नई दिल्ली में आज 9 सितंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन शुरू होने के साथ ही अफ्रीकन यूनियन (अफ्रीकी संघ) इस संगठन का स्थायी सदस्य बन गया। प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन शुरू होने के साथ ही अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता देने का प्रस्ताव रखा गया। उनके प्रस्ताव पर जी20 के सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से सहमति जतायी।
प्रधानमंत्री मोदी ने समिट शुरू होने के साथ ही कहा, ‘भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी, देश के भीतर और देश के बाहर, समावेश का, सबका साथ का प्रतीक बन गई है। भारत में ये पीपुल्स जी-20 बन गया। करोड़ों भारतीय इससे जुड़े। देश के 60 से ज़्यादा शहरों में 200 से ज्यादा अधिक बैठकें हुईं। सबका साथ की भावना से ही भारत ने प्रस्ताव रखा था कि अफ्रीकन यूनियन को जी-20 की स्थायी सदयस्ता दी जाए। मेरा विश्वास है कि इस प्रस्ताव पर हम सब की सहमति है। आप सबकी सहमति से, आगे की कार्यवाही शुरू करने से पहले, मैं अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष को जी-20 के स्थाई सदस्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हूं।’
प्रधानमंत्री की घोषणा के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोमोरोस संघ के राष्ट्रपति और अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष अजाली औसमानी को जी20 के सदस्य देशों के साथ आसन पर बिठाया। नेताओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच असौमानी ने जी20 के स्थायी सदस्य के तौर पर अपनी सीट ग्रहण की।
प्रधानमंत्री मोदी ने गले लगाकर उन्हें जी20 में शामिल होने पर बधाई दी। वैश्विक मंच पर यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।
इसके साथ ही अफ्रीकी संघ जी 20 का 21वां स्थायी सदस्य बन गया। प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के साथ जी20 अब जी21 बन गया है। अफ्रीकन यूनियन में 55 देश शामिल हैं।