Home समाचार भ्रष्टाचारियों की शरणस्थली बनी कांग्रेस, राहुल को भ्रष्ट नसीमुद्दीन में दिखीं खूबियां

भ्रष्टाचारियों की शरणस्थली बनी कांग्रेस, राहुल को भ्रष्ट नसीमुद्दीन में दिखीं खूबियां

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कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचारियों की शरणस्थली है, यह एक बार फिर साबित हो गया है। गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी के पूर्व नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। उन्हें कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर की मौजूदगी में पार्टी में शामिल किया गया। आपको बताते हैं कि ये वही नसीमुद्दीन सिद्दीकी हैं, जो बीएसपी की सरकार के दौरान कद्दावर मंत्री थे और उन पर करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इतना ही नहीं पिछले वर्ष बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने भी उन्हें करोड़ों का फंड गबन करने के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था।

कांग्रेस की भ्रष्ट संस्कृति से मेल खाते हैं नसीमुद्दीन
हैरत की बात ये है कि सिर से पैर तक भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरा यह नेता आज कांग्रेस पार्टी के लिए हीरा बन गया है। दरअसल नसीमुद्दीन सिद्दीकी कांग्रेस की भ्रष्ट संस्कृति से काफी मेल खाते हैं। आजादी के बाद से लाखों करोड़ के घोटालों में लिप्त रही कांग्रेस पार्टी को भ्रष्टाचार में डूबे नेता खासे रास आते हैं, यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी नसीमुद्दीन सिद्दीकी को हाथोंहाथ ले रही है।

भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे रहे हैं नसीमुद्दीन
पूर्व सीएम मायावती की सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश में कद्दावर मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर अपने मंत्रीपद का दुरुपयोग कर करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने का आरोप लग चुका है। मई 2017 में जब नसीमुद्दीन को बीएसपी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था, तब उन पर बेनामी संपत्ति से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बूचड़खाने लगवाने, बीएसपी की सरकार के नाम पर लोगों से पैसे उगाहने, चुनाव के दौरान टिकट बांटने में उगाही करने के आरोप लगाए गए थे।

कांग्रेस में आने पर धुल जाते हैं भ्रष्टाचार के दाग
कांग्रेस की फितरत ऐसी रही है कि अगर नेता दूसरी पार्टी में है तो वो भ्रष्टाचारी है और उसकी पार्टी में शामिल हो जाए तो वो पाक साफ हो जाता है। इन्हीं नसीमुद्दीन सिद्दीकी को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान पानी पी-पी कर कोसते थे। नसीमुद्दीन सिद्दीकी बुंदेलखंड इलाके से आते हैं। एक चुनावी रैली में तो राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया था कि बुंदेलखंड के विकास के पैसों से नसीमुद्दीन के परिजनों ने ट्रैक्टर खरीदें हैं। बीएसपी नेता के तौर पर नसीमुद्दीन सिद्दीकी के निशाने पर हमेशा कांग्रेस पार्टी रही है। चुनावों के दौरान नसीमुद्दीन भी राहुल गांधी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते रहे हैं। नसीमुद्दीन ने न सिर्फ कांग्रेस को सबसे भ्रष्ट पार्टी बताया था बल्कि राहुल गांधी को कांग्रेस का युवराज बताते हुए वंशवाद की राजनीति को लेकर हमला भी बोला था। अब कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में आगे के चुनावी समीकरण देखने हैं, तो दोनों को एक दूसरे में कोई बुराई नजर नहीं आ रही है। हालांकि नसीमुद्दीन को शामिल करने का विरोध भी कांग्रेस में हो रहा है, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के कई नेता इसे आत्मघाती कदम बता रहे हैं।

राहुल गांधी और उनकी पार्टी हमेशा भ्रष्टाचार में डूबे लोगों के साथ खड़ी नजर आती है। आपको बताते हैं किन-किन राज्यों में राहुल गांधी ने भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे नेताओं और पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है।

भ्रष्टाचार में घिरे लालू यादव के परिवार के साथ कांग्रेस
यह कोई पहला वाकया नहीं है, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भ्रष्टाचार में लिप्त रहे नेताओं का साथ पसंद आता है। बिहार में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनकी पार्टी आरजेडी के साथ कांग्रेस का गठबंधन इसका पक्का सबूत है। चारा घोटाले के मामले में लालू यादव जेल में बंद हैं, उनके बेटे, बेटियों पर भ्रष्टाचार के जरिए अकूल दौलत और संपत्ति अर्जित करने के मामले चल रहे हैं। कांग्रेस पार्टी को यह सब अच्छा लगता है, यही वजह है कि बिहार में लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस और आरजेडी मिलकर लड़ रहे हैं।

अखिलेश के साथ किया था गठबंधन
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। राहुल गांधी एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ चुनाव प्रचार करते नजर आए थे। गठबंधन करने से पहले राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भ्रष्टाचार, परिवारवाद को लेकर आरोप लगाते थे। अखिलेश यादव की सरकार पर लखनऊ में गोमती फ्रंट, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे निर्माण में करोड़ों की धांधली के आरोप लगे थे। राहुल गांधी चुनावी फायदे के लिए सब भूल गए और अखिलेश यादव के साथ खड़े हो गए।

तमिलनाडु में डीएमके के साथ गठबंधन
भ्रष्टाचारियों के साथ कांग्रेस पार्टी की पटरी कैसे मेल खाती है इसका उदाहरण तमिलनाडु में भी देखने को मिलता है। यहां राहुल गांधी ने डीएमके के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद डीएमके को सबसे भरोसेमंद सहयोगी बता चुके हैं। डीएमके के नेता किस तरह भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं यह किसी से छिपा नहीं है। यूपीए सरकार के दौरान डीएमके के मंत्री ए राजा और डीएमके नेता करुणानिधि की बेटी कनिमोझी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी को इससे कोई मतलब नहीं था।

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