कॉमनवेल्थ की महासचिव पैट्रिशिया स्कॉटलैंड ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की सफलता की जमकर तारीफ की है। उन्होंने भारत द्वारा डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम से आम लोगों के जीवन में लाए सुधारों को गरीब और विकासशील देशों के लिए आशा और उम्मीद की नई किरण बताया।



विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में लगायी चार पायदान की छलांग
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में भारत का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। डिजिटल प्रतिस्पर्धा के मामले में भारत ने चार पायदान की छलांग लगायी। भारत अब 44 वें स्थान पर पहुंच गया है। आईएमडी की विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धात्मकता रैकिंग 2019 के अनुसार, भारत 2018 में 48वें स्थान से आगे बढ़कर 2019 में 44वें पर पहुंच गया। भारत ने सभी कारकों ज्ञान, प्रौद्योगिकी और भविष्य की तैयारी के मामले में काफी सुधार दर्ज किया है। अमेरिका इस लिस्ट में पहले स्थान पर है।
वर्ष 2018-19 में पहली बार डेबिट कार्ड से अधिक हुआ यूपीआई ट्रांजेक्शन
मोदी सरकार की नीतियों की वजह से डिजिटल लेनदेन में लगातार बढ़ातरी दर्ज की जा रही है। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018-19 में यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस यानि यूपीआई के जरिए डिजिटल पेमेंट ने डेबिट कार्ड से हुए लेनदेन को पीछे छोड़ दिया। वित्त वर्ष 2019 में देश में 5.35 बिलियन यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए, जबकि डेबिट कार्ड के जरिए सिर्फ 4.41 बिलियन लेनदेन हुए। देश में ऐसा पहली बार हुआ कि यूपीआई ट्रांजेशक्शन के आंकडों ने डेबिट कार्ड के जरिए लेनदेन के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया। फरवरी 2020 के आंकड़ों के मुताबिक यूपीआई लेनदेन की संख्या 132.57 करोड़ थी। वहीं यूपीआई लेनदेन का मूल्य भी 2.23 लाख करोड़ रुपये था।
इससे यह साबित होता है कि देशवासियों में डिजिटल पेमेंट के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। मोदी सरकार ने तीन साल पहले यूपीआई ट्रांजेक्शन की शुरुआत की थी। आपको बता दें कि वर्ष 2017-18 डेबिट कार्ड से 3.24 बिलियन लेनदेन हुए थे, जबकि यूपीआई ट्रांजेक्शन सिर्फ 915.2 मिलियन हुए थे।
RTGS और NEFT के माध्यम से लेनदेन पर अब नहीं लगेगा कोई चार्ज
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बैंकिंग सिस्टम में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसी मुहिम के तहत मोदी सरकार ने एक जुलाई 2019 से नेट बैंकिंग में RTGS और NEFT के माध्यम से भुगतान करने पर या पैसों के लेनदेन पर शुल्क खत्म करने का फैसला किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल इकोनॉमी बनने की ओर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की बागडोर थामने के साथ ही डिजिटल इंडिया के लिए ऐसी मजबूत पहल की जिसके लगातार कई बड़े परिणाम सामने आ रहे हैं। ये ऐसे परिणाम हैं जिनसे देश ही नहीं विश्व जगत को भी भरपूर फायदा मिल रहा है। डिजिटल इंडिया का उद्देश्य है देश को डिजिटल लिहाज से एक सशक्त और मजबूत अर्थव्यवस्था बनाना। मौजूदा सरकार ने ऐसे कई कदम उठाए हैं जिनसे आम लोगों को डिजिटली साक्षर होने की प्रेरणा तो मिली ही है, साथ ही वे खरीदारी से लेकर लेनदेन और कारोबार तक डिजिटल ढांचे में ढल रहे हैं।
सिलिकॉन वैली में केंद्रीय आईटी मंत्री के अनुभव
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डिजिटल इकोनॉमी पर सितंबर,2018 के मध्य में अर्जेंटीना में हुई G-20 की मंत्रिस्तरीय बैठक और उसके बाद कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली की यात्रा के दौरान अपने अनुभव को एक ब्लॉग के जरिए शेयर किया है। Times of India में अपने इस ब्लॉग में उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत में हो रही डिजिटल क्रांति की गूंज पूरे विश्व में सुनाई पड़ रही है। वो लिखते हैं कि सिलिकॉन वैली के इनोवेशन की ताकत के पीछे दरअसल वहां काम कर रहे भारतीय हैं। समय आ गया है कि डिजिटल पर सिलिकॉन वैली जैसा इकोसिस्टम अब अपने देश में भी बने। वैसे डिजिटल के पैमाने पर पिछले चार सालों मे देश में क्रांतिकारी बदलाव स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं।
कॉमन सर्विस सेंटर से डिजिटल उद्यमशीलता को बढ़ावा
दो लाख ग्राम पंचायतों को मिलाकर देश भर में करीब 3.6 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से 400 से अधिक सेवाएं-सुविधाएं लोगों तक पहुंच रही हैं। कॉमन सर्विस सेंटर के सहारे आधार एनरॉलमेंट, टिकट बुकिंग और जन सुविधाओं से जुड़ी कई प्रकार की ई-गवर्नेंस सर्विस दी जा रही हैं। कॉमन सर्विस सेंटर ने देश के गरीब, हाशिए पर खड़े, दलित और महिलाओं में डिजिटल उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया है। इन सेंटरों में 52,000 से अधिक महिलाएं काम कर रही हैं जो लोगों को टिकट बुकिंग, टेली मेडिसिन, जन औषधि और आधार सर्विस मुहैया करा रही हैं।
गांवों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने पर विशेष जोर
आंकड़े बताते हैं कि भारत की डिजिटल प्रोफाइल लगातार कैसे दमदार होती जा रही है। 130 करोड़ लोगों के इस देश में 121 करोड़ मोबाइल फोन हैं, 122 करोड़ आधार कार्ड बन चुके हैं, करीब 50 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ता हैं। देश भर में एक लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट किया जा चुका है और 2.5 लाख से अधिक गांवों में हाई स्पीड ब्रॉडबैंड सर्विस पहुंचाई जा चुकी है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक एक करोड़ से अधिक लोगों को डिजिटली साक्षर किया जा चुका है।
मोदी सरकार की नीतियों से डिजिटल क्रांति की ओर बढ़ता भारत
मोदी सरकार डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए व्यापारियों को कैशबैक और ग्राहकों को अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर छूट देने जैसे प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्व विभाग एक प्रस्ताव पर विचार कर रहा है, जिसमें डिजिटल मोड से पेमेंट करने वालों को एमआरपी पर छूट दी जाए, यह छूट अधिकतम 100 रुपये रखी जा सकती है। वहीं दूसरी तरफ डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए व्यापारियों को कैशबैक की भी सुविधा दी जा सकती है। कैशबैक कितना मिलेगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि व्यापारी ने डिजिटल मोड से कितना पेमेंट लिया।
सुरक्षित है यूपीआई के जरिए डिजिटल पेमेंट
यूपीआई के जरिए पैसों के लेनदेन में कहीं भी कोई दिक्कत नहीं होती है, साथ ही इसके जरिए ट्रांजेक्शन काफी सुरक्षित भी है। इसमें स्मार्ट फोन पर पहले एप लांच किया जाता है और फिर उसी के द्वारा जिसे पैसा भेजना है उसके मोबाइल नंबर को जोड़कर रकम ट्रांसफर कर दी जाती है। इसमें गलती की गुंजाइश न के बराबर है, साथ ही पैसा ट्रांसफर होने के बाद तत्काल पता भी चल जाता है। सरकार की तरफ से लांच किए गए BHIM एप के अलावा निजी कंपनियों की तरफ से संचालित ‘PhonePe’ और ‘Tez’ एप भी यूपीआई प्लेटफार्म के जरिए डिजिटल पेमेंट को बढ़ाने में भूमिका निभा रहे हैं।
Happy Digital 2018. Dec Qtr BHIM txn rise 86% to 145.6 M with value of 13174 Cr. Further impetus to Digital Payments, Govt 2 reimburse charges for txns upto Rs 2000 on debit cards/ BHIM. Zero charges on merchants. Go Digital, Embrace Transparency @PMOIndia @FinminIndia @PIB_India pic.twitter.com/5ai3G0IoTD
— Rajeev kumar (@rajeevkumr) 1 January 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमेशा से मानना रहा है कि भ्रष्टाचार को डिजिटल पेमेंट के जरिए ही काबू में पाया जा सकता है। यही वजह है उन्होंने इस ओर लगातार प्रयास किए हैं।
- मोदी सरकार ने MyGov पोर्टल और नरेंद्र मोदी मोबाइल एप लॉन्च किया।
- सरकारी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ‘उमंग’ और डिजिटल और कैशलेस लेनदेन के लिए ‘भीम’ एप लॉन्च किया।
- ग्राम पंचायतों के विकास के लिए ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और मोबाइल एप लॉन्च किया गया।
- मोदी सरकार ने JAM ट्रिनिटी का उपयोग करके लगभग 450 योजनाओं को डीबीटी से जोड़ा।
- डीबीटी के माध्यम से योजना की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जा रही है।
- मोदी सरकार ने एक 1.7 लाख करोड़ से अधिक रुपये गलत हाथों में जाने से बचाया।
- टेक्नोलॉजी के माध्यम से इंस्पेक्टर राज को समाप्त करने के लिए अनेक बड़े कदम उठाए गए।
- मोदी सरकार ने पेंशनभोगियों की सुविधा के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की शुरुआत की।