नरेन्द्र मोदी एक ऐसे प्रधानमंत्री है, जिन्होंने नामुमकिन को भी मुमकिन कर दिखाया है। चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थिति हो या विपक्ष और एजेंडा पत्रकारों की आलोचना हो वह शांत भाव से बिना विचलित हुए लक्ष्य पाने की कोशिश करते रहे हैं। उनकी नजर अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य पर होती है, जो लक्ष्य भेदने के बाद ही हटती है। नोटबंदी हो, पुलवामा हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई हो या विंग कमांडर अभिनंदन की वतन वपासी हो, हर किसी की जुबां पर यही था कि मोदी है तो मुमकिन है।
अभिनंदन की वतन वापसी, पीएम मोदी की सख्ती का नतीजा
पाकिस्तान के हवाई हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने भी जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान भारत का एक लड़ाकू विमान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में क्रैश हो गया और उसके पयालट विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तानी सेना के कब्जे में चले गए। इसके बाद पीएम मोदी की अगुवाई में सरकार ने अभिनंदन को सकुशल छुड़ाने की कोशिशें तेज कर दीं। पाकिस्तान सरकार अभिनंदन को छोड़ने के लिए सौदेबाजी करने लगी। पीएम मोदी ने पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया कि अभिनंदन की रिहाई बिना शर्त होनी चाहिए। यहां तक कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से फोन पर बात करने से भी इनकार कर दिया। पीएम मोदी के कड़े रूख को देखते हुए आखिरकार पाकिस्तान को बिना शर्त अभिनंदन को रिहा करने का ऐलान करना पड़ा।
पीएम मोदी के शांत और अटल रूख को मिला समर्थन
विंग कमांडर अभिनंदन को सकुशल भारत लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी लगे हुए थे। साथ ही सरकार और पार्टी के कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेते रहे। इस दौरान विपक्ष के साथ-साथ एजेंडा पत्रकार भी पीएम मोदी को हालात की गंभीरता का पाठ पढ़ाने लगे। पीएम मोदी ने विपक्ष और एजेंडा पत्रकारों की आलोचना की परवाह नहीं की। वे पाकिस्तान पर अंतराष्ट्रीय दवाब बनाने के लिए धैर्य के साथ कूटनीतिक प्रयास करते रहे, वहीं सेना को भी कार्रवाई की खुली छूट दे रखी थी। पीएम मोदी के शांति के साथ की जा रही कोशिशों को सोशल मीडिया पर लोगों का समर्थन मिला ।
PM का नार्मल रूटीन
देश में सब कुछ सामान्य
सारे एयरपोर्ट्स चालू
लीडरशिप के शांत चेहरेदुश्मन का मनोबल तोड़ने के लिए काफी हैं
आज पाकिस्तान ठप्प हैं
एयरपोर्ट्स बंद
कराची जैसे शहरों में ब्लैकआउट
‘या ख़ुदा रहम’की आवाजें
शांति शांति का रोनाये #NewIndia हैं
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 28, 2019
India didn’t utter a word about peace or de-escalation. Modi coolly launching Khel India app. Didn’t even pick up Imran’s call.
Meanwhile Pak put entire country on lockdown/blackout, did 100 Press conferences about peace & returned our pilot in <24 hrs
What does that tell you? pic.twitter.com/BTpts8FU8q
— Abhishek (@AbhishBanerj) February 28, 2019
पीएम मोदी की साहस की तारीफ, विपक्ष को नसीहत
सोशल मीडिया पर कई ऐसे लोग थे, जो इस विपरीत हालत में भी बिना घबड़ाये और दबाव में आए अपना नियमित काम करने के लिए पीएम मोदी की तारीफ की, वहीं कई लोग विपक्ष को नसीहत देते नजर आए।
कल पूरी रात मै सो न सका, @narendramodi जी दिन रात राष्ट्र के उन्नयन के लिए लगे है और भारत के अंदर ही रहने वाले चंद पैसे और राजनीतिक स्वार्थ के लिए दुश्मन देश को सहायता कर रहे है ,क्या भारत सिर्फ मोदी का है ,जरूरत है वोट बैंक राजनीति में और शिक्षा में बदलाव की #PakPremiPatrakaar
— Shailesh Tewarie (@ShaileshTewarie) March 1, 2019
People have no idea how hard Modis job is. In these type of situations given the anti naronal vultures in India. How he handles all this is just mind blowing ???
— Realist_Indian (@India_Progress) February 28, 2019
सर्जिकल स्ट्राइक-2 : जो संकल्प लिया, उसे पूरा किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाथ जोड़कर और सिर झुकाकर पुलवामा आतंकवादी हमले के 40 शहीदों के तिरंगे में लिपटे ताबूतों की परिक्रमा की । इस दौरान पीएम मोदी को देखकर लग रहा था कि उनके अंदर तूफान उठा हुआ है, फिर भी वह शांत है। उन्होंने कहा भी, ‘जो आग आपके दिल में हैं, वहीं आग मेरे दिल में भी है।’ उन्होंने संकल्प लिया कि शहीदों का बदला लिया जाएगा। पीएम मोदी ने अपने इस संकल्प को 26 फरवरी की तड़के पूरा कर दिखाया। सर्जिकल स्ट्राइक-2 के तहत 12 मिराज विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण केंद्र पर बम गिराए, जिसमें 300 से अधिक आतंकी मारे गए।
सर्जिकल स्ट्राइक-1 : जो कहा, वह किया
पहली सर्जिकल स्ट्राइक 29 सितंबर को उरी में हुए आतंकी हमले के 11 दिनों बाद की गई थी। उरी हमले में भारतीय सेना के 11 जवान शहीद हो गए थे। पीएम मोदी ने आतंकियों को स्पष्ट संदेश दिया था कि इस हमले का बदला लिया जाएगा। इसके बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक विशेष दस्तों ने LoC के पास में ही कुपवाड़ा और पुंछ से कुछ दूरी पर की थी, जिसमें कई आतंकी मारे गए थे।
नोटबंदी : कालेधन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक
8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की। पीएम मोदी के इस साहसिक कदम से हालांकि देश में कुछ समय के लिए अफरातफरी का माहौल हो गया था। बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग गई थीं। उधर उनके विरोधी जहां गले ना उतरने वाली दलीलें देकर खोट निकालने में लगे थे और नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष के सारे दिग्गज एक हो चले थे। वहीं पीएम मोदी अपने फैसले पर अटल थे। जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए वह लगातार कोशिशें करते रहें। इस दौरान जनता का भी उन्हेंं पूरा साथ मिला। नोटबंदी के इस कदम को ईमानदार सोच के साथ देखने वाले खुलकर बताते हैं कि इस फैसले ने देश की वित्तीय और आर्थिक प्रणाली को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की शुरुआत की।
जीएसटी लागू करने का साहसिक और ऐतिहासिक फैसला
30 जून, 2017 की आधी रात को संसद के संयुक्त अधिवेशन में मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जीएसटी लॉन्च कर दिया। इसी के साथ देश में टैक्स की नई दरें भी लागू हो गईं। देश जीएसटी को लेकर पिछले 17 सालों से इंतजार कर रहा था। जब जीएसटी लागू हुई तो इसके लागू करने के तरीकों को लेकर विपक्ष के साथ अर्थशास्त्रियोंं ने भी मोदी सरकार पर चौतरफा हमला किया। व्यापारिक वर्ग में भी नाराजगी देखी गई। इन सब के बीच पीएम मोदी अपने फैसले से विचलित नहीं हुए। व्यापारियों और आम लोगों के हित में समय-समय पर जीएसटी में सुधार भी करते रहें।