प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को हर तरह से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसमें उन्हें लगातार सफलता भी मिल रही है। अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत विश्व में अपना झंडा गाड़ रहा है। वहीं तकनीकी के क्षेत्र में भारत एक के बाद एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर रहा है और नए-नए इतिहास रच रहा है। मोदी सरकार इसका लाभ देशवासियों को भी उपलब्ध करा रही है। इसी कड़ी में मोदी सरकार ऊर्जा और कृषि के क्षेत्र में एक और बड़ी हरित क्रांति लाने की तैयारी कर रही है, जिससे ना सिर्फ वाहनों के लिए कच्चे तेल यानी इथेनॉल के उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर होगा, बल्कि लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, किसान अन्नदाता से ऊर्जा उत्पादक बनकर खुद आत्मनिर्भर बनेंगे और देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
दरअसल भारत में इथेनॉल के उत्पादन और उसके इस्तेमाल की दिशा में तेजी से काम हो रहे हैं। इससे पेट्रोल पर निर्भरता कम होने के साथ ही उसकी कीमतों में भी भारी गिरावट आएगी। उदयपुर के प्रतापगढ़ में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इथेनॉल और उसके इस्तेमाल को लेकर एक बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि किसान अब अन्नदाता नहीं ऊर्जादाता बनेगा। ये हमारी सरकार की सोच है। और इसी लिए अगस्त महीने में टोयोटा कंपनी की गाड़ियों को लॉन्च कर रहा हूं। अब सभी गाड़ियां किसानों के तैयार किए इथेनॉल पर चलेंगी। 60 प्रतिशत इथेनॉल और 40 प्रतिशत बिजली उसका अगर एवरेज पकड़ा जाएगा तो 15 रुपये लीटर पेट्रोल का भाव होगा। जनता का भला होगा। किसान ऊर्जादाता बनेगा। देश का प्रदूषण कम होगा। इम्पोर्ट कम होगा। 16 लाख करोड़ रुपये का इंपोर्ट है। उसके बजाय ये पैसा किसानों के घर में जाएगा। गांव समृद्ध और संपन्न बनेंगे। किसान के बेटों को भी रोजगार मिलेगा। और इस देश का किसान केवल अन्नदाता नहीं ऊर्जादाता बनेगा।
#WATCH | Pratapgarh, Rajasthan | Union Minister Nitin Gadkari says, “Our government is of the mindset that the farmers become not only ‘annadata’ but also ‘urjadata’…All the vehicles will now run on ethanol produced by farmers. If an average of 60% ethanol and 40% electricity… pic.twitter.com/RGBP7do5Ka
— ANI (@ANI) July 5, 2023
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आगे कहा कि सीएसआर और सेंट्रल रिसर्च रोड ऑर्गेनाइजेशन ने संशोधन किया। जो परली है। परली से डामर तैयार होगा। पानीपत में परली से इथेनॉल तैयार हो रहा है। और एविएशन फ्यूल हवाई जहाज चलने के लिए जो ईंधन लगता है वो भी किसान बना रहा है। यही हमारे सरकार की कमाल है। स्पाई जेट का विमान एयर रूट से दिल्ली किसानों द्वारा तैयार किए गए ईंधन से लाए। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि आज देश की तरक्की हो रही है। हमारा देश दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। ‘फास्टेस्ट ग्रोइंग इकोनॉमी इन द वर्ल्ड’ हम आर्थिक दृष्टि से सबसे तेजी से विकास करने वाला देश बने हैं। मोदी जी के नेतृत्व में पाइव ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि इथेनॉल का उत्पादन गन्ने से होता है और भारत में लाखों गन्ना किसान है, जो गन्ना उत्पादन से अपनी जीविका चलाते हैं। गन्ना और इथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में किया जाता है। इन तीन राज्यों से दूर-दराज के राज्यों तक इथेनॉल पहुंचाने में भारी परिवहन लागत आती है। पूरे देश में नई अनाज आधारित भट्टियाँ लाने से इथेनॉल का वितरित उत्पादन होगा और परिवहन लागत में काफी बचत होगी और इस प्रकार मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने में देरी को रोका जा सकेगा और देश भर के किसानों को लाभ होगा। इथेनॉल के उत्पादन से न केवल अतिरिक्त चीनी को इथेनॉल में परिवर्तित करने में मदद मिलेगी, बल्कि किसानों को विशेष रूप से मक्का/मकई की खेती करने के लिए अपनी फसलों में विविधता लाने के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा। इससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। किसानों को उनकी फसलों के लिए बेहतर कीमत मिलने का आश्वासन भी मिलेगा।