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अब श्रीलंका में भी UPI से कर सकेंगे पेमेंट, विदेशों में लगातार बढ़ रहा यूपीआई का वर्चस्व

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भारत की यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का वर्चस्व धीरे-धीरे पूरी दुनिया में बढ़ रहा है। भारत सहित कई देशों में यूपीआई की सफलता के बाद अब भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में भी यूपीआई स्वीकार की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की उपस्थिति में भारत और श्रीलंका के बीच यूपीआई को लेकर समझौते पर मुहर लगाई गई है। अब तक, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर जैसे देशों ने यूपीआई को अपनाया है। UPI भारत की मोबाइल आधारित फॉस्ट पेमेंट सिस्टम है, जो ग्राहकों को ग्राहक द्वारा बनाए गए वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) का उपयोग करके, चौबीसों घंटे तुरंत भुगतान करने की सुविधा देती है। भारत में डिजिटल भुगतान के लिए यूपीआई भुगतान प्रणाली बेहद लोकप्रिय हो गई है और दुनिया भर में इसका चलन तेजी से बढ़ रहा है।

पीएम मोदी और विक्रमसिंघे की मौजूदगी में यूपीआई समझौता
श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें से एक समझौता श्रीलंका में यूपीआई स्वीकृति के लिए नेटवर्क-टू-नेटवर्क समझौते के लिए है।

फरवरी में सिंगापुर ने यूपीआई को लेकर किए थे हस्ताक्षर
फरवरी 2023 में, भारत और सिंगापुर ने अपने संबंधित भुगतान प्रणालियों को जोड़ने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे दोनों देशों के यूजर्स को सीमा पार लेनदेन करने की अनुमति मिल गई। अब दोनों देशों में लोग क्यूआर-कोड आधारित या बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर दर्ज करके रियल टाइम में पैसे भेज सकते हैं।

फ्रांस और यूएई ने भी दी सहमति
इस महीने की शुरुआत में, फ्रांस ने यूनिफ़ाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) भुगतान तंत्र का उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की थी जिसकी शुरुआत प्रतिष्ठित और पर्यटन स्थल एफिल टॉवर से होगी।

पीएम मोदी के डिजिटन विजन से आई यूपीआई क्रांति
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई 2015 में डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत की थी। पीएम मोदी के दूरदर्शी विजन की वजह से आज UPI नित नए रिकार्ड बना रहा है। मार्च 2023 में यूपीआई लेन-देन ने नया रिकॉर्ड बनाया है। यूपीआई से हुआ लेन-देन 14 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर पहुंच गया। आज रियल टाइम डिजिटल पेमेंट के मामले में भारत दुनिया में पहले स्थान पर है। मतलब भारत में सबसे ज्यादा लोग डिजिटल पेमेंट करने लगे हैं। दूसरे नंबर पर चीन और तीसरे पर साउथ कोरिया है।

यूपीआई से लेन-देन 14 लाख करोड़ रुपए हुआ
वित्त वर्ष 2023 के आखिरी महीने यानी मार्च में यूपीआई लेन-देन ने नया रिकॉर्ड बनाया। यूपीआई से हुआ लेन-देन 14 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर पहुंच गया। इस दौरान यूपीआई सौदों की संख्या भी 865 करोड़ के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई। फरवरी महीने के मुकाबले में यूपीआई लेन-देन 13 फीसदी और सौदों की संख्या 18 फीसदी बढ़ी है। अगर पिछले साल मार्च की बात करें तो उसकी तुलना में इस बार सौदों की संख्या 60 फीसदी और मूल्य के मामले में 45 फीसदी तेजी आई है।

भारत का डिजिटल पेमेंट्स मार्केट 2026 तक 10 ट्रिलियन डॉलर
यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते फिनटेक देशों में से एक है, जो मुख्य रूप से डिजिटल पेमेंट्स सेगमेंट में प्रगति से प्रेरित है। PhonePe और Boston Consulting Group (BCG) की एक हालिया रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि भारत का डिजिटल पेमेंट्स मार्केट 2026 तक 3 ट्रिलियन डॉलर से 10 ट्रिलियन डॉलर तक तिगुने से अधिक हो जाएगा।

टॉप 10 देशों में रियल टाइम पेमेंट में भारत सबसे टॉप पर
पूरी दुनिया के टॉप 10 देशों में रियल टाइम पेमेंट लेन-देन के मामले में भारत टॉप पर है। जबकि चीन दूसरे नंबर पर है। अमेरिका जैसा विकसित देश इस मामले में 9 वें नंबर पर है। जापान सातवें नंबर पर है। दक्षिण कोरिया तीसरे नंबर पर चौथे नंबर पर थाईलैंड, UK पांचवें नंबर पर और नाइजीरिया इस मामले में छठे नंबर पर है।

डिजिटल पेमेंट में आई क्रांति से अर्थव्यवस्था में तेजी
आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली बन चुकी है। इसके लिए देश में डिजिटल पेमेंट क्रांति को भी एक बड़ी वजह बताया जा रहा है। IMF जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्था भी भारत की डिजिटल क्रांति की आज तारीफ कर रही है। हालांकि नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान की धीमी शुरुआत हुई थी, लेकिन मोदी सरकार ने लोगों को प्रेरित करने के लिए कई प्रयास किए। सरकार का प्रयास भी सफल रहा और लोगों ने डिजिटल पेमेंट को अपनाना शुरू किया। इसका परिणाम है कि आज लोगों के लिए ये पेमेंट का पसंदीदा तरीका बन चुका है। नए-नए बदलाव और सुविधाएं इससे जुड़ने से डिजिटल पेमेंट का और विस्तार हुआ।

भारत में सबसे ज्यादा डिजिटल पेमेंट के विकल्प मौजूद
आज पूरी दुनिया भारत में डिजिटल पेमेंट की तारीफ कर रही है और इसके प्लेटफॉर्म UPI यानी Unified Payment Interface को अपने-अपने देश में शुरू करना चाहती है। वहीं विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से ज्यादा विकल्प भारत में मौजूद हैं। भारत में डिजिटल पेमेंट करने के लिए यूपीआई (UPI), रुपे (RUpay), पेटीएम (Paytm), फोन-पे (Phone-Pay), गूगल पे (Google Pay) के साथ अन्य विकल्प मौजूद हैं। जबकि अमेरिका और चीन के पास इससे कम ऑप्शंस हैं।

दुनिया के 50 से अधिक देशों में पहुंच चुकी UPI सेवाएं
तेज गति भुगतान और आसान उपयोग की वजह से भारत का यूपीआई दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहा है। अब सिंगापुर के पे-नाऊ और भारत के यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के बीच सीमा पार कनेक्टिविटी लॉन्च हो गई। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के पीएम हेसिन लूंग इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ के साक्षी बने। भारत से बाहर UPI सेवाओं को शुरू करने जा रहा सिंगापुर भले ही नया नाम हो, लेकिन इससे पहले यह पेमेंट सिस्टम कई देशों में पहुंच चुका है। रुपे के माध्यम से पहले से कई देशों में भारत की डिजिटल भुगतान सेवा काम कर रही है। इनमें भूटान, नेपाल, मलेशिया, ओमान, यूएई, ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं। इसके साथ ही यूरोप के देशों, फ्रांस एवं अन्य देशों के साथ ही 30 अन्य देशों में इसकी सेवाओं के लिए बातचीत चल रही है।

यूपीआई सेवाओं के लिए मुख्य रूप से इन देशों के साथ समझौता हो चुका है अथवा बातचीत चल रही है। इन पर एक नजर-

सिंगापुर
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI का लगातार विस्तार हो रहा है। देश का ये पेमेंट सिस्टम कई देशों में चल रहा है और अब इस लिस्ट में सिंगापुर का नाम भी जुड़ गया है। इसके तहत UPI, सिंगापुर के Paynow से कनेक्ट होगा। भारत का यूपीआई (UPI) दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहा है। सिंगापुर के पे-नाऊ के साथ इसके जुड़ने से दोनों देशों के बीच क्रॉस-बॉर्डर कनेक्टिविटी के तहत बेहद आसानी और तेजी के साथ पैसे ट्रासंफर किए जा सकेंगे।

बहरीन
बहरीन ने भारतीय UPI और सिंगापुर के PayNow लिंकेज जैसी भुगतान एकीकरण प्रणाली स्थापित करने में रुचि व्यक्त की है। प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है। छोटे खाड़ी देश के लिए फिनटेक एक स्पष्ट प्राथमिकता है।

भूटान
एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम की अंतरराष्ट्रीय शाखा और भूटान के रॉयल मॉनेटरी अथॉरिटी (आरएमए) ने भूटान में भीम यूपीआई क्यूआर-आधारित भुगतान को सक्षम और कार्यान्वित करने के लिए भागीदारी की।

नेपाल
नेपाल वह पहला देश था जिसने UPI को अपने देश में लागू किया गया था। नेपाल की मनम इन्फोटेक और गेटवे पेमेंट्स सर्विस के सहयोग से, व्यक्ति-से-व्यक्ति, व्यक्ति-से-व्यापारी और सीमा-पार भुगतान चालू हो गए। हैं।

संयुक्त अरब अमीरात
NIPL ने UPI भुगतान को सक्षम करने के लिए UAE में LuLu Financial Holding, Mashreq Bank और Network International के साथ साझेदारी की है। 21 अप्रैल, 2022 को मशरेक के नियोपे के जरिए देश में यूपीआई की शुरुआत की गई।

मलेशिया
मलेशिया में भी यूपीआई सेवाएं चालू हो गई हैं। मर्चेंटट्रेड एशिया ने भारत को वास्तविक समय में आनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए एनपीसीआई इंटरनेशनल के साथ भागीदारी की है। इस साझेदारी ने मर्चेंटट्रेड और उसके नेटवर्क को एनआईपीएल से जुड़ने और यूपीआई के माध्यम से भारत में लाभार्थी बैंकों को प्रेषण की सुविधा प्रदान करने में सक्षम बनाया है।

ओमान
सेंट्रल बैंक ऑफ ओमान (सीबीओ) और एनआईपीएल के बीच हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन ने भारतीय रुपे कार्ड और ओमान में यूपीआई प्लेटफॉर्म को भारतीय श्रमिकों और पेशेवरों को लाभान्वित करने के लिए निर्बाध डिजिटल प्रेषण की सुविधा प्रदान की है।

फ्रांस
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की इंटरनेशनल यूनिट ने फ्रांस में यूपीआई और रूपे को उपलब्ध कराने के लिए एक समझौता किया है। यह समझौता फ्रांस की Lyra Network के साथ हुआ है। पूरी तरह से स्वदेशी टेक्नोलॉजी यूपीआई (UPI) और रूपे (Rupay) की पहुंच अब यूरोप (Europe) तक होने वाली है। आने वाले समय में फ्रांस (France) में यूपीआई और रूपे दोनों की सर्विस उपलब्ध होने जा रही है।

ब्रिटेन
सीमा-पार भुगतान समाधानों को और मजबूत करने के लिए टेरापे और ​पेएक्सपर्ट ने एनआईपीएल के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इन साझेदारियों ने भारत में भारतीय ग्राहकों और व्यापारियों को एक सक्रिय यूपीआई आईडी के साथ सीमा पार भुगतान करने और स्वीकार करने में सक्षम बनाया है।

यूरोपीय देशः स्विटज़रलैंड, नीदरलैंड, बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग
एनआईपीएल ने यूरोप भर में भारतीय भुगतान चैनलों की स्वीकार्यता बढ़ाने के इरादे से यूरोपियन पेमेंट सर्विसेज फैसिलिटेटर वर्ल्डलाइन के साथ साझेदारी की है, खासकर नीदरलैंड, बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, स्विटज़रलैंड आदि जैसे देशों में। इस साझेदारी के तहत, वर्ल्डलाइन का क्यूआर कोड-आधारित तंत्र यूरोप में व्यापारियों के पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) सिस्टम को भारतीयों से अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके यूपीआई भुगतान स्वीकार करने की अनुमति देगा।

जापान की जेसीबी इंटरनैशनल ने जारी किया 10 लाख RuPay JCB card
जापान की जेसीबी इंटरनैशनल ने 10 लाख RuPay JCB card जारी करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल कर लिया है। JCB Card International (South Asia) के प्रबंध निदेशक सतरो मोरी ने कहा कि उनकी फर्म National Payments Corporation of India (NPCI) से साझेदारी को मजबूत करना चाहती है। फर्म का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में कार्ड की सदस्यता 30 गुना बढ़ाना है। वर्तमान समय में जेसीबी इंटरनैशनल का 12 सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों से गठजोड़ है जो JCB RuPay credit card जारी करते हैं। इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, सिटी यूनियन बैंक, यूनियन बैंक, कैथोलिक सीरियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यस बैंक, फेडरल बैंक और ठाणे जनता सहकारी बैंक शामिल हैं।

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