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Conflicts और confrontation से भरी दुनिया किसी के भी हित में नहीं है- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि Conflicts और confrontation से भरी दुनिया किसी के भी हित में नहीं है। नई दिल्ली के नवनिर्मित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर यशोभूमि में 9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (P20) को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग कोनों में जो कुछ भी घट रहा है, उससे आज कोई भी अछूता नहीं है। Conflicts और confrontation से आज दुनिया संकटों से जूझ रही है। यह संकटों से भरी दुनिया किसी के भी हित में नहीं है। मानवता के सामने जो बड़ी चुनौतियां हैं, उनका समाधान एक बंटी हुई दुनिया नहीं दे सकती। यह शांति और भाईचारे का समय है, साथ मिलकर चलने का समय है, साथ आगे बढ़ने का समय है। यह सब के विकास और कल्याण का समय है। हमें वैश्विक विश्वास के संकट को दूर करना होगा और मानव केंद्रित सोच पर आगे बढ़ना होगा। हमें विश्व को एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की भावना से देखना होगा।

इजरायल में हमास के आतंकी हमले के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत दशकों से क्रॉस-बॉर्डर टैररिज्म का सामना कर रहा है। आतंकवादियों ने भारत में हजारों निर्दोषों की जान ली है। संसद के नए भवन के पास ही आपको भारत की पुरानी संसद भी दिखाई देगी। करीब 20 साल पहले आतंकवादियों ने हमारी संसद को भी निशाना बनाया था। और आप जानकर चौंक जाएंगे कि उस समय संसद का सत्र चल रहा था। आतंकियों की तैयारी, सांसदों को बंधक बनाने की, उन्हें खत्म करने की थी। भारत ऐसी अनेकों आतंकी वारदातों से निपटते हुए आज यहां पहुंचा है। अब दुनिया को भी एहसास हो रहा है कि टैररिज्म दुनिया के लिए कितनी बड़ी चुनौती है। टैररिज्म चाहे कहीं भी होता हो, किसी भी कारण से होता हो, किसी भी रूप में होता है, लेकिन वो मानवता के विरुद्ध होता है। ऐसे में टैररिज्म को लेकर हम सभी को लगातार सख्ती बरतनी ही होगी।’

प्रधानमंत्री मोदी ने पी20 शिखर सम्मेलन में कहा, ‘P20 समिट, उस भारत-भूमि पर हो रही है, जो mother of democracy है, जो दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी है। हमारे यहां हजारों वर्ष पहले भी, डिबेट्स और डेलिब्रेशन्स के बहुत ही सटीक उदाहरण हैं। हमारे करीब 5 हज़ार साल से भी पुराने ग्रंथों में, हमारे वेदों में, सभाओं और समितियों की बात कही गई है। इनमें एक साथ आकर समाज के हित में सामूहिक निर्णय लिए जाते थे। हमारे सबसे पुराने वेद ऋग्वेद में भी कहा गया है- संगच्छ-ध्वं संवद-ध्वं सं, वो मनांसि जानताम् । यानि हम एक साथ चलें, हम एक साथ बोलें और हमारे मन एक हों। हमारे यहां तब भी ग्राम सभाओं में डिबेट के माध्यम से गांवों से जुड़े फैसले होते थे।’

शिखर सम्मेलन में आए प्रतिनिधियों से प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ ये समिट, एक प्रकार से दुनिया भर की अलग-अलग Parliamentary practices का महाकुंभ है। आप सभी डेलीगेट्स, अलग-अलग पार्लियामेंट्स की कार्यशैली के अनुभवी हैं। आपका इतने समृद्ध लोकतांत्रिक अनुभवों के साथ भारत आना, हम सभी के लिए बहुत सुखद है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिनिधियों को एक विशेष निमंत्रण देते हुए कहा, ‘अगले साल भारत में फिर एक बार आम चुनाव होने जा रहा है। इस इलेक्शन में 100 करोड़ वोटर्स यानि 1 बिलियन लोग वोट डालने जा रहे हैं। मैं P-20 समिट में आए आप सभी डेलीगेट्स को अगले वर्ष होने वाले जनरल इलेक्शन को देखने के लिए अग्रिम निमंत्रण देता हूं। भारत को आपको एक बार फिर होस्ट करने में बहुत खुशी होगी।’

देखिए प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का वीडियो- 

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