”भारत में ज्यादातर पार्टियों के साथ वंशवाद की समस्या है… अखिलेश यादव वंशवादी हैं। स्टालिन भी वंशवादी हैं। यहां तक कि अभिषेक बच्चन भी वंशवादी हैं। भारत ऐसे ही चलता है।”
12 सितंबर, 2017 को अमेरिका में बर्कले के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में राहुल गांधी ने वंशवाद की वकालत करते हुए इसे जायज ठहराने की कोशिश की थी। दरअसल कांग्रेस पार्टी हमेशा से वंशवादी रही है और इनके नेताओं के लिए राजनीति सेवा का जरिया नहीं, बल्कि परंपरागत पेशा है। कर्नाटक में होने वाले चुनाव में इस परंपरागत पेशा को अपनाने के लिए वंशवादियों में होड़ मची हुई है। कांग्रेस के कई मंत्री और नेता अपने बेटे-बेटियों और दामादों के लिए ‘लॉबिंग’ कर रहे हैं।
15 नेताओं के बेटे-बेटी और दामादों की ‘टिकट दौड़’
कर्नाटक कांग्रेस के अनुसार, 15 से ज्यादा मंत्रियों और टॉप नेताओं ने दो सीटों की मांग की है। यानि एक सीट से वे खुद चुनाव लड़ेंगे और दूसरे सीट से उनके बेटे-बेटी या दामादों को चुनावी मैदान में उतारेंगे।
आइये जानते हैं कौन कहां से दावा कर रहा है-
पीडब्ल्यूडी मंत्री डॉ. एचसी महादेवअप्पा के बेटे सुनील बोस मैसूर जिले के टी. नरासीपुरा सीट से उम्मीदार होंगे। कानून और संसदीय मामलों के मंत्री टीबी जयचंद्र के बेटे संतोष टुमकुर जिले के चिकन्याकानाहाल्ली सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे। शहरी विकास मंत्री आर. रोशन बेग ने पार्टी हाईकमान से कहा है कि उनकी सीट उनके बेटे रेहन बेग को दी जाए। दरअसल रोशन बेग खुद राज्यसभा जाना चाहते हैं। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री के. रहमान खान बेटे मंसूर अली खान को साउथ बेंगलुरु के जयनगर से लड़वाना चाह रहे हैं।
गृहमंत्री आर. रामालिंग रेड्डी अपनी बेटी सौम्या रेड्डी के लिए टिकट चाह रहे हैं। सीनियर कांग्रेस नेता सीके ज़फ्फर शरीफ अपने पोते रहमान शरीफ के लिए सेंट्रल बेंगलुरु के हिब्बल सीट चाहते हैं। कांग्रेस सांसद रह चुके केएच मुनियाप्पा भी अपनी बेटी के टिकट के लिए कोशिश में हैं। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष केबी कोलीवाड़ ने अपने बेटे के लिए टिकट मांगा है।
दिवंगत मुख्यमंत्री एन धरम सिंह के दामाद चंद्र सिंह बिदर साउथ से कांग्रेस का टिकट की चाहत रखते हैं। इसके अलावा दिवंगत और पूर्व केंद्रीय मंत्री बी. शंकरानंद के बेटे सिंधे भीमसेन राव भी बिदर जिले के औरड़ से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
सिद्धारमैया के बेटे लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपना राजनीतिक वारिस अपने बड़े बेटे राकेश को बनाया था, परन्तु उनकी मौत के बाद ये जिम्मेदारी बेटे यथींद्र को देने जा रहे हैं। बिना किसी जमीनी राजनीतिक अनुभव के भी मुख्यमंत्री उन्हें अपनी सीट वरुणा से मैदान में उतारने जा रहे हैं। गौरतलब है कि सिद्धारमैया ने खुद चामुंडेश्वरी सीट से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।
कांग्रेस में रिश्तेदारों को मिलती है लूट की छूट
दरअसल कांग्रेस में बेटे-बेटियों और दामादों को सत्ता में शामिल करवाकर लूट के लिए विशेष छूट दी जाती है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं और उनके रिश्तेदारों को लगता है कि घोटाले कर जनता की गाढ़ी कमाई लूटना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। आपको सिलसिलेवार तरीके से कांग्रेसी नेताओं और उनके रिश्तेदारों के घोटाले के बारे में बताएंगे। आइये देखते हैं इन दामादों और बेटों की फेहरिस्त-
अमरिंदर के दामाद ने किया 200 करोड़ का घोटाला
पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दामाद गुरपाल सिंह यूपी के हापुड़ में स्थित सिंभावली शुगर्स लिमिटेड में उप महाप्रबंधक हैं। इन पर आरोप है कि किसानों को गन्ना का भुगतान करने के लिए ओबीसी बैंक से 110 करोड़ रुपये लोन लेकर किसी अन्य काम में लगा दिया। ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने इस मामले में गंभीर रुख अपनाया और सीबीआई से जांच की मांग की। सीबीआइ ने इनकी मांग पर हापुड़ की सिंभावली शुगर्स लिमिटेड मिल और उसके अधिकारियों के खिलाफ करीब 110 (109.08 करोड़) करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस कर्ज किया है। सीबीआई की इस एफआईआर में कैप्टन अमरिंदर सिंह के दामाद गुरपाल सिंह समेत दूसरे निदेशक और शीर्ष अधिकारियों के नाम शामिल हैं।
CBI registered case on complaint from Oriental Bank of Commerce against a pvt Sugar Company based at Simbhaoli, Ghaziabad in Uttar Pradesh for causing loss of Rs. 109.08 crore (approx.) to the Bank. Search being conducted at eight premises in Delhi, Hapur and Noida. Probe on.
— ANI (@ANI) 25 February 2018
सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का घोटाला
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ वर्ष 2012 में डीएलएफ घोटाले का आरोप लगा, जो अब भी चल रहा है। उनपर शिकोहपुर गांव में कम दाम पर जमीन खरीदकर भारी मुनाफे में रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ को बेचने का आरोप लगा। रॉबर्ट वाड्रा पर डीएलएफ से 65 करोड़ का ब्याज-मुक्त लोन लेने का आरोप लगा। बिना ब्याज पैसे की अदायगी के पीछे कंपनी को राजनीतिक लाभ पहुंचाना मूल उद्देश्य था। यह तथ्य भी सामने आया है कि केंद्र में कांग्रेस सरकार के रहते रॉबर्ट वाड्रा ने देश के कई और हिस्सों में भी बेहद कम कीमतों पर जमीनें खरीदीं।
बीकानेर में वाड्रा ने किया जमीन घोटाला
राजस्थान के बीकानेर में हुए जमीन घोटालों में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनियों के जमीन सौदे भी शामिल हैं। अंग्रेजी न्यूज पोर्टल इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार गलत जमीन सौदों के सिलसिले में 18 एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें से 4 वाड्रा की कंपनियों से जुड़े हैं। ये सारी एफआईआर 1400 बीघा जमीन जाली नामों से खरीदे जाने से जुड़ी हैं, जिनमें से 275 बीघा जमीन वाड्रा की कंपनियों के लिए जाली नामों से खरीदे जाने के आरोप हैं।
दिग्विजय के दामाद पर धोखाधड़ी का केस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के दामाद भवानी सिंह के खिलाफ बैंगलुरू की एक अदालत में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। पिछले वर्ष अक्टूबर में बैंगलुरू की बालाजी इलेक्ट्रिकल्स नाम की कंपनी ने आरोप लगाया था कि जिस समय दिग्विजय सिंह कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी थे, उस समय उनके दामाद भवानी सिंह ने ठेका दिलाने का भरोसा दिलाया था। ठेका दिलाने के एवज में भवानी सिंह ने 1.15 करोड़ रुपए घूस लिया था, लेकिन बालाजी इलेक्ट्रिकल्स को न काम मिला और न ही पैसा वापस मिला।
शीला दीक्षित के दामाद पर चोरी का आरोप
दिल्ली में कांग्रेस सरकार के दौरान पंद्रह वर्षों तक मुख्यमंत्री रहीं वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित के दामाद पर भी चोरी का आरोप लग चुका है। यह आरोप किसी और ने नहीं बल्कि शीला दीक्षित की बेटी ने ही लगाया था। नवंबर 2016 में शीला के दामाद मोहम्मद इमरान को न्यायिक हिरासत में भी भेजा गया था। शीला दीक्षित की बेटी लतिका ने आरोप लगाया था कि उसके पति मोहम्मद इमरान ने घरेलू हिंसा की और उसके आवास से गहने व दूसरी कीमती चीजें उठा ले गए। इमरान के खिलाफ पुलिस ने संपत्ति के गबन, आपराधिक षड्यंत्र, सबूत मिटाने और जालसाजी और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
अहमद पटेल के दामाद पर रिश्वत देने का आरोप
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी राज्यसभा सांसद अहमद पटेल के दामाम इरफान सिद्दीकी पर आयकर विभाग के अधिकारी को एक करोड़ रुपये रिश्वत देने का आरोप लगा था। पिछले वर्ष सितंबर के महीने में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने इरफान सिद्दीकी के खिलाफ केस दर्ज किया था। दरअसल, इनकम टैक्स ने स्टर्लिंग बायोटेक कंपनी पर छापा मारा था और इस दौरान आयकर विभाग के हाथ बड़ी रकम लगी थी। आरोप है कि इसी दौरान इरफान सिद्दीकी ने इनकम टैक्स अफसरों को घूस दी थी।
CBI FIR names son-in-law of Ahmed Patel (Irfan) of bribing Income Tax officials https://t.co/H29IUgocI3 via @PGurus1
— Subramanian Swamy (@Swamy39) 25 September 2017
पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को दी गई रिश्वत
मामला 2007 का है। उस वक्त पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने ही कार्ति का काम आसान बनाया था। गौरतलब है कि 2007 में आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रुपए प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी देने में अनियमित्ताएं हुईं। उस समय पी चिदबंरम वित्त मंत्री थे। इसी मामले में सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया, इसके डायरेक्टरों पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के साथ कार्ति चिदंबरम का नाम भी जोड़ा गया था। इंद्राणी मुखर्जी और कार्ति चिदंबरम की आमने-सामने पूछताछ के बाद इंद्राणी मुखर्जी ने साफ किया कि वह अपने पति पीटर मुखर्जी के साथ नॉर्थ ब्लॉक में चिदंबरम से मिली थी। टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार इंद्राणी ने यह भी माना कि उसकी दिल्ली के एक होटल में कार्ति से मुलाकात हुई थी जहां उसने रिश्वत के रूप में 1 मिलियन डॉलर की मांग की।
कद्दावर नेता को ट्रांसफर किए गए थे 1.8 करोड़
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि कार्ति ने एक प्रभावशाली नेता के बैंक अकाउंट में 1.8 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। देश के पूर्व वित्ते मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति ने इन रुपयों को रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड (RBS) की चेन्नई स्थित शाखा में अपने अकाउंट से ट्रांसफर किए थे। टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट अनुसार जिस शख्स को रुपये ट्रांसफर किए गए, वह कद्दावर नेता हैं और उन्होंने अपने दशकों के राजनीतिक करियर में केंद्र सरकार में बहुत ही अहम जिम्मेदारियों को निभाया है। हालांकि अफसरों ने उस नेता का नाम नहीं लिया। उन्हों ने कहा कि इससे जांच प्रभावित हो सकती है। ED अफसरों का कहना है कि यह रकम 16 जनवरी, 2006 से लेकर सितंबर 2009 के बीच पांच किस्तों में उस नेता को ट्रांसफर की गई।