नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर आज कांग्रेस देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रही है। प्रदर्शन की आड़ में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हिंसक प्रदर्शन को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस ने खुद सन 2003 में वाजपेयी सरकार के दौरान नागरिकता कानून की मांग की थी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उस समय राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे। अब जबकि कांग्रेस नागरिकता कानून का विरोध कर रही है तो बीजेपी ने ट्वीट कर पार्टी के दोहरा रवैया अपनाने पर सवाल उठाया है। बीजेपी ने ट्वीट कर कहा है कि 2003 में डॉ मनमोहन सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे। उन्होंने उन अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए उदार दृष्टिकोण की मांग की थी, जो पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश, पाकिस्तान में उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। नागरिकता संशोधन अधिनियम सिर्फ यही करता है…।
In 2003, speaking in Rajya Sabha, Dr Manmohan Singh, then Leader of Opposition, asked for a liberal approach to granting citizenship to minorities, who are facing persecution, in neighbouring countries such as Bangladesh and Pakistan. Citizenship Amendment Act does just that… pic.twitter.com/7BOJJMdkKa
— BJP (@BJP4India) December 19, 2019
इस राज्यसभा के इस वीडियो में मनमोहन सिंह कहते हैं, ‘जब मैं इस विषय पर हूं, मैडम, मैं शरणार्थियों से व्यवहार के बारे में कुछ कहना चाहूंगा। हमारे देश के विभाजन के बाद, बांग्लादेश जैसे देशों में अल्पसंख्यकों ने उत्पीड़न का सामना किया है, और यह हमारा नैतिक दायित्व है कि यदि परिस्थितियां लोगों को, इन मजबूर लोगों को, हमारे देश में शरण लेने के लिए मजबूर करती हैं, तो इन मजबूर व्यक्तियों को नागरिकता देने का हमारा दृष्टिकोण अधिक उदार होना चाहिए। मुझे पूरी उम्मीद है कि सम्मानित डेप्यूटी प्राइम मिनिस्टर इसे सार्थक करने में भविष्य के पाठ्यक्रम में नागरिकता अधिनियम के संबंध में ध्यान रखेंगे।’
मनमोहन सिंह के अनुरोध पर सभापति महोदय कहते हैं, ‘आडवाणी जी, पाकिस्तान में अल्पसंख्यक भी पीड़ित हैं, उनका भी ध्यान रखा जाना चाहिए।’
इस पर आडवानी जी कहते है कि मैं इसका पूर्ण रूप से समर्थन करता हूं।
देखिए वीडियो-
साफ है कि पहले नागरिक कानून की मांग करने वाली वोट बैंक की राजनीति में अब इसे असंवैधानिक बताते हुए वापस लेने की मांग कर रही है।