Home विशेष Reuters POll: तमाम अर्थशास्त्रियों ने माना- अर्थव्यवस्था के लिए मोदी सरकार सबसे...

Reuters POll: तमाम अर्थशास्त्रियों ने माना- अर्थव्यवस्था के लिए मोदी सरकार सबसे बेहतर

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी नीतियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत होती जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने जब से देश की बागडोर संभाली है, आर्थिक मामलों में दुनियाभर में देश की साख मजबूत हुई है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार तरक्की कर रहा है और नए मुकाम हासिल कर रहा है। अब अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी रायटर पोल में देश के तमाम बड़े अर्थशास्त्रियों का माना है कि आगामी चुनाव में मोदी सरकार की जीत अर्थव्यवस्था के लिए सबसे अच्छी होगी। सर्वेक्षण में अर्थशास्त्रियों ने एकमत से कहा है कि बीजेपी की बहुमत वाली या फिर बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार देश की अर्थव्यवस्था के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगी। सर्वेक्षण की खास बात यह रही कि किसी भी अर्थशास्त्री ने यह नहीं कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली या तीसरे मोर्चे की सरकार देश के लिए अच्छा होगा। तमाम अर्थशास्त्रियों ने कहा कि बाजार और अर्थव्यवस्था के लिए सत्तारूढ़ पार्टी की सरकार बेहतर रहेगी। राबोबैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ह्यूगो एरकेन ने कहा कि सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए बीजेपी की जीत जरूरी है, क्योंकि विपक्ष वैकल्पिक एजेंडा पेश करने के बजाय एनडीए पर हमला करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

इसके पहले इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा था कि देश विकास की तरफ बढ़ रहा है और जो काम हो रहा है उसपर ब्रेक नहीं लगनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी को दोबारा पीएम बनाने का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि, ‘हमें इस बात के लिए कृतज्ञ होना चाहिए कि कम से कम राष्ट्रीय स्तर पर एक नेता तो ऐसा है जो देश में आर्थिक सुधार लाना चाहता है। पिछले 5 वर्षों पर नजर डालें तो आप पाएंगे कि एक नेता ऐसा है जो देश, अनुशासन, स्वच्छता, आर्थिक प्रगति पर जोर दे रहा है। अगर इस सरकार को दोबारा मौका मिल जाए तो बेहतर होगा।’ नारायण मूर्ति ने कहा मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी एक मजबूत आर्थिक प्रगति वाली सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। इकोनॉमी के लिए कंटीन्यूटी जरूरी है। आर्थिक विकास और अनुशासन पर प्रधानमंत्री का फोकस करना अच्छी बात है।

आइये हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत है।

मार्च में रिकॉर्ड 1.06 लाख करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार द्वारा देश में लागू किया गए वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी कलेक्शन में मार्च में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। मार्च में जीएसटी कलेक्शन 1.06 लाख करोड़ रुपये के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया। देश में जीएसटी लागू होने के बाद यह अब तक की सबसे अधिक वसूली है। 1,06,577 करोड़ रुपये में 20,353 करोड़ रुपये का सीजीएसटी, 27,520 करोड़ रुपये का एसजीएसटी, 50,418 करोड़ रुपये का आईजीएसटी और 8,286 करोड़ रुपये का उपकर या सेस शामिल हैं। मार्च, 2018 में राजस्‍व 92,167 करोड़ रुपये था और मार्च, 2019 में राजस्‍व वसूली पिछले वर्ष के समान महीने में की तुलना में 15.6 प्रतिशत अधिक है।

FPI का बढ़ा भारतीय बाजार में भरोसा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी नीतियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत होती जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों का ही असर है कि आज भारतीय बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भरोसा बढ़ा है। एफपीआई ने मार्च में पूंजी बाजार मे 38,211 करोड़ रुपये का निवेश किया है। फरवरी में एफपीआई ने 11,182 करोड़ रुपये का निवेश किया था। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने एक से 22 मार्च के दौरान शेयरों में शुद्ध रूप से 27,424.18 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि इस दौरान उन्होंने ऋण या बांड बाजार में 10,787.02 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस तरह उनका कुल निवेश 38,211.20 करोड़ रुपये रहा।

फरवरी में 2.44 प्रतिशत बढ़ा देश का निर्यात
देश का निर्यात फरवरी में 2.44 प्रतिशत बढ़कर 26.67 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश का वाणिज्यिक निर्यात फरवरी महीने में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 2.44 प्रतिशत बढ़कर 26.67 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान औषधि, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र के उत्पादों की निर्यात मांग बढ़ी है। इसके साथ ही फरवरी में आयात में 5.4 प्रतिशत की गिरावट रही और यह 36.26 अरब डॉलर पर आ गया। इससे व्यापार घाटा में भी कमी आई है।

विदेशी मुद्रा भंडार 2.06 अरब डॉलर बढ़कर हुआ 400.24 अरब डॉलर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार एक फरवरी को समाप्त सप्ताह में 2.063 अरब डॉलर बढ़कर 400.24 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई है। पिछले सप्ताह देश का मुद्राभंडार 1.497 अरब डॉलर बढ़कर 398.178 अरब डॉलर हो गया था। रिजर्व बैंक के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में आरक्षित स्वर्ण भंडार 76.49 करोड़ डॉलर बढ़कर 22.686 अरब डॉलर हो गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ विशेष निकासी अधिकार 62 लाख डॉलर बढ़कर 1.470 अरब डॉलर हो गया। केन्द्रीय बैंक ने कहा कि आईएमएफ में देश का मुद्राभंडार भी 1.12 करोड़ डॉलर बढ़कर 2.654 अरब डॉलर हो गया। विदेशी मुद्रा भंडार ने आठ सितंबर 2017 को पहली बार 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया था। जबकि यूपीए शासन काल के दौरान 2014 में विदेशी मुद्रा भंडार 311 अरब के करीब था।

मोदी सरकार ने 2018 में जुटाये रिकॉर्ड 77,417 करोड़ रुपये
मोदी सरकार ने 2018 में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री करके रिकॉर्ड 77,417 करोड़ रुपये जुटाये हैं। 2018 में हुए बड़े विनिवेश सौदों में ओएनजीसी द्वारा एचपीसीएल का अधिग्रहण, सीपीएसई ईटीएफ, भारत-22 ईटीएफ और कोल इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री समेत छह आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) समेत अन्य शामिल हैं। विनिवेश में यह तेजी एयर इंडिया के निजीकरण के साथ 2019 में भी जारी रहने की उम्मीद है।

सिर्फ साढ़े चार साल में जुटाई यूपीए से दोगुनी से ज्यादा राशि
पिछले पांच साल में सरकार ने विनिवेश के जरिए रिकॉर्ड राशि जुटाई है। विनिवेश के मामले में भी मोदी सरकार ने यूपीए सरकार को पीछे छोड़ दिया है। अपने साढ़े 4 साल के कार्यकाल में एनडीए ने 2,09,896.11 करोड़ रुपए जुटाए जो यूपीए-1 और यूपीए-2 की कुल राशि से करीब दोगुनी ज्यादा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगातार मजबूत हो रही अर्थव्यवस्था के कारण सरकार ने पहली बार विनिवेश के जरिये एक बड़ी रकम जुटाई है।

बेहतर हुआ कारोबारी माहौल
पीएम मोदी ने सत्ता संभालते ही विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गति तेज की और देश में बेहतर कारोबारी माहौल बनाने की दिशा में भी काम करना शुरू किया। इसी प्रयास के अंतर्गत ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ नीति देश में कारोबार को गति देने के लिए एक बड़ी पहल है। इसके तहत बड़े, छोटे, मझोले और सूक्ष्म सुधारों सहित कुल 7,000 उपाय (सुधार) किए गए हैं। सबसे खास यह है कि केंद्र और राज्य सहकारी संघवाद की संकल्पना को साकार रूप दिया गया है।

पारदर्शी नीतियां, परिवर्तनकारी परिणाम
कोयला ब्लॉक और दूरसंचार स्पेक्ट्रम की सफल नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इस प्रक्रिया से कोयला खदानों (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 के तहत 82 कोयला ब्लॉकों के पारदर्शी आवंटन के तहत 3.94 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई।

जीएसटी ने बदली दुनिया की सोच
जीएसटी, बैंक्रप्सी कोड, ऑनलाइन ईएसआइसी और ईपीएफओ पंजीकरण जैसे कदमों कारोबारी माहौल को और भी बेहतर किया है। खास तौर पर ‘वन नेशन, वन टैक्स’ यानि GST ने सभी आशंकाओं को खारिज कर दिया है। व्यापारियों और उपभोक्ताओं को दर्जनों करों के मकड़जाल से मुक्त कर एक कर के दायरे में लाया गया।

मोदी राज में पिछले पांच वर्षों के दौरान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की तमाम रैंकिंग में सुधार हुआ है। नजर डालते हैं पिछले पांच वर्षों में भारत की कुछ अहम उपलब्धियों पर-

ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में भारत ने लगाई 23 पायदान की छलांग
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ना सिर्फ पूरी रफ्तार बल्कि सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। हाल ही में जारी की गई विश्व बैंक की ताजा ईज ऑफ डूईंज बिजनेस रिपोर्ट में भारत ने 23 रैंक की छलांग लगाई है। भारत अब 100 नंबर से चढ़कर 77वें पायदान पर आ गया है। इसके पहले पिछले साल भारत ने विश्व की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2018 में 30 अंको का जबदस्त उछाल हासिल कर ओवरऑल रैंकिंग में 100 वें स्थान पर आ गया था। इसमें विशेष बात यह है कि किसी भी देश द्वारा लगाई गई अब तक की यह सबसे बड़ी उछाल है। इसके साथ ही भारत इस Jump के बाद दुनिया में 10 सबसे बड़े सुधार करने वाले देशों में शामिल हो गया है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम, समर्थ व स्पष्ट नेतृत्व के कारण भारत में कारोबारी माहौल बेहतर हुआ है और व्यवसाय शुरू करने की प्रक्रिया भी सरल हो गई है।

वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा सूचकांक में भारत की रैंकिंग में सुधार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार तरक्की कर रहा है और नए मुकाम हासिल कर रहा है। विश्व आर्थिक मंच (WEF) के वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा सूचकांक 2018 में भारत पांच स्थान ऊपर चढ़कर 58वें स्थान पर पहुंच गया है। विश्व आर्थिक मंच ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भारत को 58वीं सर्वाधिक प्रतिस्पर्द्धी अर्थव्यवस्था घोषित किया है। WEF का कहना है कि भारत की रैंकिंग में पांच स्थान की वृद्धि जी-20 देशों के बीच सर्वाधिक बढ़ोतरी है। मंच ने यह भी कहा कि भारत दक्षिण एशिया में महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था बना हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार भारत क्षेत्रीय स्तर पर स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल के अलावा प्रतिस्पर्धा के सभी अन्य क्षेत्रों में आगे है। मंच की ओर से जारी 140 अर्थव्यवस्थाओं की सूची में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर सिंगापुर और तीसरे स्थान पर जर्मनी है।

विश्व के सबसे भरोसेमंद देशों में शामिल हुआ भारत
भारत अब कारोबार, सरकार, एनजीओ और मीडिया के मामले में विश्व के सबसे भरोसेमंद देशों में शामिल हो गया है। ‘एडलमैन ट्रस्ट बैरोमीटर-2019’ रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक विश्वसनीयता सूचकांक में तीन अंक के सुधार के साथ भारत 52 अंक पर पहुंच गया है। ये रिपोर्ट 27 बाजारों में किये गए ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित है। इनमें 33,000 से अधिक लोगों के जवाब शामिल किये गए हैं।

मोदी सरकार दुनिया की तीन सबसे भरोसेमंद सरकारों में
हाल ही में विश्व आर्थिक मंच (WEF) के एक सर्वे में प्रधानमंत्री मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार को दुनिया की तीसरी सबसे भरोसेमंद सरकार बताया गया है। WEF के सर्वे के अनुसार करीब तीन चौथाई भारतीयों ने मोदी सरकार में अपना भरोसा जताया। यह सर्वे अर्थव्यवस्था की स्थिति, राजनीतिक बदलाव और भ्रष्टाचार मामलों को लेकर किये गए थे। सर्वे के नतीजों में बताया गया है कि देश में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम और टैक्स सुधारों के कारण मौजूदा सरकार में भरोसा बढ़ा है।

ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में टॉप पर भारत
मोदी राज में भारत वैश्विक उपभोक्ता विश्वास (ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस) सर्वे में पहले पायदान पर है। नेल्सन के सर्वे के अनुसार भारत में वैश्विक उपभोक्ता विश्वास सबसे ज्यादा है। इस सर्वे के परिणाम दर्शाते हैं कि भारत में उपभोक्ता का विश्वास दो साल के शीर्ष पर है। नेल्सन के इस सर्वे में 64 देशों के 32 हजार उपभोक्ताओं ने हिस्सा लिया। भारत कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स (CCI) में 133 अंकों के साथ पहले पायदान पर है। सर्वे में 131 अंकों के साथ फिलीपिंस दूसरे और 127 अंकों के साथ इंडोनेशिया तीसरे पायदान पर है।

भारतीय पासपोर्ट ने लगाई 10 पायदान की छलांग
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारतीय पासपोर्ट वैश्विक स्तर पर और ज्यादा मजबूत हो गया है। ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स रैंकिंग में भारत ने 10 अंकों की छलांग लगाई है। ग्लोबल पासपोर्ट इंडेक्स में 199 देशों की सूची में भारत 67वें स्थान पर पहुंच गया है। भारतीय पासपोर्ट पिछले 5 वर्षों में लगातार मजबूत हुआ है। यह भारतीय पासपोर्ट की बढ़ती ताकत ही है कि अब आपको विश्व के 25 देशों में बिना वीजा एंट्री और 39 देशों में वीजा ऑन अराइव की सुविधा दी जाएगी। वीजा ऑन अराइव से उस देश में पहुंचने के बाद आपको हाथों-हाथ वीजा मिल जाता है।

बौद्धिक संपदा सूचकांक में लगाई आठ अंकों की छलांग
बौद्धिक संपदा सूचकांक में भारत आठ स्थानों की छलांग लगाकर 36वें पायदान पर पहुंच गया है। 2018 में भारत 44वें स्थान पर था। अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स के वैश्विक नवोन्मेषण नीति केंद्र (जीआईपीसी) के 2019 के इस सूचकांक में शामिल 50 देशों में भारत की स्थिति में सबसे ज्यादा सुधार आया है। इस सूचकांक में अमेरिका पहले, ब्रिटेन दूसरे, स्वीडन तीसरे, फ्रांस चौथे और जर्मनी पांचवें स्थान पर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की स्थिति में यह सुधार भारतीय नीति निर्माताओं के जरिए घरेलू उद्यमियों और विदेशी निवेशकों के लिए समान रूप से एक सतत नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के प्रयासों को दर्शाता है। जीआईपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पैट्रिक किलब्राइड ने कहा कि लगातार दूसरे साल भारत का स्कोर सबसे अधिक सुधरा है।

वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक में सुधरी भारत की रैंकिंग
प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में पिछले साढ़े चार वर्षों में देश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है। वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक भी इसकी पुष्टि कर रहा है। 2018 के वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक के मुताबिक भारत की रैंकिंग सुधरी है। भ्रष्टाचार-निरोधक संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी वार्षिक सूचकांक के मुताबिक भारत में अब पहले की तुलना में कम भ्रष्टाचार है। इस सूचकांक में भारत तीन स्थान के सुधार के साथ 78वें पायदान पर पहुंच गया है। पहले भारत इसमें 81वें पायदान पर था। वैश्विक संगठन ने कहा कि आगामी चुनावों से पहले भ्रष्टाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 2017 में भारत को 40 अंक प्राप्त हुए थे, जो 2018 में 41 हो गए।

भारत ने पहली बार 60 अर्थव्यवस्थाओं के ‘ब्लूमबर्ग इनोवेशन इंडेक्स’ में बनाई जगह
दुनियाभर में इनोवेशन के मामले में भारत ने पहली बार 60 अर्थव्यवस्थाओं के ‘ब्लूमबर्ग इनोवेशन इंडेक्स’ में जगह बनाई है। भारत ने 60 अर्थव्यवस्थाओं के ‘2019 ब्लूमबर्ग इनोवेशन इंडेक्स’ में 100 में से 47.93 के स्कोर के साथ 54वां स्थान प्राप्त किया है। भारत के लिए यह एक बहुत बड़ी कामयाबी है। ब्लूमबर्ग इनोवेशन इंडेक्स में 87.38 के कुल स्कोर के साथ दक्षिण कोरिया शीर्ष पर रहा। 

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में सुधार
हाल ही में दुनियाभर में इनोवेशन के मामले में भारत की रैंकिंग में 3 स्थान का सुधार हुआ है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) की सूची में भारत 57वें नंबर पर है, पिछले साल भारत 60वें नंबर पर था। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की स्थिति में लगातार सुधार हुआ है। 2015 में भारत 81वें स्थान पर था। कॉर्नेल यूनिवसिटी और वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गनाइजेशन ने मिलकर इस इंडेक्स को तैयार किया है। जीआईआई इंडेक्स के अनुसार मध्य और दक्षिण एशिया क्षेत्र में भारत सबसे इनोवेटिव देश है।

विश्व में सबसे तेजी से विकास करने वाले टॉप 10 शहरों में सभी भारत के
आर्थिक विकास के मामले में विश्व के शीर्ष 10 शहरों की बात आने पर भारत अगले दो दशकों तक हावी रहने वाला है। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में सबसे तेजी से विकास करने वाले शीर्ष दस शहरों में सभी शहर भारत के हैं। ऑक्सफोर्ड के वैश्विक शहरों के शोध के प्रमुख रिचर्ड होल्ट के मुताबिक गुजरात की हीरा नगरी और व्यापार केंद्र सूरत में 2035 तक 9 प्रतिशत से अधिक की औसत के साथ सबसे तेजी से विस्तार देखेने को मिलेगा। शीर्ष के 10 शहरों में- सूरत, आगरा, बेंगलुरु, हैदराबाद, नागपुर, तिरुपुर, राजकोट, तिरुचिरापल्ली चेन्नई और विजयवाड़ा शामिल है।

फोटो सौजन्य

ब्लूमबर्ग की खबर के अनुसार हालांकि सूची में शामिल कई भारतीय शहरों का इकोनॉमिक आउटपुट दुनिया के बड़े मेट्रोपॉलिटन शहरों से कम रहेगा, लेकिन एशिया के सभी शहरों का कुल जीडीपी 2027 तक उत्तरी अमेरिका और यूरोप के प्रमुख शहरों से कई गुना आगे निकल जाएगा। 2035 तक यह उत्तर अमेरिका और यूरोप महाद्वीपों से 17 प्रतिशत अधिक हो जाएगा। इसमें सबसे ज्यादा योगदान चीनी शहरों का होगा।

एशिया पैसिफिक में सबसे तेज प्रगति करने वाला देश बना भारत
एशिया प्रशांत देशों में भारत सबसे तेजी से तरक्की करने वाला देश बन गया है। अंतरराष्ट्रीय थिंक-टैंक लेगाटम इंस्टीट्यूट के 12वें सालाना वैश्विक समृद्धि सूचकांक में भारत 19 पायदान की लंबी छलांग लगाते हुए 94 स्थान पर पहुंच गया है। दुनिया सबसे समृद्ध देश की पहचान के लिए सौ से ज्यादा मानदंडों पर सभी देशों के परखा गया था। 2013 में भारत इस सूची में 113वें नंबर था और पांच वर्षों के दौरान भारत अभूतपूर्व प्रगति के साथ 94 नंबर पर पहुंच गया है।

मानव विकास सूचकांक में भारत की रैंकिंग में सुधार
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा हाल में जारी ताजा मानव विकास सूचकांक में भारत 189 देशों में एक स्थान ऊपर चढ़कर 130वें स्थान पर पहुंच गया है। दक्षिण एशिया में भारत का मानव विकास सूचकांक मूल्य 0.640 है। यह दक्षिण एशिया के औसत 0.638 से अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1990 से 2017 के बीच सकल राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय में 266.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। भारत की क्रय क्षमता के आधार पर प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय करीब 4.55 लाख रुपये पहुंच गई है। जो पिछले साल से 23,470 रुपये अधिक है। इसके साथ ही जीवन प्रत्याशा के मामले में भारत की स्थिति बेहतर हुई है। भारत में जीवन प्रत्याशा 68.8 साल है जबकि 1990 में 57.9 साल थी।

ग्लोबल पीस इंडेक्स में 4 पायदान सुधार के साथ 137वें नंबर पर भारत
इसके साथ ही ग्लोबल पीस इंडेक्स-2017 में भारत चार पायदान ऊपर चढ़कर 137 वें स्थान पर पहुंच गया है। भारत अब 163 देशों में पिछले साल की रैंकिंग 141 की तुलना में चार पायदान सुधार के साथ 137वें नंबर पर है। ऑस्ट्रेलिया स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पीस (आईईपी) की ओर से जारी सर्वे रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग सुधरने का कारण हिंसक घटनाओं में आई कमी को बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कानून-व्यवस्था सुधरी है। रिपोर्ट के अनुसार आइसलैंड दुनिया का सबसे शांतिपूर्ण देश है, जबकि सीरिया दुनिया का सबसे कम शांति वाला देश है।

यात्रा व पर्यटन प्रतिस्‍पर्धा सूचकांक 2017
यात्रा व पर्यटन प्रतिस्‍पर्धा सूचकांक 2017 (टीटीसीआई) में भारत 40 वें पायदान पर है। सन 2013 में भारत 65वें स्‍थान पर था, इस तरह मोदी सरकार आने के बाद भारत 25 स्थान ऊपर पहुंचा है।

ग्लोबल फायर पॉवर रैंकिंग
हाल ही में ग्लोबल फायर पॉवर रैंकिंग में भारत को चौथा स्थान मिला है। ग्लोबल फायर पॉवर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथे स्थान पर है। यह रैंकिंग 55 से अधिक मानदंडों के आधार पर की गयी है।

भारत बना दुनिया का छठा सबसे धनी देश
भारत 8,230 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ विश्व का छठा सबसे धनी देश है। अफ्रएशिया बैंक की वैश्विक संपत्ति पलायन समीक्षा (AfrAsia Bank Global Wealth Migration Review) रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका 62,584 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ शीर्ष पर है। रिपोर्ट के अनुसार 2027 तक भारत, ब्रिटेन और जर्मनी को पछाड़ दुनिया का चौथा सबसे धनी देश बन जाएगा।

बैंक की समीक्षा में किसी देश के हर व्यक्ति की कुल निजी संपत्ति को आधार माना गया है। 24,803 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ चीन दूसरे और 19,522 अरब डॉलर के साथ जापान तीसरे स्थान पर है। भारत में संपत्ति सृजन के कारणों में उद्यमियों की काफी संख्या, अच्छी शिक्षा प्रणाली, सूचना प्रौद्योगिकी का शानदार परिदृश्य, कारोबारी प्रक्रिया की आउटसोर्सिंग, रियल एस्टेट, हेलथकेयर और मीडिया क्षेत्र शामिल है। पिछले 10 वर्ष में इनकी संपत्ति में 200 गुना तेजी दर्ज की गयी है। रिपोर्ट के अनुसार विश्व में अभी 1.52 करोड़ ऐसे लोग हैं जिनकी संपत्ति 10 लाख डॉलर से अधिक है। एक करोड़ डॉलर से अधिक की संपत्ति वाले लोगों की संख्या 5.84 लाख और एक अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति वाले लोगों की संख्या 2,252 है।

 

मार्केट कैपिटलाइजेशन में बना 8वां बड़ा बाजार बना भारत
मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से भारत, टॉप 10 की सूची में दुनिया का 8वां बड़ा बाजार बन गया है। दरअसल भारतीय शेयर बाजार में आई जबरदस्त तेजी का दौर मार्केट कैपिटलाइजेशन की रैंकिंग में लगातार बड़े बदलाव कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय शेयर बाजार ने अपने मार्केट कैपिटलाइजेशन में आई 49 % की तेजी के चलते कनाडा को पीछे छोड़कर यह स्थान बनाया है। पिछले महीने 13 दिसंबर को भारत का मार्केट कैपिटलाइजेशन कनाडा के 2.21 लाख करोड़ डॉलर के मुकाबले 2.28 लाख करोड़ डॉलर रहा। इस बढ़ोत्तरी की तीन मुख्य वजहें बताई जा रही हैं। बेंचमार्क इंडेक्स यानी सेंसेक्स का 24% बढ़ना, रुपये में डॉलर की तुलना में 12% की मजबूती और आईपीओ मार्केट की बढ़ी हुई गतिविधि। पिछले साल 82 भारतीय कंपनियों में आईपीओ के माध्यम से लगभग 71,687 करोड़ रुपये जुटाए गए।

ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप इंडेक्स में भारत 68 वें स्थान पर
ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप इंडेक्स में एक पायदान ऊपर चढ़कर भारत 68वें स्थान पर पहुंच गया है। पिछले साल भारत रैंकिंग में जबरदस्त 29 स्थानों की बढ़त के साथ 69 वें स्थान पर रहा था। 137 देशों की इस सूची में अमेरिका पहले स्थान पर है। प्रत्येक देश को अपने ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप इंडेक्स (जीईआई) स्कोर के हिसाब से स्थान दिया गया है।

विश्व प्रतिभा रैंकिंग में भारत पहुंचा और ऊपर
विश्व स्तर पर भारत प्रतिभा आकर्षित करने, उसे विकसित करने और उसे अपने यहां बनाए रखने के मामले में तीन पायदान ऊपर आ गया है। स्विट्जरलैंड स्थित International Institute for Management Development (IMD) की ओर से तैयार की गई इस रैंकिंग में भारत अब 54वें से 51वें स्थान पर आ गया है। रैंकिंग में ऊपर आना इस बात का प्रमाण है कि मौजूदा सरकार देश की प्रतिभाओं में सकारात्मक भाव पैदा करने में सफल रही है। इस सूची में स्विटजरलैंड पहले स्थान पर है और टॉप 10 में भी यूरोपीय देश ही हैं।

विदेशियों की नजर में बेहतर हुआ भारत में रहने का माहौल
विदेशियों की नजर में भारत में रहने का माहौल बेहतर हुआ है। रहने और काम करने के हिसाब से भारत की स्थिति में 12 पायदान का उछाल आया है। विदेशियों की नजर में भारत की रैकिंग सुधरने से ग्लोबल रैंकिंग में भारत 14वें स्थान पर पहुंच गया है। इस तरह से कह सकते हैं कि विदेशियों के रहने और काम करने के लिहाज से भारत की रैंकिंग में जबर्दस्त उछाल आया है। जागरण की रिपोर्ट के अनुसार अर्थव्यवस्था, अनुभव और पारिवारिक मानकों के संयुक्त पैमाने पर इस साल भारत 12 स्थान ऊपर आया है। काम और वित्तीय अवसर की तलाश में भारत आने वाले विदेशी अपने परिवार के लिए भी इसे बेहतर जगह मान रहे हैं। पेशेवर तरक्की के मामले में भारत प्रवासियों की पसंद के टॉप 10 देशों में शामिल हो गया है।

EPT में जबरदस्त जम्प
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, ईज ऑफ पेइंग टैक्स में भारत 53 स्थानों की छलांग लगाकर 119वें स्थान पर आ गया है। इससे पहले भारत का स्थान 172वां था। Resolving insolvency की रैंकिंग में भारत का स्थान 136वां था, जो कि अब 33 नंबर के उछाल के साथ 103वें पर आ गया है। नया व्यापार शुरू करने के लिहाज से भारत 156वें स्थान पर है लेकिन कई ऐसी इनीशिएटिव्स हैं जिनपर काम किया जा रहा है। हैं। विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक ऐसा देश है, जो संरचनात्मक सुधारों का काम कर रहा है।

Leave a Reply