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जेल में दरबार: सत्येंद्र जैन का एक और वीडियो वायरल, जेल सुपरिटेंडेट भी लगा रहे हाजिरी

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तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन का एक और वीडियो वायरल हो रहा है। जेल में दरबार लगाए सत्येंद्र जैन का यह वीडियो 12 सिंतबर, 2022 का है। वीडियो में दिख रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी मंत्री सत्येंद्र जैन तीन लोगों के साथ बैठकर दरबार लगाए हुए हैं। जेल सुपरिंटेंडेंट अजीत कुमार के आते ही तीनों वहां से उठकर चले जाते हैं। जेल सुपरिंटेंडेंट कुर्सी पर बैठ कर सत्येंद्र जैन से किसी बात को लेकर चर्चा करते रहते हैं। जेल सुपरिंटेंडेंट अजीत कुमार को सस्पेंड किया जा चुका है। उनपर सत्येंद्र जैन को जेल में वीवीआईपी सुविधाएं देने का आरोप है।

देखिए वीडियो-

इस वीडियो के सामने आने के बाद एक बार फिर आम आदमी पार्टी सरकार की थू-थू हो रही है। सोशल मीडिया पर केजरीवाल की किरकिरी हो रही है। लोग वीडियो शेयर कर तंज कस रहे हैं।

इससे पहले भी जेल से सत्येंद्र जैन के एक के बाद एक कई वीडियो सामने आए हैं। इससे पहले के वीडियो में केजरीवाल के मंत्री रेप के आरोपी से मसाज कराते दिख रहे थे। वायरल वीडियो में जेल में बंद सत्येंद्र जैन न केवल मालिश बल्कि हेड मसाज और फुट मसाज भी करवाते नजर आ रहे हैं। वीडियो में साफ दिख रहा है की मंत्री को जुर्म की सजा नहीं बल्कि VVIP ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। मालिश और मसाज के साथ ही वे जेल मीटिंग भी करते हैं और तमाम लोग उनसे मिलने आते हैं।

एक अन्य वीडियो में सत्येंद्र जैन फल-सलाद और ड्राई फ्रूट्स के अलावा जेल से बाहर का खाना खाते दिख रहे थे। इस वीडियो ने केजरीवाल सरकार के उस दावे पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं जिसमें कहा गया था कि उन्हें जेल में सही से खाना नहीं दिया जा रहा है। वायरल वीडियो में सत्येंद्र जैन कभी फल, ड्राई फ्रूट तो कभी सलाद खाते दिख रहे हैं। इतना ही नहीं सोशल मीडिया में वायरल वीडियो मे सत्येंद्र जैन अलग-अलग कपड़े में दिख रहे हैं, यानी उन्हें किसी खास दिन नहीं बल्कि लगातार स्पेशल खाना मिल रहा है।

कोर्ट ने कहा था- सत्येंद्र जैन जमानत पाने के हकदार नहीं, पहली नजर में दोषी
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी नेता सत्येंद्र जैन की जेल से बाहर आने की उम्मीद को उस वक्त झटका लगा जब अदालत ने उनकी जमानत अर्जी ठुकरा दी। अदालत ने रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री के आधार पर आप नेता को पहली नजर में मनी लॉन्ड्रिंग का ‘दोषी’ माना। जैन के साथ सह आरोपी अंकुश जैन और वैभव जैन की जमानत अर्जियां भी खारिज कर दी गईं। अदालत ने माना कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत जैन मौजूदा मामले में जमानत पाने के हकदार नहीं हैं। स्पेशल जज विकास ढुल ने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया यह रिकॉर्ड में आया है कि सत्येंद्र कुमार जैन कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को नकद देकर अपराध की आय को छुपाने और उसके बाद शेयरों की बिक्री के नाम पर इस पैसे को तीन कंपनियों- मंगलायतन डेवलपर्स/ प्रोजेक्ट्स प्रा.लि., अकिंचन डेवलपर्स प्रा.लि. और प्रयास इंफोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड में लाने में शामिल थे। यह दिखाने के लिए कि इन तीन कंपनियों की आय बेदाग थी। इस तरह से, 4.61 करोड़ रुपये में से एक-तिहाई रकम की मनी लॉन्ड्रिंग इसमें शामिल है।

ED ने कहा था सत्येंद्र जैन को जेल में मिल रहा वीआईपी ट्रीटमेंट
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट में पेश हलफनामा में बताया था कि मंत्री जैन की पत्नी अक्सर उनसे मिलने के लिए आती है और उन्हें घर का खाना भी मुहैया कराया जा रहा है। ईडी ने इस संबंध में अपने हलफनामा के साथ कुछ फोटोग्राफ भी दिए। इसमें से कुछ फोटो मंत्री के मसाज कराने के भी हैं। अदालत में दाखिल अपने हलफनामे में ईडी ने बताया है कि तिहाड़ जेल में मंत्री सत्येंद्र जैन को ना केवल हेड मसाज दिया जा रहा है, बल्कि उन्हें समय समय से फुट मसाज और बैक मसाज जैसी सुविधाएं भी दी जा रही है। एक वीडियो फुटेज पेश करते हुए ईडी ने जेल अधीक्षक पर जेल मैन्युअल का उल्लंघन करते हुए सत्येंद्र जैन को मुलाकात में ढील देने का भी आरोप लगाया है। ईडी ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दावा किया कि इसी मामले में अन्य आरोपी अंकुश जैन और वैभव जैन के साथ सत्येंद्र जैन घंटो मीटिंग भी करते हैं। अंकुश और वैभव भी इस समय तिहाड़ जेल में ही बंद हैं।

जेल से पैसे की उगाही करते हैं सत्येंद्र जैन, सुकेश ने कहा था- AAP को 50 करोड़ रुपये दिए
सुकेश चंद्रशेखर ने दावा किया था कि उसने जेल में बंद आम आदमी पार्टी के मंत्री सत्येंद्र जैन को प्रोटेक्शन मनी के नाम पर 10 करोड़ दिए। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेजे खत में सुकेश चंद्रशेखर ने कहा है कि वह आम आदमी पार्टी के नेता को 2015 से जानता है। सुकेश ने लेटर में लिखा कि उसने आम आदमी पार्टी को कुल 50 करोड़ रुपये दिए, बदले में उसे दक्षिण भारत में पार्टी में एक महत्वपूर्ण पद देने का वादा किया गया था। चंद्रशेखर ने अपने हाथ से यह लेटर लिखा है, जिसे उसके वकील के जरिए दिल्ली के एलजी को भेजा गया है। इसमें लिखा गया है, ‘2017 में मेरी गिरफ्तारी के बाद मुझे तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया और मिस्टर सत्येंद्र जैन कई बार मिलने आए, जिनके पास जेल मंत्री का पोर्टफोलियो था। 2019 में दोबारा जैन आए और उनके सेक्रेट्री ने मुझसे प्रोटेक्शन मनी के नाम पर हर महीने 2 करोड़ रुपये देने को कहा। इसके बदले में मुझे जेल के भीतर सुविधाएं देने की बात कही गई।’ तिहाड़ जेल का प्रबंधन दिल्ली सरकार के अधीन आता है।

ED की शिकायत के बाद केजरीवाल सरकार ने दिखावे के लिए किया अधिकारियों का ट्रांसफर
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की शिकायत के बाद केजरीवाल सरकार ने यूं तो तिहाड़ जेल नंबर 7 में मौजूद सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का एक साथ दूसरी जेलों में ट्रांसफर कर दिया, लेकिन इसके बाद भी सत्येंद्र जैन को वीआईपी सुविधाएं मिल रही हैं। ईडी की शिकायत के बाद दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए जेल नंबर 7 के तत्कालीन अधीक्षक अजीत कुमार को निलंबित कर वापस दिल्ली सरकार में बुला लिया था। उधर, जेल में तैनात तत्कालीन जेल महानिदेशक संदीप गोयल का भी ट्रांसफर कर दिया गया था। साथ ही 1989 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजय बेनीवाल को नए जेल महानिदेशक के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके साथ ही जेल में तैनात 3 सहायक अधीक्षक स्तर के अधिकारियों समेत 7 हेडवार्डर और 19 वार्डरों का भी दूसरी जेलों में ट्रांसफर कर दिया गया। इनमें से ज्यादातर लोगों को यमुनापार की जेलों में ट्रांसफर किया गया। लेकिन अब लगता है कि ये ट्रांसफर केवल दिखावे के लिए किए गए थे।

सत्येंद्र जैन पर आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
ईडी ने सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 30 मई को गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह तिहाड़ जेल में हैं। आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन, उनकी पत्नी पूनम और अन्य पर केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि जैन ने कथित तौर पर दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाईं या खरीदी थीं। उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटर्स से 54 शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपए का काला धन भी ट्रांसफर किया। पिछले महीने ED ने जैन परिवार और उनसे जुड़ी कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी। 2018 में भी इस मामले में ED ने सत्येंद्र जैन से पूछताछ की थी।

ईडी के सामने सत्येंद्र जैन का चौंकाने वाला खुलासा, कोरोना के कारण चली गई है याददाश्त
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने पूछताछ में हैरान करने वाला खुलासा किया। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि सत्येंद्र जैन से कुछ कागजातों के बारे में सवाल किये गए थे। हवाला से पैसा पाने वाले ट्रस्ट से सत्येंद्र जैन का क्या कनेक्शन है? वे उसके मेंबर क्यों है? पैसे कहां से आए? इस दौरान सत्येंद्र जैन ने कहा कि उनको कोरोना हुआ था, जिसकी वजह से अब उनकी याददाश्त चली गई है। ईडी की ओर से पेश हुए एएसजी राजू ने कहा, ‘वह (सत्येंद्र जैन) बहुत स्लो राइटर भी हैं, एक पेज लिखने में लगभग दो घंटे का समय लगता है। उनका बयान उनकी लिखावट में लिया जाना है अन्यथा वह कहते हैं ‘यह मेरा बयान नहीं है’। सत्येंद्र जैन के इस स्वीकारोक्ति के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या सत्येंद्र जैन ईडी के सवालों से बचने और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बचाने के लिए ड्रामा कर रहे हैं? अगर सत्येंद्र जैन की बात सही है, तो केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों के साथ भद्दा मजाक किया है। उन्होंने एक मानसिक रोगी को दिल्ली का स्वास्थ्य मंत्री बनाये रखा है ?

हाईकोर्ट का सवाल- क्या आपराधिक बैकग्राउंड के किसी शख्स को मंत्री पद पर रहने की अनुमति दी जा सकती है?
जब कोई सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार में पकड़ा जाता है, तो उसे या तो निलंबित किया जाता है या पद से बर्खास्त कर दिया जाता है। लेकिन राजनीतिक सुचिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी सरकार भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्री को पद पर बनाये रखी है। सत्ता की लालच में अपने ही राजनीतिक आदर्शों और मूल्यों को ताक पर रख दिया है। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बावजूद पद पर बने रहने के मामले में अरविंद केजरीवाल को नसीहत देते हुए उनके पाले में सवाल दागकर उन्हें मुश्किल में डाल दिया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग केस में इस समय ईडी की गिरफ्त में हैं। दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें सत्येंद्र जैन को मंत्रिमंडल से निलंबित करने की मांग की गई थी। बुधवार (27 जुलाई, 2022) को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि हम अरविंद केजरीवाल सरकार को जैन को हटाने का निर्देश नहीं दे सकते, हालांकि सरकार को उनको हटाने पर विचार करना चाहिए। याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि यह मुख्यमंत्री को विचार करना है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को मंत्री के रूप में बनाये रखना चाहिए या नहीं।

सत्येंद्र जैन के खिलाफ 2017 में दर्ज हुआ था मामला
जांच एजेंसी ने 2017 में सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जैन पर कथित रूप से उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से काले धन को सफेद में बदलने का आरोप है। अदालत ने हाल में मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में जैन, उनकी पत्नी और चार कंपनियों समेत आठ अन्य के खिलाफ ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र का संज्ञान भी लिया था।

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