उत्तर प्रदेश पुलिस ने सीएए और एनआरसी के विरोध में पिछले साल दिसंबर में लखनऊ में हुए हिंसक प्रदर्शन और दंगा भड़काने के मामले में प्रियंका गांधी का करीबी कांग्रेसी नेता शाहनवाज आलम को गिरफ्तार किया है। हजरतगंज पुलिस ने सोमवार देर रात शाहनवाज आलम को गिरफ्तार किया। यूपी कांग्रेस अल्पसंख्यक सेल के अध्यक्ष शाहनवाज आलम पर हिंसा में लिप्त होने और लोगों को भड़काने का आरोप है।
शाहनवाज आलम को प्रियंका गांधी वाड्रा की कोर टीम का हिस्सा माना जाता है। ऐसे में उसे बचाने के लिए खुद प्रियंका वाड्रा सामने आई। प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भाजपा सरकार यूपी पुलिस को दमन का औजार बनाकर दूसरी पार्टियों को आवाज उठाने से रोक सकती है, हमारी पार्टी को नहीं। प्रियंका ने ट्वीट के साथ वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि देखिए किस तरह यूपी पुलिस ने हमारे अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष को रात के अंधेरे में उठाया गया।
कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भाजपा सरकार यूपी पुलिस को दमन का औज़ार बनाकर दूसरी पार्टियों को आवाज उठाने से रोक सकती है, हमारी पार्टी को नहीं।
देखिए किस तरह यूपी पुलिस ने हमारे अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष को रात के अंधेरे..1/2 pic.twitter.com/UCyyuwYfQJ
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 30, 2020
… में उठाया। पहले फर्जी आरोपों को लेकर हमारे प्रदेश अध्यक्ष को चार हफ़्तों के लिए जेल में रखा।
ये पुलिसिया कार्रवाई दमनकारी और आलोकतांत्रिक है।
कांग्रेस के सिपाही पुलिस की लाठियों और फर्जी मुकदमों से नहीं डरने वाले।.. 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 30, 2020
बलिया के मनुवर गांव के रहने वाले शाहनवाज इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर माताम्बर तिवारी के मुंह पर कालिख पोतने के आरोप में 15 दिनों तक जेल में भी रह चुके हैं। न्यूज18 के अनुसार शाहनवाज उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के सलाहकार हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस दंगों के समय से ही शाहनवाज आलम को गिरफ्तार करना चाहती थी, लेकिन ठोस साक्ष्य नहीं होने के कारण रुकी हुई थी। अब डीसीपी सेंट्रल दिनेश सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष 19 दिसंबर को लखनऊ में हुई हिंसा के आरोप में कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम को गिरफ्तार किया गया है। पहले इनके खिलाफ साक्ष्य नहीं थे, लेकिन अब सबूत मिलने के बाद इन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया है।
योगी सरकार दिसंबर में हुए हिंसक प्रदर्शन पर कार्रवाई को लेकर काफी सख्त है। इस दौरान परिवर्तन चौक पर हुई आगजनी और हिंसा के मामले में पुलिस ने हाल में चार्जशीट भी दाखिल की है। कुछ दिनों पहले इसी आगजनी के आरोपियों से सम्पति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए पूरे शहर में पुलिस ने होर्डिंग्स भी लगवाई थीं, जो काफी चर्चित रहीं।
हिंदुस्तान की खबर के अनुसार सीएए और एनआरसी के विरोध में पिछले साल 19 दिसम्बर को लखनऊ के हजरतगंज में परिवर्तन चौक के पास प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया था। उपद्रवियों ने वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी करते हुए जमकर पथराव किया था। इसमें कई लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने वीडियो फुटेज और तस्वीरों के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उन्हें जेल भेजा था।