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…तो सुरजेवाला जी, आतंक पर सरकार को कांग्रेस का समर्थन सिर्फ सात दिनों के लिए था !

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कांग्रेस पार्टी ने आज एक बार फिर गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाया। पाकिस्तान और आतंक के मुद्दों पर सरकार का साथ देने का कांग्रेस का वादा एक बार फिर हवा-हवाई साबित हुआ। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अनर्गल आरोप लगाए। सुरजेवाला ने कहा कि हमले के बाद ‘सात दिन तक’ हम चुप रहे। उन्होंने पीएम मोदी और भाजपा नेताओं पर एक के बाद एक ऐसे आरोप लगाए, जिससे पाकिस्तान और आतंकवादियों का ही हौसला बढ़ेगा। पुलवामा पर खुद राजनीति कर रही कांग्रेस पार्टी ने भाजपा अध्यक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया। आतंकवाद को खत्म करने के मुद्दे पर सरकार के साथ खड़ी होने का दावा करने वाली कांग्रेस ने सिर्फ सात दिनों में ही अपना असली रंग दिखा दिया।  

शायद सुरजेवाला ने कांग्रेसी नेताओं की कारस्तानियां नहीं देखी हैं। पुलवामा हमले के बाद कई कांग्रेसी नेताओं और उनके समर्थकों ने जवानों की शहादत का अपमान किया। नवजोत सिंह सिद्धू से लेकर नूर बानो तक ने अपने बयानों से देश को शर्मसार किया। 

हरियाणा में कांग्रेसी मंच पर श्रद्धांजलि की जगह हुआ नाच-गाना

पुलवामा हमले के सिर्फ एक दिन बाद ही हरियाणा के फतेहाबाद में कांग्रेस पार्टी की परिवर्तन रैली में जवानों की शहादत का अपमान हुआ, जब शहीदों को श्रद्धांजलि देने की बजाय रैली के मंच पर काफी देर तक नाच-गाना चला। हैरानी की बात है कि इस रैली की मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा थीं। उनके अलावा पंजाब कांग्रेस के कई बड़े नेता भी रैली में शामिल हुए।

सिद्धू की नजर में पाकिस्तान आतंकी देश नहीं

एक तरफ कांग्रेस पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों का बदला लेने के मामले में मोदी सरकार का साथ देने की बात कहती रही, वहीं दूसरी तरफ उसने इस मामले में पाकिस्तान की तरफदारी करने और मोदी सरकार के खिलाफ नरेशन स्थापित करने में जुटे किसी नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस की हमदर्दी देश के वीर जवानों से ज्यादा पाकिस्तान के साथ है। तभी तो नवजोत सिंह सिद्धू और सैफुद्दीन सोज ने पाकिस्तान की तरफदारी की, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। मालूम हो कि पंजाब में कांग्रेस सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान और आतंकवादियों का बचाव किया था। सिद्धू ने पाकिस्तान के बचाव में कहा था कि आतंकवादी का न कोई देश होता है न ही कोई जाति होती है। नवजोत सिंह सिद्धू के इस बयान की काफी आलोचना हुई थी। उसके इस बयान पर सोनी चैनल ने अपने शो से उसे हटाने का फैसला कर लिया, लेकिन कांग्रेस ने उसे एक अदद एक शो कॉज नोटिस तक जारी नहीं किया।

कांग्रसी नूर बानो ने सेना को ही ठहराया जिम्मेवार

शायद कांग्रेस के इसी रवैये से उत्साहित होकर कांग्रेस की नेता और पूर्व सांसद नूर बानो ने कह दिया कि इस प्रकार के हमले के लिए सेना खुद दोषी होती है, इसके बाद अगर कोई दोषी होता है तो वह है गृह मंत्रालय। उन्होंने अपनी पार्टी लाइन के विपरीत जाकर न केवल इस हमले के लिए भारतीय सेना को दोषी ठहराया, बल्कि अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले देश के वीर शहीदों को भी अपमान भी किया। इसके बाद भी कांग्रेस ने न तो सिद्धू से कोई जवाब तलब किया है, न ही नूर बानो के खिलाफ कोई कार्रवाई की।

सिद्धू और बानो ने ही नहीं सैफुद्दीन सोज ने भी पुलवामा हमले के लिए मोदी सरकार को ही दोषी माना। हमले के बाद हुर्रियत नेताओं से हटाई गई सुरक्षा के फैसले पर एतराज जताते हुए सोज का कहना है कि भारत सरकार को इस फैसले से कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। केंद्र सरकार का यह फैसला कश्मीर के प्रति उनके संकीर्ण दृष्टिकोण को ही दिखाता है। सोज का कहना है कि हूर्रियत ने कभी हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया है। कांग्रेसी नेताओं में तो एक प्रकार से खुद को सबसे बड़े देश विरोधी साबित करने की होड़ सी लग गई रही। लेकिन, सुरजेवाला को यह सब दिखाई नहीं देता।  

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