आज जहां एक तरफ जहां पूरा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के नेतृत्व में पूरी कांग्रेस पार्टी देश में झूठ, नफरत और फर्जीवाड़ा फैलाने में जुटी है। कोरोना महामारी के काल में भी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरा गांधी खानदान फर्जीवाड़े की फितरत से बाज नहीं आ रहा है। आज जहां देश का हर जिम्मेदार नागरिक जरूरतमंदों की मदद करने में जुटा है, वहीं कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता मां-बेटा-बेटी की तिकड़ी की अगुवाई में गरीबों और मजदूरों के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हैं।
कांग्रेस अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गांधी का बयान
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी। pic.twitter.com/DWo3VZtns0
— Congress (@INCIndia) May 4, 2020
सोनिया गांधी ने रेल किराये को लेकर फर्जीवाड़ा फैलाया
सबसे पहले कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के फर्जीवाड़े की बात करते हैं। आप भूले नहीं होंगे थोड़े दिन पहले ही सोनिया गांधी ने रेल किराए को लेकर देशभर में झूठ फैलाया था और केंद्र की मोदी सरकार को बदनाम करने की साजिश रची थी। सोनिया गांधी ने अपने वीडियों संदेश में दावा किया था कि केंद्र सरकार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में मजदूरों को यात्रा के लिए किराया वसूल रही रही। उन्होंने कांग्रेस पार्टी द्वारा मजदूरों का कियारा देने का दावा भी किया था।
Railways are not running any trains other than special trains requisitioned by State Govts.
Passengers BROUGHT and FACILITATED by State Govts. can ONLY travel
No one should come to Station
No tickets are being sold at any station#IndiaFightsCorona https://t.co/6RBWWwIks7 pic.twitter.com/jKI2ZgNxQY— Ministry of Railways (@RailMinIndia) May 2, 2020
लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का ये आरोप झूठा निकला। मजदूरों की यात्रा का 85 प्रतिशत किराया केंद्र और 15 प्रतिशत राज्य सरकारें वहन कर रही हैं। पर सोनिया गांधी ने जानबूझ कर इस झूठ को फैलाया और देशभर में अफरातफरी का महौल पैदा कर दिया। सोनिया गांधी के इस बयान के बाद देश के कई शहरों में रेलवे स्टेशनों के बाहर मजदूरों का जमावड़ा लग गया था।
राहुल गांधी ने किया बेबस मजदूरों से मिलने का फर्जीवाड़ा
इसी प्रकार कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सड़क के किनारे बेबस मजदूरों से मिलने का फर्जीवाड़ा किया। फर्जीवाड़ा इसलिए कि महंगे जूतों को पहने कर राहुल गांधी जिस मजदूर परिवार से बात करते हुए दिखाई दे रहे थे, दरअसल वो मजदूर थे ही नहीं।
मीडिया में और देशवासियों के सामने राहुल को गरीबों का मसीहा साबित करने के लिए बाकायदा कुछ लोगों को गरीबों के कपड़ों में, मजदूरों के गेटअप में एसयूवी में बैठाकर कांग्रेस पार्टी द्वारा वहां लाया गया था। उसके बाद राहुल गांधी के उनकी बातचीत को शूट किया गया, फोटो खींचे गए और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। लेकिन ये पूरा का पूरा फर्जीवाड़ा भी अब देश के सामने खुल चुका है।
आदरणीय मुख्यमंत्री जी, मैं आपसे निवेदन कर रही हूँ, ये राजनीति का वक्त नहीं है। हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई बहन बिना खाये पिये, पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। हमें इनकी मदद करने दीजिए। हमारी बसों को परमीशन दीजिए। pic.twitter.com/K2ldjDaSRd
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 17, 2020
प्रियंका वाड्रा ने मजदूरों के नाम पर कर डाला बसों का फर्जीवाड़ा
जब मां और भाई कोरोना काल में फर्जीवाड़े में लगे हैं तो फिर कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा कहां पीछे रहने वाली हैं। प्रियंका वाड्रा ने तो मजदूरों की मदद के नाम पर बसों का ही फर्जीवाड़ा कर डाला। प्रियंका वाड्रा ने खुद को मजदूरो का हमदर्द और हितैषी साबित करने के लिए यूपी सरकार को एक हजार बसों की सूची सौंपी और बसों को बॉर्डर पर भेजने का दावा किया। लेकिन जब यूपी की योगी सरकार ने उस सूची की पड़ताल की तो उसमें कई आटो, कारों और बाइक के नंबर निकले। आधी बसें को कबाड़ निकलीं।
"Chevrolet Beat" नाम से buses कब से बनने लगी है ?? ?? https://t.co/2sY5DokYZQ pic.twitter.com/VdJOgizaPi
— вαwlí вαwrchí ?? (@Divya_S_RATH0RE) May 18, 2020
यहां तक की रायबरेली से कांग्रेस की एमएलए अदिति सिंह को भी प्रियंका वाड्रा की ये हरकत रास नहीं आई और उन्होंने ट्वीट कर प्रियंका के चेहरे से नकाब उतार दिया।
आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।
— Aditi Singh (@AditiSinghINC) May 20, 2020
कोटा में जब UP के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए,बार्डर तक ना छोड़ पाई,तब श्री @myogiadityanath जी ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।
— Aditi Singh (@AditiSinghINC) May 20, 2020
इन घटनाओं से ये स्पष्ट है कि ये मां- बेटा और बेटी की तिकड़ी कोरोना संकट के समय में देशवासियों को गुमराह करने में जुटी है। लेकिन देश की जनता इनकी करतूतों को ध्यान से देख रही है और अब इनके झांसे में नहीं आने वाली है।