कोरोना संकट के इस दौर में कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता लोगों की मदद करने का दावा कर रहे हैं लेकिन हकीकत कुछ और है। कांग्रेस लोगों की सहायता के बजाय कोरोना पर राजनीति कर रही है। बुधवार को फेसबुक लाइव में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि कोरोना संकट के मद्देजनर कांग्रेस पार्टी अब तक 67 लाख लोगों की मदद कर चुकी है। 67 लाख लोगों में से 60 लाख उत्तर प्रदेश के हैं जबकि बाकी 7 लाख दूसरे प्रदेशों के हैं। अगर कांग्रेस के दावों पर विश्वास कर लिया जाए तो कांग्रेस 90 फीसदी यूपी के लोगों को मदद करने का दावा कर रही है। सवाल ये है कि 90 प्रतिशत मदद यूपी के लिए तो कांग्रेस ने देश के लिए क्या किया?
भारत की आबादी 130 करोड़ है और इसमें से उत्तर प्रदेश की आबादी करीब 20 करोड़ है। कोरोना संकट से पूरे देश के लोग परेशान हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी सिर्फ उत्तर प्रदेश के लोगों को ही मदद करने को फोकस कर रही है। यूपी की 20 करोड़ आबादी में से 60 लाख लोगों को कांग्रेस मदद पहुंचाने का दावा कर रही है, बाकी देश की 110 करोड़ आबादी में सिर्फ 7 लाख लोगों को मदद करती है। प्रियंका गांधी ने फेसबुक लाइव में दावा किया कि उनके नेता और कार्यकर्ता सामर्थ्य के मुताबिक लोगों की मदद कर रहे हैं।
मैं समझती हूँ कि ये राजनीति करने का समय नहीं है। बहुत ही स्पष्ट हूँ कि हर राजनीतिक दल अपने परहेजों को दूर करते हुए सकारात्मक और सेवा भाव से लोगों की मदद में शामिल हों: श्रीमती @priyankagandhi#पहले_मानवता_फिर_राजनीति pic.twitter.com/XNMMhe5rFB
— Congress (@INCIndia) May 20, 2020
प्रियंका गांधी की बस पॉलिटिक्स
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी कोरोना महामारी के संकट में भी राजनीति कर रही है। प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि नोएडा, गाजियाबाद और राजस्थान के बॉर्डर पर 1000 बसें खड़ी हैं और यूपी सरकार इसे चलाने की अनुमति दें। राज्य सरकार द्वारा बसों की लिस्ट मांग गई तो फर्जीवाड़ा सामने आ गया। इन 1000 बसों में ऑटो, कार, स्कूटर और एंबुलेस के नंबर निकले और इसके साथ ही ज्यादातर बसों के पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं थी। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रियंका गांधी ने बसें चलवाने का हौवा सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक के मकसद से किया। दूसरी तरफ यूपी सरकार प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए परिवहन विभाग की 12,000 बसें चला रही हैं लेकिन कांग्रेस ने राजनीति के लिए बसें चलाने का ऐलान किया।
कांग्रेस शासित राज्यों को बसें क्यों नहीं ?
कांग्रेस की महासचिव भले ही लोगों की सहायता की दावा कर रही हैं लेकिन हकीकत ये है कि कांग्रेस शासित राज्य महाराष्ट्र, राजस्थान, छ्त्तीसगढ़ और पंजाब में प्रवासी मजदूरों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लोग पैदल अपने घर जाने को मजबूर हैं। इन राज्यो से प्रवासी मजदूरों को भेड़-बकरी की तरह ट्रकों में भरकर भेजा रहा है। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर प्रियंका गांधी प्रवासी मजदूरों की मदद करना चाहती हैं तो कांग्रेस शासित प्रदेशों में बसों को क्यों नहीं चला रही हैं।
कांग्रेस की नजर उत्तर प्रदेश पर
उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। आजादी के बाद से कांग्रेस कई सालों तक उत्तर प्रदेश पर राज करती रही लेकिन अब यूपी की जनता कांग्रेस को नकार चुकी है। ऐसे में कांग्रेस खुद को जीवित करने की कोशिश कर रही हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी परंपरागत सीट अमेठी भी हार गई। कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेठी की बुरी हार हुई। प्रियंका गांधी की बस पॉलिटिक्स को इसी नजरिए से देखा जा रहा है।योगी आदित्यनाथ की सरकार जनकल्याणकरी योजनाओं से प्रदेश के लोगों को हरसंभव मदद कर रही है। प्रदेश में कोई मुद्दा नहीं मिलने पर अब कांग्रेस कोरोना महामारी के संकट में राजनीति करने पर उतर गई है।
Congress ne desh ke liye ye kiya ki tum be a an indian