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कर्नाटक के उडुपी में अजमेर कांड को दोहराने की साजिश, टॉयलेट में कैमरा से गुप्त रिकार्डिंग, 3 हिजाबी लड़कियों की करतूत

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कर्नाटक के उडुपी शहर में एक ‘पैरामेडिकल कॉलेज’ के शौचालय में तीन हिजाबी लड़कियों ने अजमेर कांड को दोहराने की साजिश रची। लव जिहाद और धर्मांतरण में लिप्त इन लड़कियों ने टॉयलेट में छिपाकर रखे कैमरे से हिंदू लड़कियों के वीडियो बनाए जिससे उन्हें ब्लैकमेल किया जा सके। हिंदू लड़कियों के शौचालयों में जासूसी कैमरे लगाए, हिंदू लड़कियों को नहाते और शौचालय का उपयोग करते हुए वीडियो रिकॉर्ड किया और इसे मुस्लिम पुरुषों के साथ साझा किया गया। वर्ष 1992 में अजमेर कांड में भी इसी तरह अवैध रूप से ली गईं नग्न तस्वीरों को सार्वजनिक करने की धमकी देकर सैकड़ों हिंदू लड़कियों का बलात्कार किया गया था। उडुपी प्रशासन और पुलिस ने करीब एक हफ्ते तक मामले में लीपापोती की लेकिन जब मामला गरमाया तो उडुपी के मालपे पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई जिसमें तीन छात्राओं शबनाज, शाइफा और आलिया को नामजद किया गया।

बीजेपी ने किया विरोध प्रदर्शन, CBI जांच की मांग
भाजपा ने 28 जुलाई 2023 को उडुपी वीडियो घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसका नेतृत्व उडुपी से भाजपा विधायक यशपाल आनंद सुवर्णा ने किया। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने केंद्रीय एजेंसी द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की। भाजपा नेता ने कहा कि हम न्याय के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, हम एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार इस मुद्दे पर उचित कार्रवाई नहीं कर रही है।

शिक्षा मंत्री ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की कही बात
कर्नाटक कांग्रेस जिस घटना को अभी तक प्रैंक या छात्राओं द्वारा मौज मस्ती बता रही थी, अब उसने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एमसी सुधाकर ने दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। मंत्री ने कहा कि उडुपी में जो हुआ वह स्वीकार्य नहीं है, छात्र कुछ सीमाओं से बंधे हैं जिन्हें पार नहीं करना चाहिए। वे बड़े हो गए हैं, हमने इस मामले को गंभीरता से लिया है, एक जांच पहले से ही चल रही है।

घटना 18 जुलाई 2023 को प्रकाश में आई
उडुपी की यह घटना 18 जुलाई 2023 को प्रकाश में आई जब नेत्र ज्योति कॉलेज की एक हिंदू पीड़ित लड़की वाशरूम में गई। उसने देखा कि दरवाजे के ऊपर एक हाथ में मोबाइल फोन कैमरा लगा हुआ है और वह वाशरूम के अंदर की गतिविधियों को रिकॉर्ड कर रहा है। हिंदू लड़की जब वाशरूम से बाहर आई तो उसने देखा कि शबनाज, शाइफा और आलिया बाहर खड़े हैं वीडियो रिकार्डिंग के बारे में कुछ बात कर रहे हैं।

मुस्लिम लड़कियों ने कहा- मौज मस्ती के लिए वीडियो रिकार्ड किया
हिंदू पीड़ित लड़की की शिकायत के बाद नेत्रा ज्योति कॉलेज प्रशासन ने दोषी लड़कियों शाइफा, शबनाज और आलिया को बुलाया और घटना के बारे में पूछताछ की। हिजाबी लड़कियों ने स्वीकार किया कि वे शरारतवश वीडियो रिकॉर्ड कर रही थीं। उन्होंने कहा कि मौज-मस्ती और मनोरंजन के लिए ऐसा किया।

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तब पता चला
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि तीनों लड़कियों ने बाथरूम के अंदर मोबाइल कैमरा फिट किया था। आरोप है कि इन तीनों ने अपने साथ पढ़ने वाली हिंदू लड़कियों का नहाते हुए वीडियो बनाया। साथ ही उसे कम्युनिटी वॉट्सऐप के जरिए अपने दोस्तों को भेजा। तीनों लड़कियां जिन लोगों को ये वीडियो भेजती थीं, उनमें से कुछ लड़कों ने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद वीडियो रिकॉर्ड करने वाली लड़कियों और बाकी छात्राओं के बीच जमकर बहस हुई।

पुलिस ने कार्रवाई की जगह ऑनलाइन धोखाधड़ी के ज्ञान दिए
हिंदू पीड़ित लड़की के कॉलेज प्रशासन से शिकायत के बाद रातों-रात यह घटना अधिकांश छात्रों में फैल गई और कुछ अन्य हिंदू लड़कियों ने भी अपने साथ हुई ऐसी ही घटना को उजागर करना शुरू कर दिया। 19 जुलाई 2023 को छात्रों के समूह ने नेत्र ज्योति कॉलेज के प्रबंधन से कार्रवाई की मांग की। 20 जुलाई को पुलिस नेत्र ज्योति कॉलेज पहुंची और छात्रों ने पुलिस को लिखित में जांच करने और कार्रवाई करने का अनुरोध पत्र दिया। लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय छात्रों को कक्षा में ऑनलाइन धोखाधड़ी के बारे में व्याख्यान देकर कर्तव्य की इतिश्री कर दी।

कॉलेज प्रशासन ने मामले की लीपापोती की
इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने मामले की लीपापोती के लिए दोषी छात्राओं और उनके माता-पिता के साथ बंद कमरे में बैठक की। 21 जुलाई को ट्रस्टी, प्रशासन और प्रिंसिपल ने दोषियों को बुलाया और उनके माता-पिता को बैठक के लिए बुलाया गया और मोबाइल पुलिस को सौंप दिए गए और दोषियों को बिना कार्रवाई के घर जाने दिया। एक तरह से उन्होंने सबूत नष्ट करने के लिए दोषी लड़कियों को समय दे दिया। कॉलेज प्रशासन के मामले की लीपापोती की एक प्रमुख वजह यह थी कि कॉलेज का एडमिनिस्ट्रेटिव आफिसर एक मुस्लिम अब्दुल खादेर है।

छात्राओं ने मदद के लिए ऑल कॉलेज स्टूडेंट पावर से संपर्क किया
21 जुलाई को छात्राओं ने ऑल कॉलेज स्टूडेंट पावर (एसीएसपी) से संपर्क किया और उनकी मदद से नेत्र ज्योति कॉलेज में हुई घटना के बारे में पुलिस अधीक्षक जिला उडुपी को एक पत्र लिखा और उचित जांच की मांग की। उसी दिन मामला मीडिया और सोशल मीडिया पर आने लगा। द डेक्कन हेराल्ड की 21 जुलाई की रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी तस्वीरें व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर की गई थीं।

छात्राओं ने 24 जुलाई को स्थानीय विधायक से मदद मांगी
कॉलेज और पुलिस दोनों ने शिकायत दर्ज करने और जांच शुरू करने से इनकार कर दिया। असहाय छात्र और उनके माता-पिता स्थानीय विधायक यशपाल आनंद से मिले। 24 जुलाई, 2023 को उनसे इस मुद्दे का समाधान करने का अनुरोध किया गया और न्याय की मांग की गई। उसके बाद यह मामला सोशल मीडिया में वायरल हो गया और जनता में आक्रोष व्याप्त होने लगा और जांच की मांग की जाने लगी। मानवाधिकार कार्यकर्ता रश्मि सामंत ने इसके खिलाफ आवाज उठाई लेकिन मामले पर कार्रवाई करने की जगह उडुपी पुलिस ने 24 जुलाई की रात उनके घर जाकर उन्हें चुप कराने की कोशिश की।

लेफ्ट विंग मीडिया ने इसे अफवाह ठहराने की कोशिश की
एक तरफ हिंदू समुदाय न्याय की मांग कर रहे थे वहीं TNM मीडिया नेघटना को रफा-दफा करने की कोशिश की। टीएनएम ने दावा किया कि अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि हिंदू महिलाओं के वीडियो सैकड़ों मुस्लिम पुरुषों को प्रसारित किए गए हैं और पुलिस के हवाले से कहा गया है कि मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। दूसरी तरफ जुबैर और उसके गिरोह ने यह झूठ फैलाना शुरू कर दिया कि यह घटना एक शरारत थी और प्रैंक था।

इस घटना को अंजाम देने के पीछे की संभावित साजिश

1 . अजमेर 92 जैसे कांड को दोहराने की साजिश
अजमेर 92 जैसे कांड में हिंदू लड़कियों को फंसाने के लिए उनकी तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल किया गया था। यहां भी अपराधी हिंदू लड़कियों को ब्लैकमेल करके सेक्स स्कैंडल में फंसाने के लिए वीडियो का इस्तेमाल कर रहे होंगे। उचित जांच के बिना इस बात को नकारा नहीं जा सकता।

2. केरल जैसी लव जिहाद और धर्मांतरण को दोहराना
आम तौर पर पुरुष मुस्लिम लड़कियों का इस्तेमाल हिंदू लड़कियों को प्रभावित करने और उन्हें लव जिहाद या धर्मांतरण के लिए फंसाने के लिए करते हैं। कई मामलों में जब लड़की इससे इनकार करती है तो वीडियो या तस्वीरों का उपयोग करके ब्लैकमेलिंग की जाती है। उडुपी की ये घटना इसी मंशा से जुड़ी हो सकती है।

3. पोर्न पोर्टल को वीडियो बेचना
कई घटनाओं में लड़कियों के वीडियो हिडन कैम का उपयोग करके रिकॉर्ड किए जाते हैं और पैसे के लिए पोर्न पोर्टल को बेच दिए जाते हैं। इस बात की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि ये 3 लड़कियां पैसे कमाने के लिए इस तरह धंधे में काम कर रही होंगी।

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