Home समाचार ब्रिक्स का विस्तार सभी वैश्विक संस्थानों के लिए संदेश- प्रधानमंत्री मोदी

ब्रिक्स का विस्तार सभी वैश्विक संस्थानों के लिए संदेश- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत ने हमेशा ब्रिक्स के विस्तार का समर्थन किया है। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मानना रहा है कि नए सदस्यों को जोड़ने से ब्रिक्स एक संगठन के रूप में मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी पहल है जो 20वीं सदी में स्थापित अन्य वैश्विक संस्थानों के सुधार के लिए एक उदाहरण बन सकती है। भारत और कई अन्य देश भू-राजनीति के बदलते स्वरूप को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसे वैश्विक वित्तीय संस्थानों में सुधार के लिए दबाव डाल रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमने ब्रिक्स की 15वीं वर्षगाँठ पर, इसका विस्तार करने का महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया है। जैसा मैंने कल कहा था, भारत ने ब्रिक्स की सदयस्ता में विस्तार का हमेशा से पूरी तरह समर्थन किया है। भारत का यह मत रहा है कि नए सदस्यों के जुड़ने से ब्रिक्स एक संगठन के रूप में और मज़बूत होगा, तथा हमारे सभी साझा प्रयासों को एक नया बल देने वाला होगा। इस कदम से विश्व के अनेक देशों का बहुध्रुवीय दुनिया में विश्वास और सुदृढ़ होगा।’

ब्रिक्स के विस्तार पर प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे खुशी है कि हमारी टीम ने मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं पर सहमति बनाई हैं और इन्हीं के आधार पर हम अर्जेंटीना, मिस्र, ईरान, सऊदी अरब, इथियोपिया और यूएई का ब्रिक्स में स्वागत करने पर सहमत हुए हैं। मैं इन देशों के नेताओं और लोगों को बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि इन देशों के साथ मिलकर हम अपने सहयोग को एक नई गति, एक नयी ऊर्जा देंगे। भारत के इन सभी देशों के साथ बहुत ही गहरे संबंध है, बहुत ही एतिहासिक संबंध हैं।’

इसके साथ ही ब्रिक्स-अफ्रीका आउटरीच और ब्रिक्स प्लस डायलॉग में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स को ग्‍लोबल साउथ की आवाज बनने का आह्वान किया। उन्होंने अफ्रीका के साथ भारत की घनिष्ठ साझेदारी को रेखांकित किया और एजेंडा 2063 के तहत अफ्रीका को उसकी विकास यात्रा में सहयोग करने संबंधी भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।

प्रधानमंत्री ने बहुध्रुवीय विश्व को सशक्त करने के लिए सहयोग जारी रखने का आह्वान किया। साथ ही उन्‍होंने वैश्विक संस्थानों को प्रतिनिधिक और प्रासंगिक बनाए रखने के लिए उनमें सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने नेताओं से आतंकवाद के खिलाफ जंग, पर्यावरण संरक्षण, जलवायु संबंधी पहल, साइबर सुरक्षा, खाद्य एवं स्वास्थ्य सुरक्षा और मजबूत आपूर्ति श्रृंखला जैसे क्षेत्रों में सहयोग का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड, आपदा निरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन, वन अर्थ वन हेल्थ, बिग कैट अलायंस और पारंपरिक चिकित्‍सा के लिए वैश्विक केंद्र जैसी अंतरराष्ट्रीय पहल का हिस्सा बनने के लिए भी देशों को आमंत्रित किया। उन्होंने भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक को साझा करने की भी पेशकश की।

 

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