बेंगलुरु हिंसा में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में गिरफ्तार एसडीपीआई के कलीम पाशा का कांग्रेस से कनेक्शन सामने आया है। बताया जा रहा है कि कलीम पाशा की पत्नी इरशाद बेगम नागवारा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी की पार्षद हैं। जी न्यूज के अनुसार इस हिंसा के पीछे एसडीपीआई और कांग्रेस के गठजोड़ की आशंका जताई जा रही है क्योंकि कलीम पाशा के कांग्रेस से बहुत अच्छे संबंध हैं। कलीम पाशा भी नागवारा वार्ड का पार्षद रह चुका है। पाशा को राज्य के पूर्व गृह मंत्री केके जॉर्ज का करीबी माना जाता है।
माय नेशन के अनुसार कलीम पाशा ने अपने फेसबुक प्रोफाइल में कई फोटो को साझा किया है और इसमें वह कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ दिखाई दे रहा है। एक फोटो में वह कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया के साथ भी दिखाई देता है।
न्यूजरूम पोस्ट के अनुसार मामले में दर्ज हुई एफआईआर से पता चलता है कि ये दंगे सिर्फ एक फेसबुक पोस्ट की वजह से नहीं हुए थे बल्कि इसके पीछे एक बहुत बड़ी साजिश थी। कर्नाटक को दंगों की आग में जलाने की साजिश का पता इस बात से भी लगता है कि बेंगलुरु से करीब 245 किलोमीटर दूर चिकमंगलूर में भी सांप्रदायिक सौहार्द तोड़ने की कोशिश की गई।
इंडिया टीवी के साथ बातचीत में बेंगलुरु के कांग्रेसी विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति ने मुस्लिम दंगाइयों द्वारा घर जलाने के मामले में एफआईआर दर्ज कराने से मना कर दिया। उन्होंने कहा है कि दोषियों को भगवान सजा देंगे। सवाल यह उठता है कि मंगलवार को एक फेसबुक पोस्ट के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शहर में आंतक का तांडव मचा दिया। मुस्लिम दंगाइयों ने दो थानों, कांग्रेसी विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के घर के साथ सैकड़ों गाड़ियों में आग लगा थी। लेकिन इस घटना पर वामपंथियों, सेकुलर, लिबरल, अवार्ड वापसी और टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ कांग्रेसी भी चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। आखिर क्यों अपने दलित विधायक के साथ इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा चुप्पी साधे हुए हैं। कांग्रेसी आलाकमान की चुप्पी का मतलब कहीं कांग्रेस अपने दलित विधायक के साथ खड़े होने की जगह टोपी वाले उन्मादियों के साथ खुद को दिखाना चाहती है या फिर दंगों से पार्टी का कोई कनेक्शन है?
कांग्रेस अपने दलित विधायक पर हुए हमले पर खामोश बनी हुई है। मुस्लिम दंगाइयों के खिलाफ बोलना तो दूर की बात कांग्रेस ने ट्वीट कर अपने विधायक पर हुए जानलेवा हमले की निंदा तक नहीं की। इसको लेकर बीजेपी ट्विटर पर भी सवाल उठा रही है।
कांग्रेस के दलित विधायक पर क़ातिलाना हमला हुआ, उनका घर फूंक दिया गया, बेंगलुरू को तबाह करने की कोशिश की गई, पर मजाल क्या कि प्रियंका – राहुल एक शब्द बोल दें, जेहादियों से रिश्तेदारी जो खटक जाएगी। #CongressAgainstDalits pic.twitter.com/KqsrENyeha
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) August 13, 2020
बेंगलुरु में कांग्रेस के एक दलित विधायक का घर मुसलमानों की उग्र भीड़ जला देती है। कांग्रेस उसके साथ खड़े होने की जगह उन्मादियों के साथ दिखती है..
कांग्रेस का दलित प्रेम मात्र दिखावा है।
भीम-मीम का खोखला नारा देने वाले, दलितों को वोट बैंक की तरह देखने वाले चुप हैं।
आख़िर क्यों?
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 12, 2020