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शहीदों के परिजनों को 2 लाख और दंगाइयों के परिजनों को 5 लाख, देखिए कैसे देशद्रोहियों के साथ खड़े हैं ममता और केजरीवाल

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नागरिकता संशोधन कानून के देशभर में विरोध किया गया। पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर लेकर दक्षिण तक विपक्षी दलों के उकसावे में मुसलमानों ने हंगामा किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पूरे देश ने देखा कि किस प्रकार कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे दल इन दंगाइयों के साथ खड़े नजर आए। हालांकि इन  दलों के नेताओं ने इन आरोपों से इनकार किया है, लेकिन हम आपको कुछ ऐसे सुबूत दिखाते हैं, जो ये साबित करेंगे इन दलों के नेताओं के दिल में दंगाई और देशद्रोही बसते हैं, देश के लिए कुर्बान होने वाले सैनिक नहीं।

दंगाइयों के परिजनों को 5 लाख रुपये देंगी ममता बनर्जी
तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी ने सीएए को विरोध प्रदर्शन के दौरान कर्नाटक के मंगलौर में मारे गए दंगाइयों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये देने का ऐलान किया है।

उरी हमले से शहीद जवान के परिजनों को ममता ने दिए थे 2 लाख रुपये
जबकि इससे पहले इन्हीं ममता बनर्जी ने उरी आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिक के परिजनों की सिर्फ दो लाख रुपये की आर्थिक मदद की थी, जिसे शहीद के पिता ने ठुकरा दिया था।

 

CAA के विरोध प्रदर्शनों में मारे गए दंगाइयों के परिजनों को 5.5 रुपये देगी केजरीवाल सरकार
कुछ ऐसी ही कहानी है आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली  के विवादित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की। केजरीवाल के विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्ला खान ने देशभर में सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए दंगाइयों के परिजनों को दिल्ली सरकार की तरफ से 5.5-5.5 लाख रुपये देने का ऐलान किया है।

पठानकोट हमले के शहीदों के परिजनों को केजरीवाल ने दिए थे 2 लाख रुपये
जबकि 2016 में पठानकोट हमले में शहीद हुए सेना के जवानों के परिजनों को अरविंद केजरीवाल ने सिर्फ दो लाख रुपये दिए थे। जनवरी, 2016 में खुद केजरीवाल ने पंजाब में शहीदों के परिजनों से मिलकर उन्हें 2 लाख रुपये का चेक सौंपा था।

इन सुबूतों से साफ हो गया है कि विपक्षी पार्टी के नेताओं में केंद्र सरकार के विरोध में, सीएए के विरोध में हंगामा करने वालों से हमदर्दी है, लेकिन देश के लिए कुर्बानी देने वाले शहीदों के लिए कोई हमदर्दी नहीं है।

 

 

 

 

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