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नफरत की जमीन पर बन रहा है राम मंदिर, हम ‘जय श्रीराम’ में नहीं ‘हे राम’ में विश्वास करते हैं- बिहार आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद सिंह के विवादित बोल

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भारत की तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियां मुस्लिम तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीतिक की वजह से हिन्दू आस्था के साथ लगातार खिलवाड़ करती रही हैं। ये मुस्लिमों को खुश करने के लिए देवी-देवताओं का अपमान करने में किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहती हैं। इस मामले में बिहार के लालू प्रसाद यादव और उनकी पार्टी के नेता चैंपियन रहे हैं। भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण में लालू यादव उस समय प्रमुख बाधा बने थे, जब रथ लेकर निकले बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को बिहार में गिरफ्तार किया था। एक बार फिर आरजेडी नेताओं का हिन्दू और भगवान श्रीराम विरोधी चेहरा सामने आया है। अब लालू के शागिर्द और बिहार आरजेडी के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के मंदिर की जगह को ‘नफरत की जमीन’ बताकर भगवान श्रीराम का अपमान किया है। 

आरजेडी के प्रदेशाध्यक्ष जगदानंद सिंह ने शुक्रवार (06 जनवरी, 2023) को पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अब श्री राम लोगों के दिलों में से हटकर क्या मंदिरों में बैठेंगे? उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या श्री राम रामायण से भाग जाएंगे? लोगों के दिलों से भाग जाएंगे? क्या भारत राम का नहीं रहेगा? अब सिर्फ मंदिर ही राम का रहेगा? इतना ही नहीं, जगदानंद ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण नफरत की जमीन पर हो रहा है। अब इस देश में इंसानियत नहीं बची है। अब उन्मादियों के राम बचे हैं। भारत में यह माना जाता था कि सब के दिलों में राम हैं। पूरा देश राममय है और कृष्णमय है।  

जगदानंद सिंह ने कहा कि भारत के राम भारत के कण-कण में रहेंगे। भारत में राम को लोगों के दिलों में से छीनकर सिर्फ पत्थरों के आलीशान भवन में नहीं बैठाया जा सकता। राम कभी भी कैद नहीं हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत में राम को लोगों के दिलों में से छीन कर सिर्फ पत्थरों के आलीशान भवन में बैठाया नहीं जा सकता। हम लोग ‘हे राम’ वाले हैं, ‘जय श्रीराम’ वाले नहीं हैं।

बीजेपी ने आरजेडी नेता की राम मंदिर मुद्दे पर टिप्पणी को लेकर पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरजेडी नेता जगदानंद सिंह पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया कि वे राम जन्मभूमि को ‘नफरत की जमीन’, राम मंदिर को ‘चहारदीवारी’, उन्मादी के राम कहते हैं। इससे पहले उन्होंने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाए जाने के दौरान हिंदुओं को निशाना बनाते हुए विवादित टिप्पणी की थी। हुसैन दलवई से जगदानंद सिंह तक यह विवादित टिप्पणी कोई संयोग नहीं है, बल्कि वोटबैंक के लिए एक प्रयोग है। पूनावाला ने अपने ट्वीट में सवाल करते हुए लिखा कि हिंदू आस्था को गाली देना राजद-कांग्रेस के लिए धर्मनिरपेक्षता के बराबर है?

गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई महीन में आरजेडी नेता जगदानंद सिंह ने कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया की तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक से की थी, जिसका बीजेपी ने कड़ा विरोध किया था। आरजेडी नेता ने कहा था कि उनका (पीएफआई) संगठन आरएसएस की तरह है। वे भी अपने समुदाय की सेवा करना चाहते हैं, लेकिन आप उन्हें देशद्रोही क्यों कहते हैं? जब भी सुरक्षा बलों द्वारा खतरनाक लोगों को पाकिस्तानी एजेंट होने के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है, तो वे सभी आरएसएस और हिंदू समुदाय से संबंधित पाए जाते हैं।

जगदानंद सिंह के विवादित बयान को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। लोगों का कहना है कि राजनीति की मंडी में बिके हुए यह लोग आज भगवान राम के मंदिर पर भी सवाल कर रहे है,आखिर यह चाहते क्या है कि देश में क्या हो ? भगवान राम सब को सद्बुद्धि दें और शुरू राजनीतिक लोगों से करें। अब लोग सवाल कर रहे हैं कि मुस्लिमों की चाटुकारिता से राजनीति करने वाले। चाराचोरों के विचार देखो। इनको हिंदू हो कर हिंदुओं के श्रीराम मंदिर तोड़कर बाबरी बनाई गई इस पर दुःख,वेदना नहीं होती। ये मुस्लिमों की चाटुकारी,गुलामी करते हैं। इनको शर्म नहीं आती क्या? वहीं लोगों का कहना है कि जिन्होंने सोचा भी नहीं था कि रामलला कभी टेंट से बाहर निकलेंगे, वे आज रामलला के विश्व स्तरीय भवन को देखकर ऊलजलूल बात तो करेंगे ही।

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