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बढ़ती जा रही है केजरीवाल के भ्रष्टाचारी मंत्रियों की संख्या, पंजाब में 10 महीने में दूसरे मंत्री का इस्तीफा

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आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल राजनीति में भ्रष्टाचार मिटाने आए थे लेकिन सत्ता मिलते ही भ्रष्टाचार के दलदल में गोते लगाने लगे। पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो AAP के सबसे ज्यादा नेता भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए थे। अब इस साल शुरुआत में ही पार्टी ने भ्रष्टाचार में अपना खाता खोल दिया है। पंजाब के कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सरारी को भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार में उनके मंत्री और नेता शराब घोटाले से लेकर तमाम भ्रष्टाचार में लिप्त होते रहे हैं। अब पंजाब में AAP की सरकार बने 10 महीने भी नहीं हुए कि भ्रष्टाचार के मामले में दो मंत्रियों का इस्तीफा हो चुका है। वहीं पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने यहां तक कह दिया है कि हमारे पास इनके दो और मंत्रियों के भ्रष्टाचार से जुड़े सबूत मौजूद हैं, जल्द इसका खुलासा करेंगे। अब इससे समझा जा सकता है कि केजरीवाल की कथनी और करनी में कितना फर्क है।

भ्रष्टाचार में पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सरारी का इस्तीफा
जनवरी 2023

पंजाब के कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सरारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। फौजा सिंह पर पिछले दिनों भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगा था और उनका एक ऑडियो क्लिप भी वायरल हुआ था। जिसमें वह अपने OSD के साथ भ्रष्टाचार से कमाई की बात करते हुए सुनाई दे रहे थे। फौजा सिंह सरारी का सितंबर 2022 में ऑडियो वायरल हुआ था। जब सरारी का ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था, उस वक्त सीएम भगवंत मान जर्मनी दौरे पर थे। उनके जर्मनी से वापस आने के बाद फौजा सिंह को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया गया था। आम आदमी पार्टी ने उनको दो कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। 1​ मिनट 35 सेकेंड के ऑडियो क्लिप में पैसे कैसे लेने हैं, इस संबंध में 2 व्यक्तियों के बीच बातें हो रही थीं। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि यह ऑडियो क्लिप कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सरारी और उनके ओएसडी तरसेम कपूर के बीच बातचीत का है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद हुए पहले कैबिनेट विस्तार में फौजा सिंह को मंत्री बनाया गया था. उनके पास खाद्य और बागवानी मंत्रालय था।

हमारे पास 2 और मंत्रियों के भ्रष्टाचार के सबूत, जल्द करेंगे खुलासा: बाजवा

फौजा सिंह सरारी के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में एलओपी प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान अब अपने मंत्री के मामले की निष्पक्ष जांच करवाएं और कार्रवाई करें। हमारे पास इनके दो और मंत्रियों के भ्रष्टाचार से जुड़े सबूत मौजूद हैं, जल्द इसका खुलासा करेंगे।

पिछले एक साल में केजरीवाल सहित AAP के नेताओं ने भ्रष्टाचार करने के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। उन पर नजर-

केजरीवाल ने पत्नी के जरिए भूखंड बेचने में किया भ्रष्टाचार, जांच के आदेश
सितंबर 2022

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी भ्रष्टाचार के मामले में खुद घिरते जा रहे हैं। केजरीवाल पर 25.93 लाख रुपये की स्टांप ड्यूटी की चोरी करने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को इस मामले में जांच का आदेश दिया है। दरअसल दिल्ली लोकायुक्त को दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ एक शिकायत मिली है। इसमें दावा किया गया है कि केजरीवाल ने हरियाणा के भिवानी में स्थित तीन शहरी वाणिज्यिक भूखंडों (प्लॉटों) को 15 फरवरी, 2021 को 4.54 करोड़ रुपये में बेचा और कागजों पर इनकी कीमत मात्र 72.72 लाख रुपये दिखाया। साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल की मदद से तीन भूखंडों को क्रमशः 1.53 करोड़ रुपये, 1.87 करोड़ रुपये और 1.14 करोड़ रुपये की बाजार दर पर बेचे, लेकिन बिक्री विलेख में उल्लिखित 8,300/वर्ग गज की दर से अधिक राशि नकद में प्राप्त की। दिल्ली के लोकायुक्त ने 28 अगस्त, 2022 को उपराज्यपाल सक्सेना को सीएम केजरीवाल के खिलाफ यह शिकायत भेजी थी। शिकायत में लिखा था कि केजरीवाल ने सरकारी खजाने को स्टांप ड्यूटी के मामले में 25.93 लाख और कैपिटल गैन टैक्स में 76.4 लाख रुपये का धोखा दिया है। शिकायतकर्ता ने तीन बिक्री के कागजात भी साथ में भेजे हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया कि यह “दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ स्टांप शुल्क, आयकर, पूंजीगत लाभ कर और जालसाजी की चोरी का स्पष्ट मामला है”। शिकायत में एलजी से संबंधित एजेंसियों की मदद से मामले की जल्द से जल्द जांच कराने का आग्रह किया गया है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर समेत 31 ठिकानों पर सीबीआई का छापा
अगस्त 2022

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आबकारी घोटाले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व आईएएस अधिकारी ए गोपीकृष्ण के घरों समेत 31 जगहों पर छापे मारे। इनमें कई कारोबारी संस्थान व गोपीकृष्ण के दो सहयोगी अफसरों के ठिकाने भी शामिल हैं। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की सिफारिश पर ब्यूरो ने इस घोटाले में 17 अगस्त को सिसोदिया समेत 15 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की थी। दिल्ली के अलावा छह राज्यों में लखनऊ, गुरुग्राम, मुंबई, चंडीगढ़, हैदराबाद व बंगलूरू में छापे मारे गए। सिसोदिया पर राजकोष को नुकसान पहुंचाने व शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ देने के आरोप हैं। छापे की जद में आए दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त गोपीकृष्ण 2012 बैच के आईएएस अफसर हैं। दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने दिल्ली की 2021-22 की आबकारी नीति में गड़बड़ियों के आरोप लगाते हुए नामजद अधिकारियों समेत 11 को निलंबित कर दिया था। आरोप है कि 2017-18 से 2021-22 के बीच शराब बिक्री से राजस्व में 567.98 करोड़ रुपये की कमी आई।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को हवाला मामले में ED ने किया गिरफ्तार
मई 2022

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को हवाला लेनदेन मामले में मई 2022 में गिरफ्तार किया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें गिरफ्तार किया। प्रवर्तन निदेशालय ने कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेनदेन के मामले में स्वास्थ्य मंत्री को गिरफ्तार किया और फिलहाल वे जेल में हैं। ED के मुताबिक, जांच में पाया गया था कि 2015-16 के दौरान सत्येंद्र जैन एक लोकसेवक थे, तो उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला के जरिए कोलकाता बेस्ड एंट्री ऑपरेटरों को नकद ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। ईडी ने उल्लेख किया कि इस रकम का उपयोग जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद को लिए गए कर्ज की अदायगी के लिए किया गया था। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का ईडी का मामला अगस्त 2017 में सीबीआई द्वारा उनके और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में दर्ज एफईआआर से उपजा है।

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला भ्रष्टाचार में गिरफ्तार
मई 2022

मार्च 2022 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी और दो महीने बाद ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला को अपनी कैबिनेट से हटा दिया। उन पर रिश्वत लेने के आरोप लगे, जिसके बाद उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया। इसके बाद पंजाब पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर डॉ. विजय सिंगला के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। करीब 10 वर्ष पहले विजय सिंगला आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। इस बार के पंजाब विधानसभा चुनाव में डॉ. विजय सिंगला ने मानसा से प्रसिद्ध गायक और कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धू मूसेवाला को 60,000 से अधिक वोटों से हराया था। सिंगला की गिरफ्तारी के बाद भगवंत मान ने अपने को पाक-साफ और ईमानदार बताते हुए कहा कि मेरे ध्यान में एक केस आया। इस केस में मेरी सरकार का मंत्री शामिल था। एक ठेके में मेरी सरकार का मंत्री 1 फीसदी कमीशन मांग रहा था। इस केस का सिर्फ मुझे पता था। इस केस को दबाया जा सकता था। लेकिन ऐसा करना पंजाब की जनता के साथ धोखा होता। इसलिए तुरंत एक्शन लिया गया।

40 करोड़ के बैंक घोटाले में आप विधायक जसवंत सिंह पर सीबीआई का छापा
मई 2022

सीबीआई ने पंजाब के AAP विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा के परिसरों पर छापेमारी की। माजरा पर बैंक के साथ 40 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। सीबीआई ने पंजाब के संगरूर में तीन जगहों पर आम आदमी पार्टी के विधायक जसवंत सिंह से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की। माजरा अमरगढ़ से विधायक हैं। बताया जाता है कि बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर जसवंत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। छापेमारी के दौरान सीबीआई ने 94 साइन किए हुए ब्लैंक चेक और कई आधार कार्ड बरामद किए हैं। 40 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपी माजरा से जुड़े परिसरों से 16.57 लाख रुपये, 88 विदेशी नोट, संपत्ति के कुछ दस्तावेज, कई बैंक खाते और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए।

रिश्वत लेने के मामले में AAP की निगम पार्षद गीता रावत को CBI ने किया गिरफ्तार
फरवरी 2022

मकान की छत बनाने देने के बदले ₹20000 की रिश्वत ले रही पूर्वी दिल्ली से आम आदमी पार्टी की निगम पार्षद गीता रावत को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उसके एक सहयोगी समेत गिरफ्तार किया है। सीबीआई के मुताबिक उसका सहयोगी उसके ऑफिस के पास ही मूंगफली बेचने का काम करता है। सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उसमें पूर्वी दिल्ली की वार्ड संख्या दस ई की निगम पार्षद गीता रावत और उसका सहयोगी बिलाल शामिल है। सीबीआई के मुताबिक शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायत की थी कि उसे अपने मकान के ऊपर छत बनवानी थी। आरोप है कि इस छत को डालने देने के बदले निगम पार्षद गीता रावत ने 20000 रुपए की रिश्वत मांगी। यह भी आरोप है कि शिकायतकर्ता द्वारा रिश्वत की रकम न दिए जाने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई। शिकायतकर्ता को कहा गया कि वह यह रकम उसके ऑफिस के पास मूंगफली आदि बेचने वाले बिलाल को दे दे। सूचना के आधार पर सीबीआई ने मामले की आरंभिक जांच की। इस जांच के दौरान जब आरंभिक तौर पर यह पाया गया कि वास्तव में रिश्वत की मांग की गई है तो सीबीआई ने रंग लगे नोट देकर शिकायतकर्ता को रिश्वत देने भेजा। इसके बाद रिश्वत ले रहे बिलाल और निगम पार्षद गीता रावत को गिरफ्तार कर लिया गया।

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