प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार 15 अगस्त के अपने भाषण में देशवासियों से सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान छेड़ने का आग्रह किया था। प्रधानमंत्री मोदी की इस अपील का असर अब दिखाई देने लगा है। देश की 22 बड़ी फूड कंपनियों ने प्लास्टिक इस्तेमाल नहीं करने का फैसला लिया है। आईटीसी, एचयूएल, डाबर, केलॉग, नेस्ले, मदर डेयरी समेत कभी कंपनियों ने प्लास्टिक नहीं यूज करने का फैसला कर लिया है। इनके अलावा और कई कंपनियों ने प्लास्टिक ना यूज करने के अभियान का समर्थन किया है।
देशभर के व्यापारी 2 अक्टूबर से प्लास्टिक थैली का इस्तेमाल नहीं करेंगे
देश में व्यापारियों के शीर्ष संगठन कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 2 अक्टूबर यानि महात्मा गांधी की जयंती के दिन से प्लास्टिक के थैलों का उपयोग नहीं करने का ऐलान किया है। इस संगठन में देशभर के 7 करोड़ व्यापारी जुड़े हैं। इनका कहना है कि 2 अक्टूबर से ग्राहकों को अपना थैला लाना होगा। कैट ने देशभर के उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अब शॉपिंग के लिए अपना थैला साथ लेकर ही जाएं। व्यापारियों की दुकानों से अब उन्हें थैला नहीं मिलेगा।
मैकडोनॉल्ड्स में प्लास्टिक बंद, अब मिलेगी लकड़ी की चम्मच-छुरी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के बाद दुनिया की सबसे बड़ी फास्ट फूड चेन मैकडोनॉल्ड्स ने भी प्लास्टिक की प्लेट, चम्मच से तौबा कर ली है। अब मैकडोनॉल्ड्स प्रबंधन ने अपने रेस्टोरेंट में प्लास्टिक के बजाए लकड़ी की चम्मच और छुरी देने को फैसला किया है। कंपनी का कहना है कि वो इको फ्रैंडली बायोडिग्रेडेबल विकल्पों को अपना रही है।
2 अक्टूबर से जामिया मिलिया इस्लामिया में प्लास्टिक पर बैन
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने फैसला किया है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिवस 2 अक्तूबर 2019 से पूरा परिसर प्लास्टिक फ्री हो जाएगा। इस नये बदलाव के तहत जामिया के पूरे परिसर, हॉस्टलों, सभी कैंटीन, दुकानों और कॉफी हाउस पर प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रतिबंध के हर उल्लंघन पर 500 रुपये का फाइन लगेगा। प्रतिबंधित वस्तुओं में 200 मिलीलीटर की पानी या किसी भी तरल पदार्थ की बोतलें, प्लास्टिक मिनरल वाटर पाउच, बिना हैंडल वाले प्लास्टिक बैग, एक बार इस्तेमाल होने वाले थर्मोकोल या प्लास्टिक से बने प्लेट, चम्मच, कप, ग्लास, कटोरी जैसे सामान शामिल हैं।
प्रधानमंत्री की ‘प्लास्टिक मुक्त भारत’ की अपील का असर, रेलवे स्टेशनों पर बैन होगी पॉलीथीन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक (Single use plastic) के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की अपील की थी। साथ ही इसे लेकर दो अक्टूबर को देश भर में अभियान चलाने की भी घोषणा की थी। पीएम मोदी की इस अपील का असर भी जल्द दिखाई देने लगा है। लोकसभा सचिवालय ने संसद भवन परिसर में प्लास्टिक की बोतलों और सिंगल यूज्ड प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद रेलवे और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। रेलवे मंत्रालय ने पर्यावरण को प्लास्टिक के खतरे से बचाने के लिए अपने सभी रेलवे इकाइयों को इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने का निर्देश दिया है, जो 2 अक्टूबर से लागू होगा।
50 माइक्रोन से कम के नहीं होने चाहिए प्लास्टिक बैग
रेल मंत्रालय ने साफ कहा है कि भारतीय रेल को कूड़ा उत्पादक के तौर पर जाना जाता रहा है। इसलिए प्लास्टिक और पॉलीथीन बैग को लेकर 2016 में जो नियम बने हैं, उन्हें फौरन लागू किया जाए। इस नियम के तहत एक बार इस्तेमाल में आने वाले प्लास्टिक बैग 50 माइक्रोन्स से कम के नहीं होने चाहिए।
Ministry of Railways has directed all railway units to enforce a ban on single-use plastic material, with less than 50 microns thickness from 2 Oct, to minimize generation of plastic waste and its eco- friendly disposal. Strict enforcement is to be from 2 Oct. pic.twitter.com/ftAAMjEnOa
— ANI (@ANI) August 21, 2019
रेल मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें निर्देश दिए गए हैं….
(1) एक बार उपयोग वाली प्लास्टिक (Single use plastic) सामग्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
(2) सभी रेलवे वेंडरों को प्लास्टिक के बैग का उपयोग करने से बचना होगा।
(3) कर्मचारियों को प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग कम करना चाहिए, प्लास्टिक उत्पादों की रिसाइक्लिंग कर इसका फिर से इस्तेमाल करना चाहिए और इसके साथ ही फिर से उपयोग में लाए जा सकने वाले सस्ते बैगों का उपयोग करना चाहिए, ताकि प्लास्टिक के स्टॉक में कमी आ सके।
(4) आईआरसीटीसी विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी के हिस्से के रूप में प्लास्टिक की पेयजल वाली बोतलों को लौटाने की व्यवस्था लागू करेगा।
(5) प्लास्टिक की बोतलों को पूरी तरह तोड़ देने वाली मशीनें जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाएंगी।
(6) प्लास्टिक के कचरे के सृजन को न्यूनतम स्तर पर लाने और इसके पर्यावरण अनुकूल निपटारे की व्यवस्था करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
ईको फ्रेंडली बैग के इस्तेमाल पर जोर
रेलवे मंत्रालय के आदेश के मुताबिक रेलवे के सभी वेंडर्स को प्लास्टिक के कैरी बैग का इस्तेमाल बंद करने लिए जागरुक करने को कहा गया है। साथ ही सलाह दी गई है कि दोबारा इस्तेमाल में आने वाले पर्यावरण के अनुकूल बैग यानी की ईको फ्रेंडली बैग का इस्तेमाल किया जाए।
प्लास्टिक बोतलों को तोड़ने वाली लगेगी मशीन
रेलवे बोर्ड ने IRCTC को भी निर्देश दिया है कि प्लास्टिक की पीने की बोतलों को वह वापस बोतल निर्माता कंपनियों को भेजे। इसमें कहा गया है कि इस तरह के कूड़े को इकट्ठा करना भी बोतल बनाने वालों की ज़िम्मेदारी है। प्लास्टिक बोतलों को मशीन से तोड़कर ख़त्म करने के लिए ऐसी मशीनों को बड़ी संख्या में इस्तेमाल करने की भी सलाह रेल मंत्रालय ने दी है।
02 अक्टूबर को दिलाई जाएगी शपथ
रेल मंत्रालय ने रेलवे की सभी यूनिटों को निर्देश भी दिया है कि प्लास्टिक के उपयोग में कमी लाने की शपथ 02 अक्टूबर, 2019 को दिलाई जाएगी। इसके अलावा, रेलवे की सुविधाओं का उपयोग करने वालों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) संबंधी उपाय अपनाए जाएंगे। इसी दिन से ‘प्लास्टिक फ्री रेलवे’ अभियान भी शुरू हो जाएगा।
अब सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा- प्रधानमंत्री मोदी
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में जमीन को बंजर बनाने की समस्या से निपटने की संयुक्त राष्ट्र संधि में शामिल देशों के 14वें (COP14) सम्मेलन को संबोधित करते हुए 9 सितंबर, 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भूमि क्षरण रोकने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग खत्म करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा था कि भारत इसमें प्रभावी योगदान देने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा था कि सदियों से हमने भूमि को महत्व दिया है। भारतीय संस्कृति में पृथ्वी को पवित्र माना गया है और मां का दर्जा दिया गया है।