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मोदी सरकार ने मनरेगा मजदूरों को दी बड़ी राहत, बढ़ाई बायोमेट्रिक्स वेरिफिकेशन की समय सीमा, ग्रामीण गरीबों को होगा फायदा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित है। पिछले नौ सालों में मोदी सरकार ने गरीबी दूर करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं ने करोड़ों लोगों को गरीबी रेख की सीमा से बाहर निकालने में मदद की है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने पिछले दो तीन दिनों में गरीबों के हित में दो बड़े फैसले किए हैं। जहां रक्षाबंधन के त्योहार से पहले घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में 200 रुपये की कटौती कर माताओं, बहनों और गरीबों को बड़ा तोहफा दिया, वहीं मनरेगा मजदूरों की बायोमेट्रिक्स वेरिफिकेशन की समय सीमा बढ़ाकर बड़ी राहत दी है। अब मनरेगा में काम करने वाले मजदूर 31 दिसबंर तक आधार की वेरिफिकेशन करा सकते हैं।  

दरअसल मोदी सरकार ने मनरेगा में फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार रोकने और मजदूरों को समय पर पूरी मजदूरी भुगतान करने के लिए इस साल 28 फरवरी से बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन लागू करने का फैसला लिया था। इस फैसले के बाद ऐसे मजदूर जिनका बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन नहीं हुआ है। उनको काम मिलना बंद हो गया था। अब मोदी सरकार ने राज्यों को चिट्ठी लिखकर स्पष्ट किया है कि जिन लोगों का आधार वेरिफिकेशन नहीं हुआ है, उन्हें काम के लिए मना नहीं किया जा सकता है। केंद्र सरकार के इस निर्देश के बाद अब राज्य सरकारें बिना आधार नंबर के काम देने से इनकार नहीं कर सकती हैं। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद मनरेगा मजदूरों को बड़ी राहत मिलेगी।

मोदी सरकार ने मनरेगा के लाभार्थियों को एपीबीएस उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। आधार पेमेंट ब्रिज सिस्टम (APBS) को डीबीटी के माध्यम से वेतन भुगतान के लिए सबसे प्रभावी तरीका माना गया है। इसके जरिए लाभार्थी को समय पर पैसों का भुगतान कर दिया जाता है। अगर योजना के डेटाबेस में आधार जानकारी अपडेट होने के बाद लाभार्थी का स्थान या बैंक खाता नंबर बदल जाता है, तो उन्हें खाता नंबर अपडेट करने की आवश्यकता नहीं है। एपीबीएस का उपयोग करके किए गए भुगतान केवल उसी खाते में जमा होंगे जो इससे जुड़ा हुआ है। एपीबीएस 2017 से महात्मा गांधी नरेगा के तहत उपयोग में है।  

गौरतलब है कि वर्तमान समय में 14.33 करोड़ एक्टिव लाभार्थियों में से केवल 13.97 करोड़ आधार से लिंक हैं। इनमें से भी 13.34 करोड़ आधार ऑथेंटिक मिले हैं। इसके अलावा 81.89 प्रतिशत एक्टिव कर्मचारी एपीबीएस के लिए योग्य हैं। जुलाई 2023 में लगभग 88.51 प्रतिशत वेतन और मजदूरी का भुगतान एपीबीएस के जरिए हुआ है। बायोमेट्रिक सिस्टम से न केवल फर्जी उपस्थिति की शिकायतें दूर होंगी बल्कि काम के घंटे का भी सही आकलन भी हो सकेगा। साथ ही रोजाना श्रमिकों को मिलने वाले काम का सही आंकड़ा भी मिल सकेगा। इससे मनरेगा मजदूरों के मास्टर रोल में इंट्री की शिकायत से छुटकारा मिलेगा। मनरेगा कार्यो में चल रहे हाजिरी के खेल पर रोक लगेगी। इसके साथ ही किसी भी तरह के गड़बड़ी की शिकायत दूर हो जाएगी।

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