केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश किया। इस बजट में देश के भविष्य यानी बच्चों से लेकर युवाओंं तक के शैक्षणिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। वित्त मंत्री ने बच्चों और युवाओं की शिक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जो शिक्षा में गुणात्मक सुधार के साथ ही भारत को विश्व गुरु बनाने में मददगार साबित होंगी। इस बजट में जहां हर जिले में टीचर्स ट्रेनिंग के लिए संस्थान खोलने और नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की घोषणा की गई, वहीं नए स्कूल और कॉलेज खोलने के साथ ही शिक्षकों की भर्ती का प्रवाधान भी किया गया। इस बजट में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया गया है। आइए एक नजर डालते हैं बजट की उन घोषणाओं पर जो शैक्षणिक विकास के लिए कारगर साबित हो सकती है…
बजट 2023-24 में शैक्षणिक विकास लिए घोषणाएं
- जिला स्तर पर शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे।
- देश के 740 एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूलों के लिए 38 हजार शिक्षकों और गैर-शैक्षणिक पदों पर भर्ती अगले 3 वर्षों के दौरान की जाएगी।
- बच्चों और किशोरों के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी।
- राज्य सरकारों के साथ मिलकर ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर तक पुस्तकालय खोलने की दिशा में काम किया जाएगा।
- वित्त वर्ष 2023-24 में आदिवासियों के लिए विशेष स्कूलों हेतु 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- देश के टॉप शिक्षा संस्थानों में 3 ‘एक्सीलेंस फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ सेंटर खोले जाएंगे। इसमें प्राइवेट प्लेयर्स की रिसर्च एवं डेवेलपमेंट के लिए भागीदारी कराई जाएगी।
- साक्षरता के लिए गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम किया जाएगा।
तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा पर जोर
- 2014 से अब तक 157 मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की गई है, उनके साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की जाएंगी।
- मेडिकल एजुकेशन में मल्टी-डिसिप्लिनरी स्टडी के लिए मैटेरियल की व्यवस्था की जाएगी।
- चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए चुनिन्दा आईसीएमआर प्रयोगशालाओं की सुविधाएं सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज को उपलब्ध कराई जाएगीं।
- फार्मास्युटिकल क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए उत्कृष्टता केन्द्रों के माध्यम से एक नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
- स्टार्टअप्स और शिक्षाविदों द्वारा नवाचार और अनुसंधान कार्य बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय डाटा गवर्नेंस नीति लाने का प्रस्ताव किया गया है।
बजट में कौशल विकास के लिए प्रावधान
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 की शुरुआत अगले 3 वर्षों में की जाएगी।
- यूनिफाईड डिजिटल इंडिया प्लेटफॉर्म की स्थापना के साथ कौशल विकास में तेजी जाएगी।
- नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम की शुरूआत की जाएगी। अगले तीन साल में 47 लाख युवाओं को राष्ट्रीय प्रशिक्षुता योजना यानी नेशनल अप्रेंटिस स्कीम का डीबीटी स्टाइपेंड का लाभ मिलेगा।
- सिविल सेवकों और सरकारी कर्मचारियों में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया जाएगा।
- नई पीढ़ी के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, मेकाट्रॉनिक्स, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल जैसे पाठ्यक्रम शामिल किए जाएंगे।
- युवाओं को ग्लोबल स्तर पर नौकरियां दिलाने के लिए 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
- लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को स्किल सुधारने का मौका मिलेगा। इसके तहत कर्मचारियों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए मिशन कर्मयोगी योजना का एलान किया गया है।