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अधीर रंजन चौधरी को नहीं है आर्मी चीफ के बयान पर भरोसा, सेना का मनोबल तोड़ने की कांग्रेस की फिर कोशिश

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लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर गतिरोध जारी है। दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सामने डटी हैं। हालांकि हाल के दिनों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं। इसमें कुछ प्रगति भी हुई है। भारत सरकार और सेना प्रमुख लगातार आश्वासन दे रहे हैं कि विवाद के समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस को न तो सरकार पर भरोसा है और नहीं सेना पर। उसकी अधीरता बढ़ती जा रही है। पहले राहुल गांधी मोदी ने सरकार पर सवाल उठया। उसके बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सेना का मनोबल गिराने वाला सवाल किया है। 

सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे के बयान को आधार बनाते हुए अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट किया और उनसे पूछा कि चीन के साथ सैन्य बातचीत के ‘very fruitful’ होने का क्या मतलब है।  

अधीर रंजन ने इस ट्वीट में कहा है कि सेनाप्रमुख का आत्मविश्वस डरावना है। इससे लगता है अधीर रंजन को सेनाप्रमुख के बयान पर भरोसा नहीं है। वो अपने पार्टी के सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तरह ही सेना को कटघरे में खड़ा करना चाहते हैं। वह सेनाप्रमुख के बयान को आधार बनाकर सियासी बयानबाजी करने की कोशिश कर रहे हैं कि सेना द्वारा जो भी कोशिशें की जा रही हैं, वह सिर्फ दिखावा है और हकीकत कुछ और है। लेकिन अधीर रंजन को इससे सियासी फायदा मिलेगा या नहीं यह तो वक्त बतायेगा, लेकिन उनका ये ट्वीट सेना की विश्वसनीयता और उसके मनोबल को गिराने वाला है।

अधीर रंजन के ट्वीट के बाद ट्विटर पर यूजर्स ने उनकी जमकर लताड़ लगाई।

आपको बता दें कि देहरादून में आईएमए की पासिंग आउट परेड के दौरान 13 जून को सेनाप्रमुख एमएम नरवणे ने कहा था कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है और दोनों सेनाओं के बीच बातचीत सकारात्मक रही है। सैन्य स्तर पर बेहतर बातचीत का हवाला देते हुए सेनाप्रमुख ने कहा था कि हमें पूरा विश्वास है कि जो बातचीत चल रही है उससे LAC के विवाद का निपटारा हो जाएगा।

 

 

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