राजनीति की दुनिया में भूकंप लाने का दावा करने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जुबान खोली तो जलजला क्या हलचल भी नहीं हुई। लेकिन जलजला लाने की जल्दबाजी में उन्होंने अपना ही काला चिट्ठा खोल दिया। राहुल ने बड़बोलेपन में अपनी ही किरकिरी करा ली।
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सहारा से पैसे लेने के आरोप लगाए। राहुल सोच रहे थे कि किसी नाम वाले पर आरोप लगाकर खुद भी नाम कमा लेंगे लेकिन इस आरोप में उन्होंने अपने गुनाह का पर्दाफाश कर दिया।
राहुल गांधी ने जिस सहारा कंपनी पर आरोप लगाया, खुद उसी की गाड़ी में सैर करते नजर आए। सहारा की महंगी टोयोटा लैंड क्रूजर में लोगों के बीच रोडशो करते दिखे।
Let’s Expose Rahul (पप्पू) Gandhi!!
He himself Using Sahara Car fr Campaigning and blaming Modi ji for working fr corporates & taking bribe? pic.twitter.com/BP3Bvg7gS0— Honey being (@HoneyBeing_) December 23, 2016
इस फोटो में आप यहां देख सकते हैं कि राहुल गांधी UP32DZ7000 रजिस्ट्रेशन नंबर की जिस गाड़ी पर कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं, जानकारी के मुताबिक वो गाड़ी सहारा की है। सहारा इंडिया के नाम से रजिस्टर्ड है। सहारा की गाड़ी को खुद इस्तेमाल करने वाले राहुल दूसरों पर सहारा से फायदा लेने का आरोप लगा रहे हैं।
सहारा की महंगी गाड़ी में खुद सैर करते हैं और आरोप लगाते हैं किसी और पर। आखिर आप पप्पू किसे बना रहे हैं? आप जिस गाड़ी में सैर कर रहे हैं लोग उस बारे में जानकारी बस एक एसएमएस से पा सकते हैं। राहुल जी अगर आपको इस बारे में पता ना हो तो Vahan UP32DZ7000 (vahan स्पेस गाड़ी नंबर) लिखकर 7738299899 पर एसएमएस करेंगे तो आपके पास गाड़ी किसके नाम से रजिस्टर्ड है इसकी जानकारी आ जाएगी।
सवाल ये उठता है कि खुद सहारा की गाड़ी इस्तेमाल करने वाले राहुल आखिर दूसरों पर अनर्गल आरोप क्यों लगा रहे हैं?
- क्या राहुल अगस्ता वेस्टलैंड और यूपीए सरकार के दौरान हुए घोटालों से ध्यान बंटाने के लिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं?
- जिस आधार पर राहुल भूकंप का दावा कर रहे थे उसे सुप्रीम कोर्ट ने सबूत के लायक भी नहीं समझा। तो क्या इनके पास मुद्दों का अभाव हो गया है?
- ये पार्टी के नेताओं के मानसिक दिवालियापन का उजागर नहीं करता?
- आखिर चरित्र का ये दोहरापन अपनाकर राहुल किसे उल्लू बनाना चाहते हैं?
- क्या राहुल की पार्टी कांग्रेस आम लोगों को गरीब और अनपढ़ इसलिए बनाए हुए थी कि वे आपकी कथनी और करनी का भेद ना जान पाए?
लेकिन इस सोशल मीडिया वाली डिजिटल दुनिया में वे अब और लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकते।
राहुल गांधी इन्हीं सब कारणों से सोशल मीडिया पर मजाक के पात्र बनते हैं और लोग इनको सीरियसली नहीं लेते। और जब ये सीरियस होकर कुछ बोलते हैं तो अपनी ही करनी को लोगों के सामने लाकर, अपना ही काला चिट्ठा खोल देते हैं।