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पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था की उड़ रही हैं धज्जियां, सरकारी कर्मचारी कर रहे हैं टीएमसी कार्यकर्ता की तरह काम

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पश्चिम बंगाल में जहां लोकतांत्रिक मूल्यों का लगातार हनन हो रहा है, वहीं कानून-व्यवस्था की भी खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही हैं। पुलिस प्रशासन में ममता सरकार की दखलअंदाजी काफी बढ़ गई  है, जिसकी वजह से टीएमसी के कार्यकर्ताओं और सरकारी कर्मचारियों के बीच फर्क करना मुश्किल हो गया है। ममता सरकार पर निशाना साधते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक के बाद एक ट्वीट कर राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति को खतरनाक करार दिया। इसके लिए उन्होंने कथित तौर पर ”अवैध बम बनाने की खुली छूट” संबंधी रिपोर्ट का हवाला भी दिया।

राज्यपाल धनखड़ ने सीएम ममता बनर्जी को ट्वीट करते हुए कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री से पुलिस और प्रशासन को राजनीतिक कैदखाने से आजाद करने का आग्रह करता हूं।’ उन्होंने लिखा, ‘राज्य में कानून व्यवस्था खत्म हो रही है क्योंकि यहां बम बनाने वालों को खुली छूट मिली हुई है।

राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि पुलिस-प्रशासन का सत्तारूढ़ दल के दरवाजे पर खड़े रहना और विपक्ष का दरवाजा खटखटाने के लिए तैयार रहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने लिखा कि राजनीतिक रूप से प्रतिबद्ध पुलिस और प्रशासन लोकतंत्र की मौत का कारण बनते हैं। लोकसेवक राजनीतिक कार्यकर्ता नहीं होते हैं।

राज्यपाल धनखड़ ने प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी अधिकारी इस तरह का बर्ताव कर रहे हैं उन्हें परिणाम के लिए भी तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि राज्य के आईएएस और आईपीएस अधिकारी घुटनों पर रेंगने लगेंगे। यहां लोकतंत्र अंधेरे में है। यह समय सही तरीके से अपनी ड्यूटी निभाने का है। राज्यपाल ने यह भी अपील की है कि प्रशासनिक अधिकारियों को राज्य में लोकतंत्र की बहाली के लिए काम करना चाहिए।

इससे पहले राज्यपाल धनखड़ ने आरोप लगाया था कि राजभवन को सर्विलांस पर रखा गया है और यह कदम संस्था की पवित्रता को कम करने वाला है। पिछले एक साल में टीएमसी सरकार के साथ कई मुद्दों पर तनाव के बाद यह चौंकाने वाला दावा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्य में अराजकता बरकरार है।

धनखड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि राजभवन सर्विलांस पर है। यह राजभवन की शुचिता को कमतर करने वाला है। मैं इसकी शुचिता की रक्षा के लिए हर कोशिश करूंगा। एक दिन पहले ही स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शाम को राजभवन में परंपरागत समारोह से मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति को लेकर धनखड़ ने उनकी आलोचना की। राज्यपाल ने कहा कि समारोह में बनर्जी की अनुपस्थिति से वह ‘स्तब्ध’ हैं और इसके बारे में कुछ कहने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं।

 

 

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