Home कोरोना वायरस कोरोना संकट में भी फर्जीवाड़ा करने में जुटी है सोनिया, राहुल और...

कोरोना संकट में भी फर्जीवाड़ा करने में जुटी है सोनिया, राहुल और प्रियंका की तिकड़ी!

SHARE

आज जहां एक तरफ जहां पूरा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना महामारी से जंग लड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के नेतृत्व में पूरी कांग्रेस पार्टी देश में झूठ, नफरत और फर्जीवाड़ा फैलाने में जुटी है। कोरोना महामारी के काल में भी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरा गांधी खानदान फर्जीवाड़े की फितरत से बाज नहीं आ रहा है। आज जहां देश का हर जिम्मेदार नागरिक जरूरतमंदों की मदद करने में जुटा है, वहीं कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता मां-बेटा-बेटी की तिकड़ी की अगुवाई में गरीबों और मजदूरों के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हैं।

सोनिया गांधी ने रेल किराये को लेकर फर्जीवाड़ा फैलाया
सबसे पहले कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के फर्जीवाड़े की बात करते हैं। आप भूले नहीं होंगे थोड़े दिन पहले ही सोनिया गांधी ने रेल किराए को लेकर देशभर में झूठ फैलाया था और केंद्र की मोदी सरकार को बदनाम करने की साजिश रची थी। सोनिया गांधी ने अपने वीडियों संदेश में दावा किया था कि केंद्र सरकार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में मजदूरों को यात्रा के लिए किराया वसूल रही रही। उन्होंने कांग्रेस पार्टी द्वारा मजदूरों का कियारा देने का दावा भी किया था।

लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का ये आरोप झूठा निकला। मजदूरों की यात्रा का 85 प्रतिशत किराया केंद्र और 15 प्रतिशत राज्य सरकारें वहन कर रही हैं। पर सोनिया गांधी ने जानबूझ कर इस झूठ को फैलाया और देशभर में अफरातफरी का महौल पैदा कर दिया। सोनिया गांधी के इस बयान के बाद देश के कई शहरों में रेलवे स्टेशनों के बाहर मजदूरों का जमावड़ा लग गया था।

राहुल गांधी ने किया बेबस मजदूरों से मिलने का फर्जीवाड़ा
इसी प्रकार कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सड़क के किनारे बेबस मजदूरों से मिलने का फर्जीवाड़ा किया। फर्जीवाड़ा इसलिए कि महंगे जूतों को पहने कर राहुल गांधी जिस मजदूर परिवार से बात करते हुए दिखाई दे रहे थे, दरअसल वो मजदूर थे ही नहीं।

मीडिया में और देशवासियों के सामने राहुल को गरीबों का मसीहा साबित करने के लिए बाकायदा कुछ लोगों को गरीबों के कपड़ों में, मजदूरों के गेटअप में एसयूवी में बैठाकर कांग्रेस पार्टी द्वारा वहां लाया गया था। उसके बाद राहुल गांधी के उनकी बातचीत को शूट किया गया, फोटो खींचे गए और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। लेकिन ये पूरा का पूरा फर्जीवाड़ा भी अब देश के सामने खुल चुका है।

प्रियंका वाड्रा ने मजदूरों के नाम पर कर डाला बसों का फर्जीवाड़ा
जब मां और भाई कोरोना काल में फर्जीवाड़े में लगे हैं तो फिर कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा कहां पीछे रहने वाली हैं। प्रियंका वाड्रा ने तो मजदूरों की मदद के नाम पर बसों का ही फर्जीवाड़ा कर डाला। प्रियंका वाड्रा ने खुद को मजदूरो का हमदर्द और हितैषी साबित करने के लिए यूपी सरकार को एक हजार बसों की सूची सौंपी और बसों को बॉर्डर पर भेजने का दावा किया। लेकिन जब यूपी की योगी सरकार ने उस सूची की पड़ताल की तो उसमें कई आटो, कारों और बाइक के नंबर निकले। आधी बसें को कबाड़ निकलीं।

 

यहां तक की रायबरेली से कांग्रेस की एमएलए अदिति सिंह को भी प्रियंका वाड्रा की ये हरकत रास नहीं आई और उन्होंने ट्वीट कर प्रियंका के चेहरे से नकाब उतार दिया।

इन घटनाओं से ये स्पष्ट है कि ये मां- बेटा और बेटी की तिकड़ी कोरोना संकट के समय में देशवासियों को गुमराह करने में जुटी है। लेकिन देश की जनता इनकी करतूतों को ध्यान से देख रही है और अब इनके झांसे में नहीं आने वाली है।

Leave a Reply