लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर गतिरोध जारी है। दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सामने डटी हैं। हालांकि हाल के दिनों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं। इसमें कुछ प्रगति भी हुई है। भारत सरकार और सेना प्रमुख लगातार आश्वासन दे रहे हैं कि विवाद के समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस को न तो सरकार पर भरोसा है और नहीं सेना पर। उसकी अधीरता बढ़ती जा रही है। पहले राहुल गांधी मोदी ने सरकार पर सवाल उठया। उसके बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सेना का मनोबल गिराने वाला सवाल किया है।
सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे के बयान को आधार बनाते हुए अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट किया और उनसे पूछा कि चीन के साथ सैन्य बातचीत के ‘very fruitful’ होने का क्या मतलब है।
Army Chief, what does it mean that military talks with China was ‘very fruitful’. When talks are reported to have been taken place in recently Chinese occupied east Ladakh area, your sense of exuberance is fearful,
— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) June 14, 2020
अधीर रंजन ने इस ट्वीट में कहा है कि सेनाप्रमुख का आत्मविश्वस डरावना है। इससे लगता है अधीर रंजन को सेनाप्रमुख के बयान पर भरोसा नहीं है। वो अपने पार्टी के सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तरह ही सेना को कटघरे में खड़ा करना चाहते हैं। वह सेनाप्रमुख के बयान को आधार बनाकर सियासी बयानबाजी करने की कोशिश कर रहे हैं कि सेना द्वारा जो भी कोशिशें की जा रही हैं, वह सिर्फ दिखावा है और हकीकत कुछ और है। लेकिन अधीर रंजन को इससे सियासी फायदा मिलेगा या नहीं यह तो वक्त बतायेगा, लेकिन उनका ये ट्वीट सेना की विश्वसनीयता और उसके मनोबल को गिराने वाला है।
अधीर रंजन के ट्वीट के बाद ट्विटर पर यूजर्स ने उनकी जमकर लताड़ लगाई।
जिनका गपोड़ी नेताओं की औकात नहीं है आर्मी चीफ के सामने खड़े होने की, वह सैन्य सुरक्षा की आड़ में छुप कर भारत के सेना प्रमुख को पाठ पढ़ाते रहे हैं,
कुछ तो सेना की पीठ में छुरा भोंकते आए हैंशर्म तो आएगी नहीं
नेहरू को शर्म नहीं आई तो इन्हें क्या आएगी— Ravi Kumar Gupta (@rav26051) June 15, 2020
अधीर तो ऐसा गरिया रहा है मानो इनके आकाओं ने 26/11के बाद सीधा पाकिस्तान पर हमला ही कर दिया था ये वोही विचारधारा वाले जैसे चीन युद्ध के समय vk कृष्णमेनन थे जिन्होंने चीन के प्रति स्नेह बताया था फिर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।अधीर भैया भी इसी कमिनिस्ट विचारधारा से है।
— ghevarchand jain (@ghevarsaKvm) June 15, 2020
What right you have to question #ArmyChief..
Ask the government..
Or better, ask Pappu… He is the one who goes there and holds meetings with China against India, without invitation..— भारतीय Ranjan (@marcosheckler) June 15, 2020
नेपाल के नाम पर वो कांग्रेसी भी बाहुबली बन रहे है जिसके मालिक श्रीलंका से लात खाकर आये थे…
— Ashutosh Ranjan (@Ashudas93) June 15, 2020
Shame on you joker. Have some common sense. Chief of army staff represents one of the strongest forces in the world. He is not a politician like you and pappu. Have some sense of integrity. What kind of politics is this. Bloody you want war.
— Shekhawat Sunil Singh (@SunilSh80613228) June 15, 2020
आपको बता दें कि देहरादून में आईएमए की पासिंग आउट परेड के दौरान 13 जून को सेनाप्रमुख एमएम नरवणे ने कहा था कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है और दोनों सेनाओं के बीच बातचीत सकारात्मक रही है। सैन्य स्तर पर बेहतर बातचीत का हवाला देते हुए सेनाप्रमुख ने कहा था कि हमें पूरा विश्वास है कि जो बातचीत चल रही है उससे LAC के विवाद का निपटारा हो जाएगा।