कांग्रेस नेता राहुल गांधी हाल के समय में चीन का जिक्र बार-बार करते हैं। चीन भारत में घुसपैठ कर रहा है। चीनी सैनिक भारतीय जवानों को पीटते हैं। चीन में काफी सद्भावना है। इस तरह के न जाने कितने ही बयान हैं। लेकिन हाल में ब्रिटेन के दौरे के दौरान उनके जुबान से वह बात भी निकल गई जिसका उन्हें सब्जबाग दिखाया गया था। उन्होंने कहा- जैसा रूस ने यूक्रेन में किया, वही भारत के खिलाफ दोहरा सकता है चीन। पश्चिमी देशों के डीप स्टेट (दुनिया को अपने हिसाब से चलाने वाले) ने मई 2022 में राहुल गांधी के मेकओवर और पीएम उम्मीदवार बनाने की पटकथा तैयार की गई थी। उस वक्त राहुल भी ब्रिटेन के दौरे पर थे। उसी वक्त यह तय हुआ था कि जिस तरह यूक्रेन में आंदोलन खड़ा कर जेलेंस्की को प्रधानमंत्री बनाया गया उसी तरह 2024 में पीएम मोदी के खिलाफ आंदोलन खड़ा कर राहुल की ताजपोशी करवाई जाएगी। लेकिन पश्चिमी देशों का यह सपना ख्याली पुलाव ही साबित होगा क्योंकि पीएम मोदी की लोकप्रियता देखते हुए यह बात तो साफ है कि लोगों ने 2024 के लिए अपना प्रधानमंत्री चुन लिया है।
डीप स्टेट के प्लान के मुताबिक बयान दे रहे हैं राहुल गांधी
राहुल के मेकओवर की पटकथा की कहानी भारत जोड़ो यात्रा से शुरू होती है। इसके बाद पटकथा के मुताबिक पीएम मोदी की छवि खराब करने के लिए बीबीसी डॉक्यूमेंट्री, अडानी समूह को बदनाम करने के लिए हिंडनबर्ग रिपोर्ट और ANI, RSS जैसी संस्थाओं पर हमले किए जा रहे हैं। फिर रामचरितमानस विवाद के जरिये हिंदू धर्म को बदनाम करना और खालिस्तान मुद्दे को हवा देकर देश को आंदोलन की आग में झोंकने की साजिश रची जा रही है। विदेशों में जाकर देश को बदनाम करना और कमजोर साबित करना राहुल गांधी का अब शौक बन गया है। यह कोई संयोग नहीं है कि खालिस्तान के नए झंडाबरदार अमृतपाल सिंह जो बात कहता है वही राहुल गांधी भी कहते हैं। RSS के खिलाफ एक तरफ कनाडा में रिपोर्ट तैयार होती है उसे आतंकवादी संगठन करार दिया जाता है तो दूसरी तरफ राहुल गांधी लंदन में RSS के खिलाफ जगह उगलते हैं।
राहुल ने कहा- भारत के साथ भी रूस-यूक्रेन जैसा हो रहा
लंदन में ब्रिटिश सांसदों को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि रूस ने यूक्रेन से कहा कि हम यूरोप और अमेरिका के साथ आपके जो संबंध हैं उन्हें स्वीकार नहीं करते। यदि आप इन संबंधों को नहीं बदलेंगे तो हम आपकी क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देंगे। राहुल ने कहा कि हमारे भारत की सीमाओं पर भी यही हो रहा है। चीन यह बिल्कुल नहीं चाहता कि हम अमेरिका से संबंध बनाएं। वह हमें धमकी दे रहा है कि अगर आपने अमेरिका से संबंध जारी रखे तो हम कार्रवाई करेंगे। गांधी ने आगे कहा कि यही कारण है कि आज चीन ने अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के पास अपनी सेना तैनात कर रखी है। राहुल गांधी ने कहा कि चीन हमारे 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा करके बैठा है। पीएम मोदी ने विपक्ष के हमारे नेताओं से कहा कि चीन भारत की एक इंच जमीन भी नहीं ले सकता।
Rahul Gandhi makes a direct appeal to British Members of Parliament, and by extension to the Govt of Britain, to ‘save’ democracy in India.
No political leader in independent India’s history has gone down this path so brazenly and undermined India’s sovereignty on foreign soil… pic.twitter.com/A50xrJ0DTQ
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 9, 2023
राहुल ने की भारत में दखल देने की मांग, भारत की संप्रभुता को कमजोर करने का षडयंत्र
इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेता राहुल गांधी ब्रिटिश धरती पर जाकर भारत के आंतरिक मुद्दों पर बात करते हुए विदेशी दखल की बात करते हैं। वह ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं- इससे पहले उन्होंने निकोलस बर्न और अमेरिका के हस्तक्षेप की मांग की थी। और हम सभी को याद है कि कैसे कांग्रेस ने हाल ही में जॉर्ज सोरोस के वित्तपोषित आख्यान को उछाला था। यह एक बार नहीं बल्कि भारत की संप्रभुता को कमजोर करने का एक सुनियोजित पैटर्न है। इससे यह भी साबित होता है कि राहुल विदेशी ताकतों के इशारों पर खेल रहे हैं।
राहुल गांधी के मेकओवर की पटकथा 2022 में लंदन में लिखी गई
लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देजर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में तैयार करने के लिए मेकओवर की शुरुआत 2022 में ही हो गई थी। इसकी पटकथा मई 2022 में लंदन में लिखी गई। उस वक्त राहुल लंदन में एक कॉन्फ्रेंस ‘आइडिया फॉर इंडिया’ में हिस्सा लेने पहुंचे थे। वहां लिखी गई पटकथा के मुताबिक ही राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी जिसमें तमाम लेफ्ट लिबरल एवं देश विरोधी ताकतें, देश को बांटने की बात करने वाले, सनातन धर्म को नीचा दिखाने वाले एवं पीएम मोदी से नफरत करने वाले लोग शामिल किए गए। इसी कड़ी में बीबीसी डाक्यूमेंट्री, हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई और भारतीय संस्थाओं पर हमले किए जा रहे हैं जिससे देश को कमजोर कर आंदोलन की आग में झोंका जा सके और भारत में यूक्रेन की तरह जेलेंस्की (राहुल गांधी) को सत्ता में बिठाया जा सके। इसके बाद विकास के पथ पर तेज रफ्तार दौड़ते भारत को चीन के साथ युद्ध में उलझाया जा सके जिससे विदेशी ताकतों के हित पूरे हो सकें।
राहुल गांधी भारत को हमेशा क्यों दिखाते हैं कमजोर
राहुल गांधी दुनिया में एकमात्र ऐसे नेता हैं जो देश हो या विदेश अपने देश की प्रगति की बात न करके हमेशा भारत को कमज़ोर दिखाने की कोशिश करते हैं। वह चीन की तारीफों के पुल बांधते हैं लेकिन भारत के प्रति उनके मुख से नफरत ही निकलता है। लंदन में राहुल ने यही किया। यहां तक उन्होंने भारत की तुलना यूक्रेन से कर दी। उन्होंने कहा- ”जो रूस यूक्रेन में कर रहा है ठीक वही पैटर्न चीन भारत में डोकलाम और लद्दाख में दिखा रहा है। चीन ने भारत में डोकलाम और लद्दाख में अपनी सेना तैनात कर रखी है और अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख को भारत का हिस्सा मानने से इंकार करता है।” यहां सवाल उठता है कि चीन ने राहुल गांधी को ऐसा क्या दे दिया है कि वे लंदन जाकर भी भारत की प्रगति की बात करने के बजाए चीन की तारीफों के पुल बांधते हैं।
राहुल गांधी ने ली है भारत को बदनाम करने की सुपारी!
अगर आप राहुल गांधी के बयानों पर गौर करें तो उससे साफ जाहिर होता है कि वे अमेरिकी और यूरोपीय डीप स्टेट से भारत को बदनाम करने की सुपारी ले चुके हैं। भारत राष्ट्र नहीं यूनियन है, भारत में लोकतंत्र नष्ट हो गया, कश्मीर हिंसक जगह, विदेश नीति पर हमले, मीडिया पर सरकार का कब्जा आदि राहुल के बयानों पर गौर करें तो आप पाएंगे इस तरह के बयान तो देश विरोधी लोग देते हैं। डीप स्टेट ने राहुल को भारत का जेलेंस्की बनाने का वादा किया है और राहुल उनके इशारों पर नाच रहे हैं।
ISI, Soros & Congress
Rahul Gandhi sharing stage with Kamal Munir (Pakistani professor) while attacking Indian democracy & institutions.
Cambridge Lecture= ISI job. Shameless @INCIndia @RDXThinksThat @majorgauravarya @arifaajakia @UnSubtleDesi @thebritishhindu @Shehzad_Ind pic.twitter.com/vv2oKnXWrq
— REACH 🇮🇳 (UK) Chapter (@reachind_uk) March 6, 2023
बहुत कुछ कहती है आईएसआई, सोरोस और कांग्रेस की जुगलबंदी
लंदन में भारतीय लोकतंत्र और संस्थानों पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने पाकिस्तानी प्रोफेसर कमल मुनीर के साथ मंच साझा किया। राहुल गांधी का परिचय पाकिस्तान में जन्मे कमल मुनीर ने एमबीए दर्शकों से कराया। कमाल मुनीर को पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाले राजकीय सम्मान तमगा-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया गया है। मुनीर का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संपर्क है। इससे आप समझ सकते हैं कि डीप स्टेट भारत को तबाह करने के लिए किस स्तर पर काम कर रहा है। एक तरफ राहुल गांधी को खड़ा किया गया, लेफ्ट लिबरल गैंग प्रोपेगेंडा फैलाने में जुट जाती है। आईएसआई नेटवर्क के जरिये खालिस्तान मुद्दे को जिंदा किया गया जिससे देश में उथल-पुथल मचे।
भारत के विनाश की साजिश में ‘जयचंद’ शामिल
ऐसा लगता है कि डीप स्टेट के झांसे में आकर राहुल गांधी ने जेलेंस्की को अपना आदर्श बना लिया है। प्रधानमंत्री का ख्वाब देखने वाले राहुल को इसके लिए अरबपति अमेरिकी जार्ज सोरोस, फ़र्ज़ी फैक्टचेकर्स, दलाल पत्रकार, लेफ्ट लिबरल तथाकथित बुद्धिजीवी, टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ ही देश के साथ नमक हरामी करने वालों का साथ मिल रहा है। जार्ज सोरोस ने तो राष्ट्रवाद से लड़ने के लिए 100 करोड़ डॉलर भी देने का एलान कर दिया है। भारत का विनाश करने की साजिश में शामिल देश के लोगों को क्या नाम दिया- जयचंद!
2024 से पहले देश में आंदोलन की आग भड़काने की साजिश
डीप स्टेट देश विरोधी और पीएम मोदी विरोधी लेफ्ट लिबरल गैंग को लगातार वे मुद्दे मुहैया करा रहा है जिससे देश में नफरत का माहौल बनाया जा सके। विपक्ष और लेफ्ट लिबरल इन मुद्दों को उछाल कर भारत और पीएम मोदी की छवि खराब करने की भरपूर कोशिश कर रही है। इसके साथ ही वे सनातन धर्म के खिलाफ नफरत को भड़काने और अगड़ी और पिछड़ी जातियों का नैरेटिव तैयार करने में भी जुटे हैं। जिससे देश में आंदोलन की आग भड़काई जा सके। अगर वे अपनी साजिश में कामयाब हो जाते हैं तो यह सब देखकर विदेशी निवेशक भारत आने से कतराएंगे और पीएम मोदी के नेतृत्व में तेजी बढ़ती अर्थव्यवस्था पर लगाम लग जाएगा और देश अस्थिरता की ओर धकेल दिया जाएगा।
रामचरितमानस व सनातन धर्म के खिलाफ उगला गया जहर
यह अनायास नहीं है कि उधर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री और हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई और इधर देश में कुछ नेताओं ने रामचरितमानस व सनातन धर्म के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया। सबसे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में रामचरितमानस और मनुस्मृति ग्रंथों को लेकर विवादित बयान दिया। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी मानस की चौपाई का उल्लेख करते हुए इस ग्रंथ को दलित विरोधी बताया। उन्होंने इस धार्मिक ग्रंथ पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की। इसके बाद AAP नेता राजेंद्रपाल गौतम तीसरे ऐसे नेता हैं जिन्होंने रामचरितमानस और मनुस्मृति को लेकर सवाल खड़े किए हैं और विवादित बयान दिया है।
2024 तक भारतीय संस्थाओं पर होते रहेंगे हमले
भारत का बढ़ता कद, भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, पीएम मोदी की देश और दुनिया में बढ़ती लोकप्रियता से अमेरिका और पश्चिमी देशों के पैरों के तले से जमीन खिसक गई है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के एजेंट अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस भारत को कमजोर करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी को 2024 में सत्ता से बाहर करने के लिए उसने 2022 में राहुल गांधी का लंदन में कार्यक्रम करवाया, उसके बाद भारत जोड़ो यात्रा हुई, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री आई, भारत की एक बड़ी कंपनी अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई और उसके बाद भारत की प्रमुख वीडियो वायर एजेंसी ANI के खिलाफ ईयू-डिसइन्फोलैब (Disinfolab EU) की ‘बैड सोर्सेस’ रिपोर्ट आई। इस रिपोर्ट में ANI पर प्रोपेगेंडा खबरें चलाने की अफवाह फैलाई गई। इसके बाद RSS के खिलाफ रिपोर्ट तैयार हो गई। भारत को कमजोर करने के लिए जार्ज सोरोस गैंग भारतीय संस्थाओं को कमजोर करने की साजिश में जुट गया है।
पीएम मोदी के सामने बेवश पश्चिमी देश और अमेरिका बौखलाया
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और पश्चिमी देश अपना हित साधने के लिए सरकार भी खरीद लेती थी और तमाम तरह की साजिश रचने में सफल हो जाती थी। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 90 के दशक में हुए इसरो जासूसी कांड है। उस वक्त भारतीय वैज्ञानिक नंबी नारायण के नेतृत्व में भारत लिक्विड प्रोपेलेंट इंजन बनाने में सफल होने के करीब पहुंच गया था लेकिन CIA ने कांग्रेस सरकार और नेताओं को खरीद कर नंबी नारायण को जेल में डलवा दिया और भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम 20-30 साल पीछे चला गया। इसरो जासूसी कांड में जब नंबी नारायण को गिरफ्तार किया गया था तो उस वक्त केरल में कांग्रेस की सरकार थी। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि नंबी नारायण की अवैध गिरफ्तारी में केरल सरकार के तत्कालीन बड़े अधिकारी भी शामिल थे। हाईकोर्ट में सीबीआई ने कहा कि नंबी नारायण की गिरफ्तारी संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा थी।
विदेशी ताकतें भारत में चाहती है कमजोर और गठबंधन सरकार
विदेशी ताकतें और जार्ज सोरोस जैसे लोग भारत में एक कमजोर और गठबंधन सरकार को पसंद करते हैं, जिससे वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उसे चला सकें। एक स्थिर, पूर्ण बहुमत वाली सरकार से वे डरते हैं और इसीलिए उसे हटाना चाहते हैं। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि राहुल गांधी 2022 में जब ब्रिटेन में थे उसी समय सोरोस भी ब्रिटेन में था। यह डीपस्टेट का षड़यंत्र है जिसमें कांग्रेस सहित लेफ्ट लिबरल मिले हुए हैं।
देश ने मोदी को दिल में बसाया, 2024 में विदेशी ताकतों का सपना होगा चकनाचूर
जिस तरह 2014 के बाद से भारत विकास के पथ पर अग्रसर है उसे देखते हुए देशवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल में बसाया है। इसकी झांकी पीएम मोदी के रोड शो में साफ देखने को मिलती है। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं भारतीय मतदाताओं को प्रभावित करने वाले ये विदेशी ताकतें और जार्ज सोरोस कौन होता है। भारतीय मतदाता निश्चित रूप से 2024 में मोदी जी को फिर से वापस लाएगा! 2024 में सोरोस और विदेशी ताकतों का सपना चकनाचूर होगा। देशों में शासन परिवर्तन के उसके मंसूबे का अंत भारत में होगा। भारत में ऐसा कुछ करने की कोशिश करना मुश्किल है। अब देश ने मोदी को दिल में बसा लिया है।
देशवासी 2024 में विदेशी ताकतों के इशारे पर नाचने वालों को सबक सिखाएंगे
जार्ज सोरोस यूक्रेन सहित कई देशों में सत्ता परिवर्तन का खेल कर चुका है और अब उसे भारत में दोहराना चाहता है। भारतीय लोगों के लिए समय आ गया है कि वे अब जागरूक हो जाएं और इन पश्चिमी अभिजात वर्ग को सबक सिखाएं जो भारतीय लोकतंत्र को नियंत्रित करना चाहते हैं। जो भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं। जो भारत के विकास के पथ को रोकना चाहते हैं। जो आत्मनिर्भर होते भारत को फिर से दूसरों पर आश्रित देखना चाहते हैं। जो एक मजबूत भारत नहीं देखना चाहते। जो पीएम मोदी को कमजोर करना चाहते हैं। इन सभी शक्तियों को आज मुंहतोड़ जवाब देने की घड़ी आ गई है। और उन जयचंदों की पहचान करने का भी समय आ गया है जो खाते हैं देश का गाते हैं विदेशी धुन पर।