भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी अभियान के बारे में दुनियाभर में चर्चा हो रही है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी मोदी की जय-जय हो रही है। प्रधानमंत्री ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद किए जाने का ऐलान किया था। भारत से प्रेरणा लेते हुए पाकिस्तान ने भी सोमवार को अपने यहां 5000 रुपए के नोट को बंद करने का एक प्रस्ताव पारित किया।
इस बारे में पाकिस्तान मुस्लिम लीग के सीनेटर उस्मान सैफ उल्लाह खान ने संसद के उच्च सदन में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे बहुमत से पारित कर दिया गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि पांच हजार रुपए के नोट वापस लिए जाने से बैंक खातों के इस्तेमाल को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे बिना हिसाब-किताब वाली अर्थव्यवस्था का आकार घटाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही समानांतर अर्थव्यवस्था को खत्म किया जा सकेगा।
पाकिस्तान में फिलहाल 3.4 ट्रिलियन नोट सकुर्लेशन में है, जिनमें से 1.02 ट्रिलियन नोट 5000 रुपए के हैं। पाकिस्तान में यह नोटबंदी एक साथ लागू नहीं होगी। काले धन के प्रवाह को रोकने के लिए चरणबद्ध तरीके से 5,000 रुपए के नोटों का चलन बंद किया जाएगा। इसे तीन से पांच साल में लागू किए जाने का प्रस्ताव है।
पाकिस्ताम सेंट्रल बैंक के गवर्नर अशरफ महमूद वाथरा भी मोदी के नोटबंदी के फैसले से काफी प्रभावित हैं। उन्होंने नोटबंदी के फैसले को कड़ा फैसला बताया। लेकिन कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए इतने कड़े फैसले जरूरी है।
इसके पहले वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने 12 दिसंबर को देश में सबसे बड़ी राशि यानी 100 बोलिवर के नोट को बंद करने के लिए आपात आदेश जारी किए थे लेकिन विरोध बढ़ने के बाद इसे टालना पड़ा।