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ओमिक्रॉन की आहट के बीच टीकाकरण में गैर भाजपा शासित राज्यों की सुस्त रफ्तार से केंद्र सरकार चिंतित, भाजपा शासित राज्यों में तेजी से वैक्सीनेशन, हिमाचल प्रदेश अव्वल

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कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर केंद्र सरकार बेहद गंभीर है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले सप्ताह ही इसके लिए आपात बैठक बुलाकर अहम निर्देश दे चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस नए वैरिएंट को डेल्टा से कहीं ज्यादा म्यूटेशन और तेजी के फैलने वाला गंभीर वायरस करार दिया है और इससे बचाव के लिए वैक्सीन को सबसे ज्यादा प्रभावी और जरूरी बताया है। लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि वे पूरी सजगता से वैक्सीनेशन न करवाकर महामारी को निमंत्रण देने में लगे हुए हैं। देश में भाजपा शासित कुछ राज्यों ने तो 100 प्रतिशत वैक्सीन का रिकॉर्ड ही बना दिया है।कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा
साउथ अफ्रीका में पाए गए कोरोना के नए वैरिएंट ने दुनिया के होश उड़ा दिए हैं। कोरोना के इस नए वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VoC) की कैटेगरी में रखते हुए WHO ने इसे ओमिक्रॉन नाम दिया है। यह कोरोना का अब तक का सबसे अधिक म्यूटेशन करने वाला वैरिएंट माना जा रहा है। यही वजह है कि वैज्ञानिक इसे ‘डरावना’ बता रहे हैं। इस वैरिएंट को भारत में दूसरी लहर और दुनिया के कई देशों में तीसरी लहर की वजह बने डेल्टा वैरिएंट से कहीं ज्यादा म्यूटेशन और तेजी से फैलने वाला करार दिया गया है।भारत में कोरोना को लेकर पीएम मोदी ने खुद संभाला मोर्चा
जैसे ही दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ का पता चला प्रधानमंत्री मोदी भी हरकत में आ गए। दुनिया भर में पैदा हुई आशंकाओं के बीच देश में कोरोना की ताजा स्थिति और जारी टीकाकरण अभियान की समीक्षा के लिए एक अहम बैठक की। लगभग 2 घंटे तक चली इस बैठक में अधिकारियों के साथ नए वैरिएंट पर चर्चा के साथ कुछ एहतियातन कदम उठाने पर विचार हुआ। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया।‘ओमिक्रॉन’ को लेकर पीएम मोदी की हिदायतें
• नए वैरिएंट के लिए हमें अभी से तैयारी की जरूरत है।
• नए वैरिएंट से और ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है।
• निगरानी और कंटेनमेंट जैसी सख्ती जारी रखी जाए।
• मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का सही पालन किया जाए।
• अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी पर जोर दिया जाए।
• अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में छूट की योजना की समीक्षा की जाए।
• वैक्सीन की दूसरी डोज की कवरेज बढ़ाने पर जोर दिया जाए।
• जिन्हें पहली डोज मिली है, उन्हें दूसरी डोज समय पर दी जाए।गैर भाजपा शासित राज्यों में टीकाकरण की धीमी रफ्तार
कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच गैर भाजपा शासित राज्यों में टीकाकरण की धीमी रफ्तार चिंता बढ़ा रही है। टीकाकरण अभियान में विपक्ष शासित राज्य भाजपा शासित राज्यों के मुकाबले कहीं ठहरते नहीं दिखते। हालत यह है कि महीनों से जारी इस अभियान के बावजूद एक भी गैर भाजपा शासित राज्य 90 फीसदी लोगों को भी टीके की पहली खुराक उपलब्ध नहीं करा पाया है। इन राज्यों में टीके की दूसरी खुराक का आंकड़ा 50 फीसदी से भी कम है।झारखंड की स्थिति सबसे खराब, हिमाचल प्रदेश सबसे अव्वल
इसके उलट, भाजपा शासित दो राज्यों ने पहली खुराक का शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है तो अन्य राज्य इस लक्ष्य के बेहद करीब हैं। भाजपा शासित सभी राज्य टीके की दूसरी खुराक के मामले में भी कांग्रेस शासित राज्यों से बेहद आगे हैं। टीकाकरण मामले में झारखंड की स्थिति सबसे खराब है। इस राज्य में अब तक करीब 66 फीसदी लोगों को ही टीके की पहली खुराक मिली है। दूसरी खुराक की पहुंच महज 30.8 फीसदी ही है। दूसरी तरफ, भाजपा शासित राज्यों में पहली खुराक के मामले में सबसे पीछे रहने वाले त्रिपुरा में भी 80 फीसदी से ज्यादा का टीकाकरण हो चुका है।

राजस्थान में 92 लाख टीकों का स्टॉक, लग रहे सिर्फ दो लाख रोज
एक समय था, जबकि वैक्सीन न होने का बहाना करके राजस्थान का मशीनरी और सरकार इसके लिए केंद्र को दोषी ठहरा देते थे। लेकिन वर्तमान में वैक्सीन का स्टॉक 92 लाख के अधिक है, लेकिन वैक्सीनेशन में राजस्थान पिछड़ा हुआ है। बड़े राज्यों में औसत 8-10 लाख वैक्सीन रोज लग रहे हैं, उसकी तुलना में राजस्थान में दो लाख वैक्सीन भी प्रतिदिन नहीं लग पा रहे हैं। रविवार को तो प्रदेश में 50 हजार टीके भी नहीं लग पाए। चिकित्सा विभाग का दावा था कि रोज 15 लाख टीके लगाए जाएंगे, लेकिन सुस्ती और लापरवाही के चलते हालात बदतर होते जा रहे हैं।टीकाकरण की स्थिति – भाजपा शासित राज्य
राज्य        पहली खुराक  दूसरी खुराक
हिमाचल प्रदेश 100%    91.9%
गोवा            100%   87.9%
गुजरात         93.5%  70.3%
उत्तराखंड       93.0%   61.7%
एमपी          92.8%   62.9%
कर्नाटक        90.9%  59.1%
हरियाणा      90.04%  48.3%
असम         88.9%    50%
त्रिपुरा         80.5%    63.5%टीकाकरण की स्थिति – गैर भाजपा शासित राज्य
राज्य        पहली खुराक दूसरी खुराक
झारखंड       66.2%     30.8%
पंजाब         72.5%     32.8 %
तमिलनाडु    78.1%     42.65%
महाराष्ट्र       80.11%   42.5%
छत्तीसगढ़     83.2%    47.2%
राजस्थान     84.2%    46.9%
पश्चिम बंगाल 86.6%    39.4%

भारत में ओमिक्रोन वैरिएंट की आशंका
कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर उभर रही चिंताओं के बीच कर्नाटक के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के. सुधाकर ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से हाल ही में बेंगलुरु आए दो लोगों में से एक का नमूना ‘डेल्टा वैरिएंट’ से अलग है। इस व्‍यक्ति में पाया गया वायरस डेल्टा वैरिएंट से अलग दिखता है। वहीं महाराष्‍ट्र के ठाणे में दक्षिण अफ्रीका से लौटे एक शख्स को कोरोना से संक्रमित पाया गया है। अगर तीसरी लहर आई तो गैर भाजपा शासित राज्यों में टीकाकरण की सुस्त रफ्तार से स्थिति विकट हो सकती है। केंद्र सरकार ने कई बार कहा है कि देश में टीके की उपलब्धता की कमी जैसा कोई मामला नहीं है। राज्यों को मांग के अनुरूप टीके उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

कुछ क्षेत्रों में नतीजे हो सकते हैं गंभीर, सरकार है चिंतित
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आगाह करते हुए कहा कि तेजी से रूप बदल रहा ओमिक्रोन कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैल सकता है। इससे संक्रमण बढ़ने का भी खतरा है जिसके चलते कुछ क्षेत्रों में गंभीर नतीजे हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अभी तक दुनिया के किसी देश में ओमिक्रोन के चलते मौत की कोई खबर नहीं है, लेकिन वैक्सीन और पूर्व के संक्रमण के चलते पैदा हुई प्रतिरक्षा को बेअसर करने की इसकी क्षमता का पता लगाने के लिए अभी और अध्ययन की जरूरत है। भारत में अब तक दो लहर झेल चुके देश में तीसरी लहर का खतरा बरकरार है। 

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