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राम भक्तों के लिए बड़ी सौगात! अयोध्या में भव्य एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशन का उद्घाटन जल्द, दर्शन के लिए रेलवे चलाएगी 1000 से ज्यादा ट्रेनें

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अयोध्या में भगवान राम का दिव्य मंदिर भव्य प्राण प्रतिष्ठा के लिए बनकर लगभग तैयार हो गया है। 500 साल के इंतजार के बाद 22 जनवरी, 2024 को रामलला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट का उद्घाटन कर सकते हैं। वहीं, भारतीय रेल इसके लिए खास तैयारी कर रहा है। नवनिर्मित राम मंदिर उद्घाटन के पहले 100 दिनों के दौरान राम भक्तों की सुविधाओं को देखते हुए रेलवे ने देश के अलग-अलग हिस्सों से अयोध्या के लिए 1,000 से ज्यादा ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। इन ट्रेनों का संचालन 19 जनवरी, 2024 से शुरू होने वाला है। इससे तीर्थयात्रियों को पवित्र शहर तक पहुंचने में मदद मिलेगी। भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन बाद यानी 23 जनवरी, 2024 से मंदिर आम जनता के लिए सुलभ हो जाएगा। भगवान राम की जन्मभूमि की यात्रा करने के अलावा, तीर्थयात्रियों को अब पवित्र सरयू नदी पर इलेक्ट्रिक कैटामारन (यॉट) पर सवारी का आनंद लेने का अवसर भी मिलेगा। इसके अलावा अयोध्‍या में बुनियादी सुविधाओं को भी विश्‍व स्‍तरीय बनाने पर काम पिछले काफी समय से चल रहा है।

श्रीराम एयरपोर्ट पर रामायण की कलाकृति उकेरी गई
पीएम मोदी अयोध्‍या के मर्यादा पुरुषोत्‍तम राम इंटरनेशल एयरपोर्ट का उद्घाटन 30 दिसंबर को कर सकते हैं। अयोध्‍या एयरपोर्ट के साथ ही पीएम मोदी 350 करोड़ की लागत से बनकर तैयार अयोध्या रेलवे स्टेशन के भवन का भी लोकार्पण करेंगे। पीएम मोदी यहां वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। अयोध्या में बना इंटरनेशनल एयरपोर्ट न सिर्फ देश दुनिया को हवाई कनेक्टिविटी देगा, बल्कि वास्तुशिल्प का अनूठा उदाहरण भी होगा। अयोध्या का श्रीराम एयरपोर्ट बनकर तैयार है, और उसकी मनमोहक तस्वीरें भी सामने आई हैं। एयरपोर्ट पर उतारते ही यात्रियों और श्रद्धालुओं को इस बात का अहसास हो जाएगा कि रामलला का मंदिर कितना भव्य बना है। दो मंजिला इस एयरपोर्ट में अयोध्या की समृद्ध विरासत और संस्कृति को दिखाया गया है। नक्काशीदार स्तम्भों पर रामायण की कलाकृति उकेरी गई है।

एयरपोर्ट के टर्मिनल के 14 स्तंभ वनवास की घटनाओं का प्रतीक होंगे
करीब 250 करोड़ की लागत से बने इस एयरपोर्ट के टर्मिनल की छत को 14 कॉलम में बांटा गया है। ये 14 स्तंभ भगवान श्रीराम के 14 वर्ष के वनवास के दौरान की मुख्य घटनाओं का प्रतीक होगा। इतना ही नहीं एयरपोर्ट के मुख्य प्रवेश द्वार पर एक भव्य सीढ़ीदार शिकार भी बनाया गया है। जो किसी मंदिर जैसी संरचना की अनुभूति कराती है। अयोध्या का भगवान श्रीराम एयरपोर्ट की क्षमता 700 यात्रियों की होगी। साथ ही एक साथ चार विमानों की आवाजाही भी हो सकेगी।

ट्रेनों के माध्यम से राम नगरी से जुड़ेंगे देशभर के शहर
22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर श्रद्धालुओं और यात्रियों की भारी तादाद में पहुंचने की संख्या को देखते हुए रेलवे भी कमर कसकर मुस्तैद है। देशभर से अयोध्या के लिए बड़ी संख्या में स्पेशल ट्रेन चलाने की तैयारी है। इस दौरान एक हजार से अधिक स्पेशल ट्रेन चलाने की तैयारी है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नै, जम्मू, बेंगलुरू, पुणे, कोलकाता, नागपुर सहित कई शहरों से रामनगरी के लिए ट्रेन चलेंगी। मांग के आधार पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, जबकि अयोध्या स्टेशन पर आगंतुकों को कोई असुविधा नहीं हो इसके लिए स्टेशन का नवीनीकरण किया गया है। रोजाना 50,000 लोगों के आने की क्षमता वाले इस नए स्टेशन का निर्माण 15 जनवरी तक पूरा होने की उम्मीद है।

अयोध्या स्टेशन का भव्य रूप, 20 गुना बढ़ेगी यात्रियों की क्षमता
एक अनुमान के अनुसार अयोध्या में 20 गुना यात्रियों की क्षमता बढ़ जाएगी। रेल मंत्रालय ने बताया कि अयोध्या रेलवे स्टेशन के रिडेवलपमेंट का काम दो चरणों में किया जा रहा है। 240 करोड़ रुपये की लागत के पहले चरण का काम इस साल 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसमें स्टेशन की मौजूदा 5 हजार यात्रियों की क्षमता को बढ़ाकर एक लाख यात्री तक किया जा रहा है। स्टेशन का फ्रंट गेट और पूरा फसाड राजस्थान भरतपुर की बंसी पहाड़पुर के उसी पत्थरों से किया गया है, जिस पत्थर का इस्तेमाल रामलला के मंदिर को बनाने में किया जा रहा है। दुनियाभर में मशहूर इस पत्थर की उम्र पांच हजार साल से भी ज्यादा की बताई जाती है। बारिश होने पर इसकी चमक और बढ़ती है।

अयोध्या स्टेशन फ्रंट गेट पर भगवान श्रीराम का मुकुट
स्टेशन के फ्रंट और प्लैटफॉर्म दोनों तरफ मंदिर जैसे आठ पिरामिड बनाए गए हैं। स्टेशन के फ्रंट गेट से प्रवेश करने पर लोगों को एकदम अयोध्या मंदिर में घुसने जैसी सुखद अनुभूति होगी। यहां शानदार लैंडस्कैपिंग की जा रही है। मुमकिन है कि स्टेशन के गेट के पास पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की मूर्ति की भी स्थापना की जाए। स्टेशन के अंदर मंदिर के दर्शन कराने जैसी पेंटिंग भी कराने की योजना है। फ्रंट गेट पर भगवान श्रीराम का मुकुट बनाया जाएगा।

अयोध्या स्टेशन पर 3 से बढ़कर 6 प्लेटफॉर्म बनेंगे
अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल स्टेशन 3 प्लैटफॉर्म का है, लेकिन 422 करोड़ रुपये के दूसरे चरण में निर्माण में इसे बढ़ाकर 6 प्लैटफॉर्म का किया जाएगा। ताकि यहां से अधिक से अधिक ट्रेनों का संचालन संभव हो सके। ग्राउंड फ्लोर के अलावा स्टेशन की दो और मंजिल बनाई गई हैं। प्लेटफॉर्म के उपर मेट्रो स्टेशन की तरह ही बनाया जाएगा। जहां खाने-पीने से लेकर वेटिंग लाउंज भी होंगी। स्टेशन के अंदर और बाहर 12 लिफ्ट, 14 एस्केलेटर, फूड प्लाजा, पूजा की दुकानें, क्लॉक रूम और डॉरमेट्री समेत रिटायरिंग रूम्स होंगे।

अयोध्या में 24 घंटे भोजन सर्विस देने की तैयारी
अयोध्या जाने वाले पर्यटकों की बड़ी संख्या को देखते हुए भारतीय रेलवे के उपक्रम इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) 24 घंटे भोजन सर्विस देने की तैयारी पर काम कर रहा है। इसके लिए आईआरसीटीसी कई सप्लायर से बात कर रहा है।

पवित्र सरयू नदी में चलेगा यॉट
भगवान राम की जन्मभूमि की यात्रा करने के अलावा, तीर्थयात्रियों को अब पवित्र सरयू नदी पर इलेक्ट्रिक कैटामारन (यॉट) पर सवारी का आनंद लेने का अवसर भी मिलेगा। 100 लोगों को समायोजित करने की क्षमता वाला कैटामारन (यॉट), अयोध्या में आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करने वाले भक्तों के लिए एक अतिरिक्त आकर्षण के रूप में काम करेगा।

अयोध्या में होगी विश्वस्तरीय सुविधाएं 
अयोध्या में एक तरफ भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो दूसरी तरफ शहर को वैश्विक नगरी बनाने के लिए हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। खास बात यह है कि अयोध्या के विकास का मास्टर प्लान बनाने से पहले यरुशलम और वेटिकन सिटी जैसे तीर्थस्थलों की सुविधाओं और व्यवस्थाओं का अध्ययन किया गया है।

एक लाख श्रद्धालु व पर्यटक हर रोज आएंगे अयोध्या
राममंदिर बन जाने के बाद यहां हर रोज करीब एक लाख श्रद्धालु व पर्यटक आएंगे। इसलिए अयोध्या के विकास का मास्टर प्लान गहन अध्ययन करने के बाद तैयार किया गया है। वर्तमान में अयोध्या को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने के लिए 32 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
कनेक्टिविटी पर फोकस

विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी रामनगरी
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि अयोध्या विजन-2047 के साथ हम भगवान राम की नगरी को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। सम्मेलन में हमने नव्य अयोध्या की एक तस्वीर प्रस्तुत करने की कोशिश की। इसी क्रम में यरुशलम और वेटिकन सिटी के अलावा देश के अंकोरवाट, पशुपतिनाथ, नासिक स्थित साईं मंदिर, तिरूमाला तिरुपति और सिद्धि विनायक जैसे राष्ट्रीय तीर्थ स्थलों का भी बारीकी से ऑडिट और निरीक्षण किया गया।

इन बिंदुओं पर सज रही अयोध्या
तीर्थ अयोध्या, रामराज की परिकल्पना, सरयू अयोध्या, मोक्ष नगरी, समरस अयोध्या, हेरिटेज सिटी, नॉलेज सिटी, संभावनाओं का शहर, आध्यात्मिक राजधानी, सोलर सिटी, ग्लोबल टूरिस्ट हब, ब्रांडिंग अयोध्या, सुंदर अयोध्या और स्मार्ट अयोध्या।

राम मंदिर को जोड़ने वाली सड़कें कराएगी रामायण काल की अनुभूति
अयोध्या में राम मंदिर को जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण पूरा होने के करीब है। भक्ति पथ और राम जन्‍म भूमि पथ का निर्माण पूरा करने के लिए दिसंबर 2023 की डेड लाइन तय है। इस पर तेजी से काम चल रहा है।राम जन्‍म भूमि मार्ग करीब 100 फीट चौड़ा बनाया जा रहा है, जो राम मंदिर को सीधे जोड़ेगा। इस मार्ग का निर्माण करने वाली निर्माण इकाई से कहा गया है कि सड़क के ग्राउंड डिजाइन और इसके दोनों तरफ टूटे हुए भवनों के नव निर्माण का नक्‍शा एवं डिजाइन जल्‍द तैयार करें। इससे यह मार्ग रामायण काल की अनुभूति दिला सके। इसके किनारे के मकानों को एक ही रंग और डिजाइन से संवार कर खूबसूरत रूप दिया जाएगा।

राम मंदिर के लिए देशभर में तरह-तरह की तैयारियां चल रही हैं। इस पर एक नजर-

भव्य-दिव्य राम मंदिर के लिए गुजरात से फिर आएगी रथयात्रा
पावन नगरी अयोध्या में पांच सौ साल से ज्यादा के संघर्ष के बाद बन रहे भव्य-दिव्य राम मंदिर को लेकर देशभर में तरह-तरह की तैयारियां चल रही हैं। अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनकी चरण पादुकाएं भी रखी जाएंगी। फिलहाल ये पादुकाएं देशभर में घुमाई जा रही हैं। पादुकाएं प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव से पहले 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगी। इन्हें हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने बनाया है। उधर, सूरत के एक हीरा व्यापारी ने 5000 अमेरिकी हीरे और दो किलो चांदी का उपयोग करके राम मंदिर की थीम पर एक हार और राम दरबार बनाया है। इस बीच 1990 के दशक की रथयात्रा की ही तरह एक और रथयात्रा गुजरात से 8 जनवरी को रामनगरी अयोध्या के लिए निकलेगी। यह रथयात्रा गुजरात-MP-UP के 14 शहरों से होते हुए 1400 किमी का सफर तय करेगी और 20 जनवरी को यह रामनगरी अयोध्या पहुंचेगी।

राम मंदिर का फर्स्ट फ्लोर लगभग तैयार, परिसर में VVIP विजिट रोकी गई
इधर, अयोध्या में राम मंदिर का फर्स्ट फ्लोर करीब 90 प्रतिशत बनकर तैयार हो चुका है। अब पत्थर के फर्श की घिसाई और पिलर्स को कलाकार अंतिम रूप दे रहे हैं। राम मंदिर ट्रस्ट दिसंबर के आखिर तक फिनिशिंग और फर्स्ट फ्लोर का निर्माण पूरा करने का दावा कर रहा है। समय पर निर्माण पूरे कराने के लिए राम मंदिर परिसर में मजदूरों की संख्या 3200 से बढ़ाकर 3500 कर दी गई है। मंदिर निर्माण स्थल पर VVIP के आवागमन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इसके पीछे ट्रस्ट का उद्देश्य मंदिर निर्माण की गति बिना अवरोध लगातार जारी रखना है। L&T और TAC के इंजीनियर्स की देखरेख में आठ-आठ घंटे की 3 शिफ्टों में मंदिर निर्माण का काम लगातार चल रहा है।

एक किलो सोने और सात किलो चांदी से बनाईं चरण पादुकाएं
अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। भगवान राम की पादुका बनकर तैयार हो गई हैं। अयोध्या में राम लला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनकी चरण पादुकाएं भी रखी जाएंगी। फिलहाल ये पादुकाएं देशभर में घुमाई जा रही हैं। पादुकाएं प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव से पहले 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगी। ये चरण पादुकाएं एक किलो सोने और सात किलो चांदी से बनाई गई हैं। इसके अलावा पादुका में बहुमूल्य रत्न भी लगाए गए हैं। इन्हें हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने बनाया है। इसी सिलसिले में रविवार 17 दिसंबर को इन्हें रामेश्वर धाम से अहमदाबाद लाया गया। अहमदाबाद पहुंची इन चरण पादुकाओं को बालाजी मंदिर के ट्रस्‍टी के सुब्‍बारायुडू अपने सिर पर रखकर मंदिर के अंदर ले गए। इसके बाद बालाजी मंदिर के पंडितों ने इसकी विशेष पूजा की। कुछ भक्‍तों ने इन पादुकाओं को अपने सिर पर भी रखा। यहां से सोमनाथ ज्योतिर्लिंग धाम, द्वारकाधीश नगरी और इसके बाद बद्रीनाथ ले जाया गया। श्रीचल्ला श्रीनिवास इन पादुकाओं को हाथ में लेकर अयोध्या में निर्माणाधीन मंदिर की 41 दिन की परिक्रमा भी कर चुके हैं।

राम मंदिर की तर्ज पर बनाया गया हीरों का हार और राम दरबार
सूरत के एक हीरा व्यापारी ने 5000 अमेरिकी हीरे और दो किलो चांदी का उपयोग करके राम मंदिर की थीम पर एक हार और राम दरबार बनाया है। 40 कारीगरों ने 35 दिनों में डिजाइन पूरा किया। रसेश ज्वेल्स के निदेशक कौशिक काकड़िया ने बताया कि इसमें हार में 5000 से अधिक अमेरिकी हीरे का इस्तेमाल किया गया है। यह दो किलोग्राम चांदी से बना है। उन्होंने बताया, यह किसी व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं है। हम अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर से प्रेरित हैं। हम इसे राम मंदिर को उपहार में देना चाहते हैं। हमने इसे इस इरादे से बनाया था कि हम भी राम मंदिर को कुछ उपहार देना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि रामायण के मुख्य पात्रों को हार की डोर में उकेरा गया है। अयोध्या में राम लला (शिशु भगवान राम) के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी से शुरू होगा।

अयोध्या में बिहार की राम रसोई, घी से जलेगा दीपक,कैमूर के चावल का भोग
अयोध्या में श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है। इसके लिए पटना के महावीर मंदिर में तैयारी चल रही है। अयोध्या में इस महा आयोजन में शामिल होने वाले भक्तों को अपनी राम रसोई से स्वादिष्ट भोजन कराएगी। 15 जनवरी से हर महीने 6 लाख लोगों को भोजन कराने की तैयारी है। सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक चलने वाली राम रसोई अयोध्या में बिहार की खास पहचान बनेगी। श्रीराम मंदिर परिसर में 10 हजार स्क्वॉयर फीट में राम रसोई बनाने का प्लान भी है। अभी राम लला के सामने स्वर्णिम दीपक भी महावीर मंदिर से भेजे गए गाय के घी से जलाया जाएगा। महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल बताते हैं, अयोध्या में श्रद्धालुओं के लिए राम रसोई का बड़ा फैसला पटना में किया गया था। श्रीराम मंदिर के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के 15 दिनों के अंदर ही अयोध्या में राम रसोई शुरू कर दी थी। इसके बाद से लगातार अयोध्या में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को प्रतिदिन राम रसोई में प्रसाद की थाली दी जा रही है। हनुमान गढ़ी में महावीर और गर्भ गृह में राम लला के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को भोजन महावीर की राम रसोई में मिलता है।

अभिषेक समारोह के लिए 4 हजार संत, 2 हजार VIP आमंत्रित किए गए
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 22 जनवरी को अभिषेक समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। आमंत्रित लोगों की जानकारी देते हुए राय ने कहा कि आडवाणी और जोशी स्वास्थ्य और उम्र संबंधी कारणों से अभिषेक समारोह में शामिल नहीं हो सकते हैं। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा से मिलने और उन्हें समारोह का आमंत्रण देने के लिए तीन सदस्यों वाली टीम बनाई गई है। समारोह के लिए लगभग 4000 संतों और 2200 अन्य मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। साथ ही छह दर्शनों (प्राचीन विद्यालयों) के शंकराचार्य और लगभग 150 साधु-संत भी प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे।

आडवाणी-मुरली मनोहर से अपील- जनवरी में अयोध्या न आएं
उधर, राममंदिर ट्रस्ट ने 33 साल पहले रथयात्रा के सूत्रधार रहे लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से आग्रह किया है कि वे जनवरी में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या न आएं। राम मंदिर ट्रस्ट के चंपत राय ने यह जानकारी दी। चंपत राय ने कहा कि दोनों नेताओं की उम्र काफी ज्यादा हो चुकी है। यहां ठंड भी ज्यादा है। इसलिए मैंने दोनों से निवेदन किया है कि समारोह में न आएं। लालकृष्ण आडवाणी 96 साल के हैं, और मुरली मनोहर जोशी जनवरी में 90 साल के हो जाएंगे। ट्रस्ट का कहना है कि दोनों वरिष्ठ हैं और उनकी उम्र को देखते हुए उनसे यह अनुरोध किया गया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।

33 साल बाद गुजरात से अयोध्या रथयात्रा, 14 शहरों से गुजरेगी
अयोध्या नगरी के लिए गुजरात से एक बार फिर रथयात्रा निकलेगी। 1990 के दशक की रथयात्रा की ही तरह एक और रथयात्रा गुजरात से 8 जनवरी को रामनगरी अयोध्या के लिए निकलेगी। यह रथयात्रा गुजरात-MP-UP के 14 शहरों से होते हुए 1400 किमी का सफर तय करेगी और 20 जनवरी को यह रामनगरी अयोध्या पहुंचेगी। अहमदाबाद की राम चरित मानस ट्रस्ट-न्यूराणिप रथयात्रा आयोजित कर रही है। अयोध्या पहुंचने के बाद ट्रस्ट रामलला को 51 लाख रुपए का चढ़ावा चढ़ाएगा। इससे पहले 1990 के दशक में लालकृष्ण आडवाणी ने प्रथम पूज्य सोमनाथ ज्योर्तिलिंग धाम से अयोध्या के लिए रथयात्रा निकाली थी। रथयात्रा के बाद ही राम मंदिर आंदोलन आमजन तक पहुंचा था।रथयात्रा के बाद राममंदिर आंदोलन और बाबरी विध्वंस की टाइम लाइन 
• 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अशोक सिंघल, विनय कटियार, उमा भारती जैसे नेता मौजूद थे।
• दोपहर 12 बजे लालकृष्ण आडवाणी रामकथा कुंज में भाषण दे रहे थे तभी शेषावतार मंदिर की तरफ से बढ़ रही भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया।
• पुलिस के पास बचने का कोई उपाय नहीं था। वह भागे तो भीड़ ने कटीली बैरिकेडिंग तोड़ दी। भीड़ में मौजूद लोगों को कार सेवक कहा गया था।
• मंच पर आडवाणी बोल ही रहे थे कि उनके सामने ही 5 मिनट के अंदर 25 हजार कार सेवक विवादित इमारत के एकदम पास पहुंच गए। करीब दो सौ लोग गुंबद पर चढ़ गए।
• कथाकुंज में नेता लोगों से लौट जाने की अपील कर रहे थे। कार सेवकों ने किसी की नहीं सुनी। बढ़ते गए। रोकने के लिए लगे कटीले तारों को कुचलते गए।• इसके बाद अशोक सिंघल ने माइक लिया और कहा, विवादित भवन मस्जिद नहीं मंदिर है। कार सेवक उसे नुकसान न पहुंचाएं। रामलला की सौगंध है, वे नीचे उतर आएं।
• लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा। पता चला कि जो गुंबद पर चढ़े हैं वो दक्षिण के कार सेवक हैं। इसके बाद माइक दिया गया एचवी शेषाद्रि को।
• शेषाद्रि ने दक्षिण की चारों भाषाओं में लोगों से उतर जाने की अपील की। लेकिन कोई असर नहीं पड़ा।
• 2.45 मिनट पर एक गुंबद ढहा दिया गया। 5 बजे बाबरी के तीनों गुंबद ढहा दिए गए। मुरली मनोहर जोशी ने इमारत ध्वस्त होने पर कार सेवकों को बधाई दी।
• शाम 7 बजे केंद्र सरकार ने UP सरकार को बर्खास्त कर दिया। राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। लोगों को अयोध्या से बाहर निकालने के लिए 16 स्पेशल ट्रेनें लगीं।
• लालकृष्ण आडवाणी, अशोक सिंघल दिल्ली लौट आए। विनय कटियार वहीं रहे। विश्व हिन्दू परिषद के बाकी नेता भी अपने-अपने घर चले गए।

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