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राजस्थान का काला दिन : पेपर लीक के लिए कुख्तात प्रदेश का बजट ही ‘लीक’… इतिहास में पहली बार सीएम गहलोत ने पिछले साल का बजट पढ़ा, दो बार विधानसभा स्थगित, CM को मांगनी पड़ी माफी

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राजस्थान की विधानसभा में दस फरवरी का दिन इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज हो गया। पेपर लीक के लिए कुख्यात हो चुके राजस्थान में गहलोत सरकार के इस कार्यकाल का अंतिम बजट ही ‘लीक’ हो गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज विधानसभा में पुराना बजट भाषण पढ़ दिया। हैरानी की बात है कि सारी उच्च ब्यूरेक्रेसी के बजट में लगने के बावजूद मुख्यमंत्री करीब 6 मिनट तक पुराना बजट ही पढ़ते रहे। बजट बनाने में लगी रही अफसरशाही को इसका पता ही नहीं चला। तब मुख्य सचेतक महेश जोशी ने सीएम के  कान में आकर बताया कि वो पुराना बजट पढ़ रहे हैं। इस दौरान विपक्ष ने भारी हंगामा शुरू कर दिया कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी वित्त मंत्री द्वारा विधानसभा में पुराना बजट भाषण पढ़ा गया हो। भारी हंगामा करते हुए विपक्षी सदस्य सदन के वेल में आ गए। हंगामे के चलते अध्यक्ष को पहली बार बजट के शुरू होते ही विधानसभा को दो बार स्थगित करना पड़ा। पहली बार आधे घंटे के लिए और दूसरी बार 15 मिनट के लिए विधानसभा स्थगित हुई। पहले स्पीकर सीपी जोशी ने और फिर खुद मुख्यमंत्री ने पुराना बजट आ जाने की जिम्मेदारी लेते हुए माफी मांगी।इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा पिछले साल के बजट में भी थी
विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया और उप नेता विपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पुराना बजट पढ़ा है। भारी हंगामे के कारण सदन आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को तलब किया और अफसरों की लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की। राजस्थान में पहली बार बजट भाषण के दौरान सदन की कार्यवाही स्थगित की गई है। इसकी पड़ताल की तो सामने आया कि मुख्यमंत्री भाषण की शुरुआत की तो वह शेर पिछले भाषण में नहीं था, लेकिन इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा पिछले साल ही की गई थी।

मुख्य सचेतक ने सीएम को कान में चेताया, सीएम ने माना गलती से एक पेज अलग लगा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो पॉइंट हूबहू पढ़े तो देख सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने सीएम के कान में आकर कहा कि इसी बीच विपक्ष के नेता और उपनेता ने सवाल उठाया कि सीएम पुराना भाषण पढ़ रहे हैं और बजट लीक हो गया है।। इस पर हंगामा शुरू हो गया। बीजेपी विधायकों ने वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया तो हंगामा बढ़ने लगा तो स्पीकर ने 11 बजकर 12 मिनट पर आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि जो कुछ घटनाक्रम हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है, उसमें हमने पास्ट में पता लगाया। सीएम ने जो भाषण दिया है, वह ठीक नहीं होगा। आज की घटना से आहत हुए हैं। मानवीय भूल होती रहती है। इस पूरी कार्यवाही को सदन से बाहर किया जाता है।

नेता विपक्ष कटारिया बोले- बाहर के व्यक्ति ने कैसे बताया कि बजट गलत पढ़ रहे हैं
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कुछ मिनट तक गलत पढ़ने के बाद तीसरे व्यक्ति ने आकर बताया कि गलत पढ़ रहे हैं। बजट लीक हुआ है, बजट गोपनीय होता है और इसकी कॉपी सीएम के अलावा किसी दूसरे के पास कैसे पहुंच गई। सीएम को तीसरे आदमी ने आकर बताया, यह बजट किसी तीसरे व्यक्ति को कैसे मालूम पढ़ा। सदन का मान रखना चाहते हैं तो इस बजट को दूसरे दिन अलग से पेश किया जाए। आज की घटना से लोकतंत्र शर्मसार हुआ है।

राजस्थान का बजट लाइव…जानिए बजट की वे पुरानी लाइनें, जो गहलोत ने पढ़ीं…
– अब मैं, शहरों में भी रोजगार सुनिश्चित करने के लिए ‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ लागू करने की घोषणा करता हूं। इस योजना के माध्यम से आगामी वर्ष से शहरी क्षेत्रा में निवास करने वाले परिवारों को भी उनके द्वारा मांगे जाने पर प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। इस पर लगभग 800 करोड़ रुपए वार्षिक खर्च होंगे।
कोविड से उत्पन्न परिस्थितियों का सामना करने में सहायता देने की दृष्टि से आगामी वर्ष मैं, महात्मा गांधी नरेगा योजना में उपलब्ध 100 दिवस के रोजगार को राज्य सरकार के खर्चे पर बढ़ाते हुए 125 दिवस करने की घोषणा करता हूं। इस पर लगभग 750 करोड़ रुपये व्यय होंगे।
– कोरोना काल के दौरान शिक्षा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए आगामी वर्ष स्कूली विद्यार्थियों के लिए 3 माह की अवधि के ब्रिज कोर्स चलाए जाना प्रस्तावित है। इसके लिए 75 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जायेगा।
– कोरोना काल में सभी वर्गों के परिवार आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं। अब मैं, अल्प आय वर्ग के साथ-साथ समस्त 118 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को…..मुख्यमंत्री ने इतनी लाइन पढ़ी ही थीं कि महेश जोशी ने आकर सीएम को बताया कि यह पुराना बजट है।

मुख्य सचिव उषा शर्मा को तलब किया गया, बीजेपी ने कहा लोकतंत्र का अपमान
• मुख्य सचिव उषा शर्मा विधानसभा में सीएम के पास पहुंची हैं। उन्हें जांच करने को कहा गया है
• राजस्थान विधानसभा सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है। आसन पर स्पीकर डॉ सीपी जोशी मौजूद हैं
• स्पीकर सीपी जोशी ने कहा, जो कुछ भी घटनाक्रम हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा, राजस्थान के इतिहास में यह पहली ऐसी घटना है। स्पीकर जोशी ने कहा, कटारिया जी आप सीनियर हैं। सीएम और मैं खड़े हुए थे। हाउस की एक परम्परा रही है।
• नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा, ये नहीं हो सकता है। इस पर स्पीकर ने कहा आप मुझे डिक्टेट करेंगे क्या
• सीएम अपना भाषण दे रहे थे हमने पता लगाया है कि कभी कभी गलती हो जाती है तो करेक्ट करने की स्थिति बनती है। आपको लगता है कि गलती हुई है तो सुधार किया जा सकता है। नेता प्रतिपक्ष कटारिया को पूरा अधिकार है। मेहरबानी करके राजस्थान का इतिहास रहा है। मानवीय भूल होती रही है। मैं अध्यक्ष के तौर पर यह कहता हूं कि 11 बजे से 11.42 बजे तक विधानसभा में जो कुछ भी हुआ मैं उसे एक्सपंज करता हूं
• नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा, बजट की गरिमा होती है। जो कुछ पढ़ा है वो बजट नहीं है। इस बजट का औचित्य नहीं है। बाहर के व्यक्ति ने आकर सीएम को कहा कि आप गलत बजट पढ़ रहे हो, इसका मतलब उसके पास कॉपी कहां से गई।
• 10 मिनट पढ़ने के बाद जब दूसरे व्यक्ति ने कहा कि गलत बजट है। राज्यपाल ने जब बजट का समय तय कर दिया। उसके बाद गलत बजट पढ़ा गया, तो इसका मतलब बजट लीक हो गया
• नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा विधानसभा सदन को स्थगित किया जाए। महेश जोशी को कैसे पता लगा कि ये बजट गलत है। ये बजट लीक नहीं तो और क्या है
• नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने बजट को स्थगित करने की मांग विधानसभा स्पीकर डॉ सीपी जोशी से की। साथ ही कहा कि ये बजट पेश नहीं हो सकता
• संविधान के आर्टिकल 202 को उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पढ़ा, जिसमें नियम प्रक्रिया 138 पढ़ा और कहा राज्यपाल की अनुमति से बजट रखा जाएगा। समय तय हुआ है। 11 बजे सीएम के साथ में जो बजट था वो पिछले साल का था। इसलिए आज बजट को पोस्टपॉन्ड करें। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक बुलाएं।
• राजेन्द्र राठौड़ ने कहा, बजट की कॉपी अधिकारी दीर्घा में अधिकारी के पास थीं, जबकि मुख्यमंत्री जबकि मुख्यमंत्री पुराना बजट पड़ रहे थे। इसलिए यह बजट लीक हुआ है और इसको स्थगित किया जाए।

 

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