आज चीन पूरी दुनिया के लिए संकट बन गया है। कोरोना वायरस के प्रसार की वजह से वह पूरे विश्व में घिरता चला जा रहा है। उसकी पूरी अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। ऐसे में गलवान घाटी में चीनी सेना की हिमाकत पर अमेरिकी विशेषज्ञों ने कहा है कि मौजूदा वक्त में एक सुनियोजित मंशा के साथ चीन अपने पड़ोसियों को उकसा रहा है और उन पर हमले कर रहा है।
एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट के उपाध्यक्ष डेनियल रसेल ने भारत एवं चीन की सीमा पर तनाव बढ़ने के मद्देनजर कहा है कि चीन ऐसे समय में अपने पड़ोसियों को उकसा रहा है और उन पर ”प्रहार” कर रहा है, जब हर कोई यह अपेक्षा करता है कि चीन टकराव से बचकर देश की अर्थव्यस्था पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके बजाए, (चीन के राष्ट्रपति) शी चिनफिंग चीनी राष्ट्रवाद को लेकर सोची समझी अपील कर रहे हैं और यह गणना करते प्रतीत हो रहे हैं कि चीन इन कदमों के परिणामों से निपट सकता है।
रसेल पूर्वी एशियाई एवं प्रशांत मामलों के लिए विदेश मंत्रालय के सहायक सचिव के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच 2020 की पहली तिमाही में चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह देश में 1976 की सांस्कृतिक क्रांति के बाद से जीडीपी में सर्वाधिक गिरावट है।
कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल रिलेशंस (Carnegie Endowment for International Relations) के एशले जे टेलिस का कहना है कि मौजूदा घटना से दोनों देशों के बीच काफी कुछ बदला है। टेलिस की मानें तो मौजूदा घटना के बाद भविष्य में दोनों देशों के संबंधों को लेकर सवाल उठ खड़ा हुआ है। हालांकि दोनों ही देशों के नेता हर तरह की परेशानी, तनाव और दुश्मनी के बावजूद संबंधों को बनाए रखना चाहते हैं लेकिन भारतीय जवानों की शहादत के बाद दोनों देशों के संबंध दोबारा पहले जैसे कभी नहीं होंगे। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन के एलेसा आयरेस का कहना है कि पीएलए के इस कृत्य से पूरे क्षेत्र की स्थिरता को खतरा पैदा हुआ है।