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अखिलेश सरकार की रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, 40 ठिकानों पर छापेमारी

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समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक गोमती रिवर फ्रंट में हुए घोटाले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई की एंटी करप्शन विंग ने सोमवार को 40 जगहों पर छापेमारी की। सीबीआई की टीम ने उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 40 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है। उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, गोरखपुर, अलीगढ़ और रायबरेली में छापेमारी की खबर आ रही है।.

इसके पहले सीबीआई ने गोमती रिवर फ्रंट परियोजना से जुड़े 190 लोगों पर केस दर्ज किया। यह घोटाला समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में हुआ था। तत्कालीन अखिलेश सरकार ने लखनऊ में गोमती नदी के किनारे रिवर फ्रंट के लिए 1513 करोड़ मंजूर किए थे। इसमें से 1437 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी 60 प्रतिशत काम तक पूरी नहीं हो पाया

पहले रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट का बजट केवल 550 करोड़ का था। सबसे बड़ी बात कि ये लागत भी ज्यादातर समय मौखिक आधार पर बढ़ाई गईं। यह भी पाया गया कि प्रोजेक्ट गोमती नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन नालों को गोमती में गिरने से रोकने का इंतजाम नहीं किया गया। गोमती में पानी की रिचार्जिंग का भी कोई इंतजाम नहीं किया गया। हालांकि अखिलेश यादव इसके उद्घाटन से नहीं चूके थे। 

अखिलेश यादव की इस परियोजना में काफी गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं। सबसे बड़ा आरोप यह है कि इस 95 प्रतिशत पैसा खर्च करके भी पूरा काम नहीं किया गया। राज्य की मौजूदा योगी सरकार के निर्देश पर सिंचाई विभाग की ओर से लखनऊ के गोमतीनगर थाने में मामला दर्ज किया गया है और सीबीआई इसी आधार पर यह कार्रवाई कर रही है। आरोप है कि रिवर फ्रंट योजना में बजट का दुरुपयोग किया गया है।

जांच में यह भी सामने आया है कि जिस कंपनी को इस काम का ठेका दिया गया, वो पहले से ही डिफॉल्टर थी। साल 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसमें घोटाले का खुलासा होने पर न्यायिक आयोग गठित किया था। जांच से पता चला कि डिफॉल्टर कंपनी को ठेका देने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया। पूरे प्रोजेक्ट में करीब 800 टेंडर निकाले गए थे, जिसका अधिकार चीफ इंजीनियर को दे दिया गया था।

रिटायर्ड जज आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग की जांच की रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने सीबीआई जांच के लिए केंद्र को पत्र भेजा था। अब सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है और आज की छापेमारी उसी सिलसिले में हुई है।

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