अमेरिका में मुख्य विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी ने भारतीय मूल की कमला हैरिस को जब से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है, तभी से मीडिया में उनको लेकर तमाम बातें की जा रही हैं कि वो भारत की बेटी हैं, भारत की सच्ची मित्र हैं। लेकिन देश के लोगों को ज्यादा मुगालते में रहने की जरूरत नहीं हैं। कमला हैरिस हैं जरूर भारतीय मूल की, क्योंकि उनकी मां भारतीय थी, लेकिन आप यह जान लीजिए उन्होंने राजनीति में आने के बाद यानि काफी पहले अपनी इस पहचान को तिलांजलि दे दी है। उन्हें न तो हिंदुत्व से कोई मतलब रहा है और न हिंदुस्तान से और न ही भारतीय संस्कृति से।
इतना ही नहीं उनकी राजनीतिक सोच भी हमेशा से भारत के खिलाफ ही रही है। कमला हैरिस ने कभी भी किसी भी मुद्दे पर भारत सरकार का पक्ष नहीं लिया है। डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस ने कश्मीर मुद्दे से लेकर नागरिकता संशोधन कानून तक में भारत विरोधी रुख अपनाया है। वे भारत सरकार की कश्मीर नीति की मुखर आलोचक रही हैं। कमला हैरिस ने कश्मीर से धारा 370 हटाने का भी विरोध किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चाहे कश्मीर का मुद्दा हो या मानवाधिकार उल्लंघन का मसला, कमला हैरिस ने हमेशा भारत की तुलना में पाकिस्तान को तबज्जो दी है। कहा तो ये भी जाता है कि राम मंदिर को लेकर उनका विरोधी स्टैंड रहा है।