देश भर में मोदी लहर कायम है। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए 16 फरवरी, 2023 को वोट डाले जाएंगे। मतदान से पहले के सर्वे को माने तो त्रिपुरा में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में फिर से बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। इंडिया न्यूज-जन की बात की ओर से किए गए त्रिपुरा ओपिनियन पोल के अनुसार राज्य में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बन रही है। सर्वे के अनुसार, त्रिपुरा की कुल 60 सीटों में से बीजेपी गठबंधन को 30 से 35 सीटें, सीपीएम गठबंधन को 13 से 16 सीटें, टिपरा गठबंधन को 11 से 13 सीटें मिलने का अनुमान है। वोट शेयर के हिसाब से बीजेपी गठबंधन को 39 से 42 प्रतिशत वोट शेयर मिलता दिख रहा है। जबकि सीपीएम गठबंधन को 38 से 41 प्रतिशत, तिपरा गठबंधन को 16 से 21 प्रतिशत और अन्य को 1 से 2 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है।
इसके पहले 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने 60 में से 43 सीटों पर कब्जा कर सीपीएम के 25 साल पुराने शासन का अंत कर दिया था। इस चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। जबकि सीपीएम गठबंधन को 16 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इंडिया न्यूज- जन की बात के ताजा सर्वे में ग्रामीण और शहरी इलाकों के 10 हजार मतदाताओं से डाटा इकट्ठा किया गया है। सर्वे में जनजातीय और गैर-जनजातीय क्षेत्रों को भी शामिल किया गया।
अइए देखते हैं प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने किस तरह लोकसभा,विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव में एक के बाद एक जीत हासिल की है…
त्रिपुरा : 4 में से 3 विधानसभा सीटों पर बीजेपी की जीत
इसके पहले त्रिपुरा में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को तीन और कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री और बीजेपी के उम्मीदवार माणिक साहा ने टाउन बारदोवली सीट पर हुए उपचुनाव में 6,104 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। सीपीआईएम के गढ़ जुबराजनगर में बीजेपी को 4572 मतों के अंतर से जीत मिली। सुरमा सीट पर बीजेपी की उम्मीदवार स्वप्ना दास को 4583 मतों के अंतर से जीत मिली।
गुजरात के चुनावी इतिहास में सबसे बड़ी लैंडस्लाइड जीत
गुजरात के चुनावी इतिहास में 2022 का चुनाव कई रिकॉर्ड टूटने के लिए जाना जाएगा। बीजेपी ने अब तक सबसे अधिक 149 सीटों के आंकड़े को पार कर 156 सीटों तक पहुंच गई, वहीं 52 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर हासिल कर मत प्रतिशत के मामले में भी अपना रिकॉर्ड तोड़ती दिख रही है। 2002 में बीजेपी ने 49.85 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 127 सीटें जीती थीं।
सपा के आजमगढ़ और रामपुर के किले पर बीजेपी का कब्जा
देश में लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, या फिर स्थानीय निकाय चुनाव बीजेपी एक के बाद एक चुनाव जीतती जा रही है। 23 जून,2022 को देश की तीन लोकसभा सीटों और सात विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी की जीत ने साबित किया कि देश में प्रधानमंत्री मोदी की लहर कायम है। उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की। इस चुनाव में उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी का तो सफाया हो गया।
यूपी एमएलसी चुनाव में 36 में से 33 सीटों पर बीजेपी का कब्जा
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी ने विधान परिषद चुनाव में भी अपना परचम लहरा दिया। बीजेपी ने राज्य में 36 में से 33 सीटें जीत ली। इस चुनाव में उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी का तो सफाया हो गया। दो सीट पर निर्दलीय जबकि एक सीट पर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को जीत मिली।
चार राज्यों में फिर दिखा पीएम मोदी का करिश्मा
इसके पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में से चार राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में बीजेपी की दोबारा जीत से फिर साबित हो गया कि जनता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का करिश्मा कायम है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने प्रचंड जनादेश हासिल कर एक बार फिर सरकार बना ली। यूपी की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी की जोड़ी पर फिर से भरोसा जताया। सूबे के सियासी इतिहास पर नजर डालें तो यह पिछले 37 सालों में पहली बार हुआ है जब जनता ने किसी एक चेहरे को लगातार दूसरी बार मौका दिया हो। उधर उत्तराखंड में जो आज तक नहीं हुआ, वो इस बार हो गया। इतिहास में पहली बार कोई सत्तारूढ़ पार्टी अपनी सत्ता कायम रखने में कामयाब रही।
असम नगर निकाय चुनाव में 80 में से 75 सीटें जीतीं,
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजनाओं और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के करिश्मे की वजह से असम नगर निकाय चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज कर सबको हैरान कर दिया। इस चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को पछाड़कर बड़ी जीत दर्ज की। बीजेपी ने 80 में से 75 नगर पालिका बोर्डों में जीत दर्ज करते हुए शहरी निकाय चुनावों में क्लीन स्वीप किया जबकि कांग्रेस को सिर्फ एक नगरपालिका बोर्ड से संतोष करना पड़ा। बीजेपी की सहयोगी असम गणपरिषद ने दो नगर निगम बोर्ड बारपेटा और बोकाखाट पर कब्जा किया। असम में नगर पालिका के 80 बोर्डों के 920 वार्डों के लिए 6 मार्च को वोटिंग हुई थी। जबकि 57 वार्डों के उम्मीदवारों को निर्विरोध घोषित किया गया था। अधिकारियों के मुताबिक इस चुनाव में कुल 2,532 उम्मीदवार मैदान में थे। बीजेपी के 825, कांग्रेस के 706, अगप के 243 और 758 निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ कुल 2532 उम्मीदवार मैदान में थे। बीजेपी उम्मीदवारों ने 742 वार्डों में और अगप ने 65 वार्डों में जीत हासिल की। विपक्षी कांग्रेस ने 71 वार्डों में जीत दर्ज की।
महाराष्ट्र नगर पंचायत चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी, शिवसेना तीसरे नंबर पर
बीजेपी महाराष्ट्र में हुए नगर पंचायत चुनाव में एक बार फिर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। 18 जनवरी, 2022 को नगर पंचायत की 1649 सीटों के लिए हुए मतदान में बीजेपी ने सत्ताधारी शिवसेना को तगड़ा झटका दिया। महाराष्ट्र नगर पंचायत चुनाव में बीजेपी के कुल 416 उम्मीदवार जीते। दूसरे नंबर पर एनसीपी रही, जिसके 378 उम्मीदवार जीते। महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार का नेतृत्व करने वाली शिवसेना 301 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रही। कांग्रेस के 297 उम्मीदवारों को जीत मिली। इस चुनाव में 206 निर्दलीय भी जीतने में कामयाब रहे।
अरुणाचल प्रदेश स्थानीय निकाय चुनावों में 80 प्रतिशत सीटें जीतकर बीजेपी ने रचा इतिहास
बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश स्थानीय निकाय चुनावों में 80 प्रतिशत सीटें जीतकर इतिहास रच दिया है। अरुणाचल प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी ने कुल 8390 सीटों में से 6661 सीटें जीतने में सफल रही है। ग्राम पंचायत चुनावों में 8125 सीटों में से 6458 सीटें जीतकर बीजेपी ने इतिहास रच दिया। बीजेपी ने पासीघाट म्युनिसिपल काउंसिल चुनाव में 8 में से 6 सीटें जबकि ईटानगर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन चुनाव में 20 में से 10 सीटें जीती है। इसके साथ ही जिला परिषद की 237 सीटों में से 187 सीटें जीतने में कामयाब रही है। जिला परिषद चुनाव में बीजेपी ने 78.9 प्रतिशत सीटें जीती हैं।
जम्मू कश्मीर में भाजपा को एनसी, पीडीपी और कांग्रेस को मिलाकर पाए गए वोट से ज्यादा वोट मिले
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए खत्म होने के बाद पहली बार हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जम्मू-कश्मीर डीडीसी चुनाव में बीजेपी सबसे ज्यादा 74 सीटें जीत चुकी है, जबकि स्थानीय पार्टियां अकेले इस आंकड़े के पास भी नहीं पहुंच पाई हैं। नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) को 67, जबकि पीडीपी को सिर्फ 27 सीटें मिली हैं। कांग्रेस किसी तरह 26 सीटें जीत पाई है। यहां 49 निर्दलीय उम्मीदवारों को भी कामयाबी मिली है। डीडीसी चुनाव की सबसे खास बात यह रही कि भाजपा को नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस को मिलाकर पाए गए वोट से ज्यादा वोट मिले हैं। यहां बीजेपी को 487364 वोट मिले हैं, जबकि एनसी को 282514, पीडीपी को सिर्फ 55789 और कांग्रेस को 139382 वोट मिले हैं। एनसी, पीडीपी और कांग्रेस को मिलाकर कुल वोट 477685 होते हैं, जो बीजेपी को मिले वोट से काफी कम है।
गहलोत के गढ़ में लहराया भगवा
राजस्थान के 21 जिलों के पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के लिए हुए चुनावों में बीजेपी ने सत्ताधारी कांग्रेस को जबरदस्त झटका दिया। अब तक घोषित नतीजों के अनुसार बीजेपी कुल 14 जिलों में बोर्ड बनाने जा रही है। जबकि कांग्रेस को महज पांच जिलों पर संतोष करना पड़ा। जिला परिषद की कुल 636 सीटों के लिए चुनाव में बीजेपी 323 और कांग्रेस 246 सीटें जीत चुकी है। पंचायत समिति सदस्यों के लिए हुए चुनाव में कुल 4371 सीटों में से बीजेपी को 1836 और कांग्रेस को 1718 सीटों पर जीत मिली है।
ओवैसी के गढ़ में शानदार प्रदर्शन
इसके पहले ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में शानदार प्रदर्शन कर बीजेपी ने केसीआर की पार्टी टीआरएस को स्पष्ट बहुमत हासिल करने से रोक दिया। हैदराबाद नगर निकाय चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी के मजबूत गढ़ पुराने हैदराबाद में बीजेपी ने अपना परचम लहरा दिया। चुनाव भले ही नगर निगम का हो, लेकिन जिस आक्रमकता से बीजेपी यहां चुनाव लड़ी है उससे ओवैसी की पार्टी पस्त हो गई है। 2016 में सिर्फ चार सीटें हासिल करने वाली बीजेपी ने इस बार 150 में से 48 सीटों पर अपना परचम लहरा दिया। यहां टीआरएस को 56 और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को 44 सीटों पर जीत मिली। जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ 2 सीट आई।