

दिल्ली में में बढ़ी करोड़ों रुपये वाली लग्जरी कारों की डिमांड
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में जी-20 समिट से पहले महंगी गाड़ियों की डिमांड बढ़ गई है। राजधानी की एक कार रेंटल फर्म ने कुछ दिन पहले ही एक शानदार जर्मन कार मर्सिडीज मेबैक को 3 करोड़ रुपये से अधिक में खरीदा है। यह कंपनी के लिए एक असाधारण खर्च की तरह लग सकता है। हालांकि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान ऐसी कारों की मांग है। ऐसे में मर्सिडीज मेबैक एक बड़ा निवेश है। ट्रैवल और टूर कंपनियों के पास लगभग सभी लग्जरी वाहन बिक चुके थे। ऐसे में अब वे डिमांड को पूरा करने के लिए आगरा, चंडीगढ़, जयपुर और उदयपुर जैसे स्थानों से महंगी गाड़ियों की व्यवस्था कर रहे हैं।

1000 से अधिक लग्जरी गाड़ियों की डिमांड
जी-20 सम्मेलन में 20 से अधिक सदस्य देश और नौ विशेष आमंत्रित देशों के नेता, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, व्यापार और सुरक्षा प्रतिनिधिमंडलों के प्रतिनिधियों दिल्ली पहुंचेंगे। इस आयोजन के दौरान एक हजार से अधिक लग्जरी गाड़ियों की जरूरत पड़ने की उम्मीद 20 से अधिक जी20 सदस्य देशों और नौ विशेष आमंत्रित देशों के नेताओं के अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और व्यापार और सुरक्षा प्रतिनिधिमंडलों के प्रतिनिधियों के साथ शहर में पहुंचने के साथ, दिल्ली इस आयोजन के दौरान आवश्यक उच्च-स्तरीय वाहनों की संख्या एक हजार से अधिक होने की उम्मीद है।

हाथ के इशारे से बंद हो जाता है दरवाजा
पुनिया ट्रेवल के पास 300 वाहनों का काफिला है। कंपनी के निदेशक हरमन सिंह ने 8-11 सितंबर तक होने वाले जी-20 समिट के मद्देनजर मर्सिडीज मेबैक एस 580 खरीदी है। इस कार का दरवाजा हाथ के इशारे से बंद हो जाता है। हरमन को उनकी उम्मीद का फल मिल सकता है। उनका दावा है कि हर घंटे में कम से कम एक बार मर्सिडीज मेबैक के लिए फोन आ रहे हैं। यह दिल्ली में सफर के लिए सबसे भव्य और महंगी सिडान है।

30 हजार से 1 लाख रुपये तक गाड़ियों का किराया
मान टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट सर्विस के डायरेक्ट अमृत मान कहा कि मर्सिडीज एस क्लास, बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज, मर्सिडीज ई क्लास, बीएमडब्ल्यू 5 सीरीज और उनके जैसी कारों की भारी मांग है। मर्सिडीज जीएलएस और ऑडी क्यू7 जैसी पॉश एसयूवी और टोयोटा कम्यूटर, टोयोटा कोस्टर, मर्सिडीज स्प्रिंटर कोस्टर, मर्सिडीज स्प्रिंटर और फोर्स अर्बनिया जैसी वैन की भी मांग की जा रही है। मान ने कहा कि पूरे दिन का किराया अब एक मर्स ई क्लास के लिए 30,000-50,000 रुपये और एस क्लास के लिए 65,000-1 लाख रुपये तक है।

दूतावासों से लग्जरी गाड़ियों की डिमांड
टूर उद्योग के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि मेजबान देश के रूप में, भारत कार्यक्रम के लिए प्रत्येक दूतावास को एक मर्सिडीज एस या ई क्लास, एक टोयोटा कम्यूटर, दो इनोवा क्रिस्टा और एक वैन प्रदान करेगा। हालांकि, आवश्यकता बहुत अधिक है, और सभी दूतावासों का ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट बाजार से सोर्सिंग करके उनकी जरूरतों को पूरा करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम अब उन्हें बता रहे हैं कि वे जिस विशेष वाहन को चाहते हैं, उसे अन्य शहरों से लाना होगा। ऐसे में इसकी कीमत बहुत अधिक होगी। कुछ दूतावासों की आवश्यकताएं 100 वाहनों तक होती हैं।

होटल सेक्टर ने जताई थी 850 करोड़ रुपये आमदनी की उम्मीद
इससे पहले जनवरी में जब देश के कई शहरों में जी-20 की बैठकें शुरू हुईं तब होटल सेक्टर ने इस आयोजन से 850 करोड़ रुपये का फायदा होने की उम्मीद जताई थी। हॉस्पिटैलिटी सेक्टर का मानना था कि भारत में होने वाली जी-20 की बैठकों के लिए आने वाले प्रतिनिधिमंडल से संबंधित यात्रा और उनकी ठहरने की जरूरतों को पूरा कर करीब 850 करोड़ रुपये की इनकम हासिल की जा सकती है। साथ ही इस दौरान भविष्य में इस सेक्टर के ग्रोथ के लिए मजबूत नींव रखी जा सकती है। जी-20 प्रेजिडेंशियल ईयर में भारत देशभर में 59 विभिन्न स्थानों में 200 से अधिक बैठकों की मेजबानी कर रहा है। इसमें 20 देशों के 1.5 लाख से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है।

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