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सूरत से स्पर्धा करते दिखेगा धुले, औद्योगिक नगर बनने की हैं असीम संभावनाएं

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महाराष्ट्र के दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार यानि 16 फरवरी को धुले में हजारों करोड़ के विकासपरक परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इसके साथ ही उन्होंने दो रेलवेलाइनों का उद्घटान कर दो ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि धुले में औद्योगिक नगर बनने की असीम संभावनाएं दिख रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सूरत में 25-30 साल पहले कुछ नहीं था, लेकिन आज देश और दुनिया के मानचित्र पर महत्वपूर्ण बन गया है। उसी प्रकार धुले में एक औद्योगिक नगर बनने की मैं असीम संभावना देख रहा हूं। उन्होंने वहां उपस्थितन जन समुदाय से मुखातिब होते हुए पूछा कि अगर आप 25 साल की योजना पर काम करने को तैयार है तो मैं पूरा सहयोग करने को तैयार हूं। क्योंकि “मैं 30 साल बाद धुले को सूरत से स्पर्धा करते देख रहा हूं”।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धुले में भी अपना संबोधन पुलवामा में हमारे जवानों पर हुए हमले को लेकर देश में व्याप्त आक्रोश से शुरू किया। उन्होंने कहा कि देश के साथ ही महारष्ट्र की मिट्टी ने अपने दो सपूतों को खोया है। उन वीर शहीदों और उन्हें जन्म देने वाली मां को आदरपूर्वक नमन किया। उन्होंने कहा कि हमारे जवान निस्वार्थ भाव से बिना कुछ कहे देश की सुरक्षा में डटे रहते हैं। जिन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, उनके परिवारों के साथ हमेशा खड़े रहेंगे क्योंकि हमारा काम यहीं से शुरू होता है। मोदी ने देशवासियों को भरोसा देते हुए कहा कि उन परिवारों ने जो खोया है उसके और उनके आंसू का पूरा हिसाब लिया जाएगा। भारत नई रीति और नई नीति का देश है…बंदूक चलाने वाला हो या बंदूक पकड़ाने वाला, बम दागने वाला हो या पकड़ाने वाला मोदी किसी को चैन से सोने नहीं देगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की पहले हमला नहीं करने नीति रही है लेकिन नए भारत का मिजाज कुछ और है हमारे सुरक्षाबलों ने पहले भी कर दिखाया है और आगे भी दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार निरंतर अपना काम कर रही है, धुले के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये के विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं। लोगों को पीने के पानी से लेकर किसानों के लिए जमीन की सिंचाई तक की परियोजनाएं शुरु की गई हैं। संबोधन से पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने दो रेल लाइनों का शिलान्यास करने के साथ तीन नई ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि धुले क्षेत्र का शायद ही कोई परिवार ऐसा हो जिसका सूरत ने आने-जाने का रिश्ता न रहा हो। आज से 25 साल पहले का जो सूरत था उसे याद करिए। इतने सालों में उस समय का सूरत आज कहां से कहा पहुंच गया। मैं आज 20 साल के बाद के धुले को देख रहा हूं। 30 साल बाद यह सूरत से स्पर्धा करता दिखेगा। उन्होंने कहा कि अगर आपलोग 30 साल की योजना बनाकर चलने को तैयार हैं तो मैं आपका सहयोग को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि धुले के पास एक औद्योगिक नगर बनने की पूरी संभावना है। यहां से देश के अलग-अलग शहरों में व्यापार की संभावनाएं हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र के पानी एक महत्वपूर्ण विषय है। धुले शहर में पीने के पानी की समस्या को खत्म करने के लिए अमृत योजना के तहत एक परियोजना शुरू की गई है। प्रधानमंत्री कृषि योजना के तहत लंबे समय से लटकी योजनाओं पर काम किया गया है। इसमें 26 योजनाएं सिर्फ महाराष्ट्र की है। आज जिसे पूरा किया गया वह 35 साल पूराना प्रोजेक्ट है। अगर उस समय पूरा किया गया रहता तो जो प्रोजेक्ट कुछ करोड़ों में पूरा हो गया होता आज उसे पूरा करने के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च कर पूरा करना पड़ता है।

14 हजार करोड़ रुपये की लागत से 91 सिंचाई परियोजनाएं तय समय सीमा में पूरी हो जाने से पौने चार लाख हेक्टेयर अधिक जमीन की सिंचाई हो सकेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ताप्ति नदी से पानी लाकर अनेक इलाकों की जमीन सिंचित की जाएगी। केंद्र सरकार हमेशा से किसान हित में काम करती रही है। इस बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत पांच एकड़ से कम भूमि वाले सभी किसानों को हर साल 6 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं देश के किसानों के खाते में अगले दस साल में साढ़े साल लाख करोड़ रुपये जमा होंगे। किसानों को क्रेडिट कार्ड से ऋण देने की योजना शुरू कर दी गई है, ताकि उन्हें किसी साहूकार के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़े। धुले के महान स्वतंत्रता सेनानी की प्रेरण से ही कामधेनु योजना शुरू की गई है। सब का साथ सब का विकास के साथ ही आयुष्मान भारत के तहत 12 लाख मरीजों को फायदा मिल चुका है। इसमें महाराष्ट्र के 18 हजार लोग लाभान्वितों में शामिल हैं। इस योजना के तहत लाभान्वितों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलती है जिससे मरीज कहीं भी अपना इलाज करा सकता है।

अपने संबोधन के अंत में मोदी ने कहा कि इस देश के हर नागरिक के लिए जितना भी कर सकूं उसमें कभी कोई कोताही नहीं करूंगा, क्योंकि अपने सामर्थ्य के अनुरूप देशवासियों की सेवा करना ही हमारा सबसे बड़ा साध्य है।

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