राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि केंद्र सरकार का पहला लक्ष्य ‘सबका साथ-सबका विकास’ है। मंगलवार को संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सभी सरकारी नीतियों के मूल में गरीब, पीड़ित, दलित और वंचित की भलाई रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में 13 करोड़ गरीब लोग सामाजिक सुरक्षा योजना से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि आजाद भारत में पहली बार ऐसा हो रहा है कि इस साल रेल और आम बजट एक साथ पेश किया जा रहा है। यह एक ऐतिहासिक सत्र है। हमारी सरकार जनशक्ति को नमन करती है। स्वच्छ भारत मिशन जन आंदोलन बन गया है। देश भर में 3 करोड़ शौचालय का निर्माण किया गया। गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई गई है। दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत 11000 से भी ज्यादा गांवों में बिजली पहुंचाई गई।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार किसानों के लिए चिंतित है और उनके कल्याण के लिए काम कर रही है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में हर खेत को पानी पहुंचाने की कोशिश है। प्रधानमंत्री फसल बीमा से किसानों को लाभ पहुंचा है। मोदी सरकार ने 2022 तक सबको घर देने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि देशभर में 1.2 करोड़ लोगों ने एलपीजी की सब्सिडी छोड़ दी है। उज्ज्वला योजना के तहत डेढ़ करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर दिए जा चुके हैं। उज्ज्वला योजना से लाभ पाने वालों में 37 प्रतिशत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के हैं। 24 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे गए है।
संयुक्त सत्र में उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, कालेधन पर जनता का सहयोग सराहनीय रहा है। अब तक 26 करोड़ से अधिक जनधन एकाउंट खोले जा चुके है। डिजिटल योजना में 3 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड को रुपे कार्ड में बदला जा रहा है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार ‘नारी शक्ति’ को इस विकास यात्रा का अभिन्न हिस्सा बना रही है। सरकार का मानना है कि महिलाओं को बराबर मौके मिलने चाहिए। मातृत्व अवकाश 12 हफ्ते से 26 हफ्ते किया गया है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के उत्साहित करने वाले परिणाम मिले है।