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कांग्रेस, सेक्युलर और लिबरल गैंग में सन्नाटा क्यों है भाई ?, क्योंकि ये मध्य प्रदेश नहीं आंध्र प्रदेश है

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भारत में किसी घटना की गंभीरता का आकलन क्षेत्र, राज्य और सरकार के आधार पर किया जाता है। अगर कोई घटना बीजेपी शासित राज्यों में होती है तो उसकी गंभीरता बढ़ जाती है। उसकी गूंज स्थानीय स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक सुनाई देती है, क्योंकि इसके पीछे विपक्षी दलों, सेक्युलर और लिबरल गैंग का मजबूत इकोसिस्टम काम करता है। यह सिस्टम सुनियोजित तरीके से एकजुटता और समन्वय के साथ किसी घटना को सनसनीखेज बना कर देश और दुनिया के सामने पेश करता है। इससे सुप्रीम कोर्ट से लेकर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की आंखें खुल जाती हैं। स्वत: संज्ञान लिया जाने लगता है। पूरा इकोसिस्टम सरकार पर दबाव बनाने लगता है। लेकिन ये पूरा सिस्टम उस समय निष्क्रिय हो जाता है, जब घटना गैर-बीजेपी शासित राज्यों में घटती है। ऐसा बंगाल के बाद आंध्र प्रदेश में भी देखने को मिला है, जहां एक आदिवासी पर पेशाब करने की घटना घटी है। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, लेकिन कांग्रेस, सेक्युलर और लिबरल गैंग में पूरी तरह सन्नाटा है।

आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवक के साथ मारपीट करने के साथ उसके चेहरे पर पेशाब करते एक युवक को देखा जा सकता है। वीडियो में पेशाब कर रहे  युवक के साथ कुछ और युवक दिखाई दे रहे हैं। इनमें से एक युवक पीड़ित युवक को लात मारते नजर आ रहा है। इस घटना के बाद पीड़ित को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस के मुताबिक इस घटना में 8 लोग शामिल है, जिनमें से दो नाबालिग है। इस घटना के बाद से मुख्य आरोपी रामंजनेयुलु फरार चल रहा है। इस घटना को 19 जून को प्रकाशम जिले के ओंगोल शहर में अंजाम दिया गया। लेकिन ठीक एक महीने बाद यह सोशल मीडिया में वायरल हुआ। पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी रामंजनयुलु और पीड़ित आदिवासी युवक नवीन दोस्त थे, लेकिन रामंजनयुलु के दोस्त के रिश्तेदार की नाबालिग लड़की के साथ उसके रिश्ते को लेकर उनमें अनबन हो गई थी। नवीन नाबालिग लड़की को लेकर फरार हो गया। नवीन के लड़की के साथ भागने के बाद, उसके खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था और उसे रिमांड पर भी भेजा गया था। जेल से आने के बाद नवीन ने लड़की के साथ अपना संबंध जारी रखा था, जिससे रामंजनेयुलु और उसके दोस्त नाराज थे, जिससे उनकी दोस्ती में इस हद तक तनाव आ गया कि वे आपस में बातचीत भी नहीं कर रहे थे। कुछ दिनों के बाद रामंजनयुलु अपने दोस्तों के साथ मिलकर नवीन को सबक सिखाने का फैसला किया और सुलह का नाटक करते हुए नवीन को बुलाया। शराब पीने के बाद रामंजनेयुलु और उसके दोस्तों ने इस घटना को अंजाम दिया।

घटना के एक महीने बाद इस वीडियो के वायरल होने पर वैसा तूफान नहीं मचा, जितना मध्य प्रदेश में एक आदिवासी युवक पर पेशाब करने का मामला तूल पकड़ा था। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में आदिवासी युवक पर पेशाब करने का वीडियो वायरल होते ही कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हो गई। उसने बीजेपी से आदिवासी समाज से माफी मांगने की बात कही। सोशल मीडिया में वामपंथी, सेक्युलर और लिबरल गैंग सक्रिय हो गया। इस मामले में बीजेपी को घसीटने लगे। आरोपी का संबंध बीजेपी से बताते हुए अपनी खूब भड़ास निकाली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित आदिवासी को अपने आवास पर बुलाया और उसका पैर पखाकर सम्मानित किया। वहीं आरोपी की गिरफ्तारी के बाद घर पर बुलडोजर चलवाकर ऐसे अपराध करने वाले को सख्त संदेश दिया।

मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश दोनों भारत में है। लेकिन कांग्रेस, सेक्युलर और लिबरल गैंग की नजर में इन दोनों में अंतर है, क्योंकि दोनों राज्यों में अगल-अलग दलों की सरकारें हैं। कांग्रेस के बर्ताव को लेकर हैरानी हो रही है कि मध्य प्रदेश में हाय-तौबा मचाने वाली कांग्रेस आंध्र प्रदेश में कही दिखाई नहीं दे रही है। आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग नहीं कर रही है। मुख्य आरोपी रामंजनयुलु अभी फरार चल रहा है। इसकी गिरफ्तरी को लेकर सेक्युलर और लिबरल गैंग भी मौन है, क्योंकि आंध्र प्रदेश में बीजेपी की सरकार नहीं है। आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी की सरकार है, जिसके मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी हैं। इससे पता चलता है कि इन लोगों का अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैया सिर्फ दिखावा है। उनके विरोध का मुख्य मकसद सिर्फ बीजेपी शासित राज्यों को बदनाम करना और अपनी सियासी रोटियां सेंकना है।  

 

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