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तमिलनाडु की कांग्रेस-डीएमके सरकार में मारे जा रहे बिहारी मजदूर, तेजस्वी-नीतीश ने साधी चुप्पी, 2024 के चुनाव के लिए स्टालिन के साथ गठजोड़ में व्यस्त

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कांग्रेस के अघोषित अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत तमिलनाडु से की थी। लेकिन उस यात्रा के जो परिणाम सामने आ रहे है, वो काफी भयानक और परेशान करने वाले हैं। डीएमके और कांग्रेस की सरकार में तमिलनाडु इस समय बिहारी मजदूरों के लिए कब्रगाह बन गया है। रोजी-रोटी की तलाश में वहां गए बिहारी मजदूरों पर जानलेवा हमले हो रहे हैं। मीडियो रिपोर्टों के मुताबिक बिहारी मजदूरों पर घरों में घुसकर हमला किया जा रहा है। जो अपनी जान बचाकर भाग रहे हैं, उनको सड़कों पर दौड़ा-दौड़ाकर मारा जा रहा है। बिहारी मजदूर बचाने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला वहां कोई नहीं है। बिहार विधानसभा में बीजेपी ने इस मामले को उठाया। लेकिन आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस के नेता इस हमले पर चुप है, क्योंकि वे तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के साथ 2024 के आम चुनाव के लिए सियासी गठजोड़ करने में व्यस्त है। 

तमिलनाडु में जमुई के रहने वाले दो सगे भाइयों पर हमला, एक की मौत

अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु के तिरुपुर में अपराधियों ने सोमवार देर शाम घर में घुसकर दो भाइयों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। जिसमें एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद आसपास रह रहे बिहारी मजदूरों ने इलाज के लिए घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। मृतक मजदूर की पहचान जमुई जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र के धधोर गांव निवासी पवन कुमार के रूप में की गई। वहीं घायल की पहचान नीरज कुमार के रूप में हुई। पवन और नीरज कामेश्वर यादव के बेटे हैं, जो तिरुपुर में रहकर एक्सपोर्ट इंपोर्ट कंपनी में कपड़े बनाने का काम करते थे। नीरज की मौत की खबर मिलते ही परिवार वालों में कोहराम मच गया है। दोनों भाइयों पर हमला कर भाग रहे अपराधियों ने रास्ते में भी कई बिहारियों पर हमला किया।

तमिलनाडु के तिरुपुर में फंसे बिहारी मजदूरों ने बचाने की लगाई गुहार

तमिलनाडु से बिहार के मजदूरों को भगाने के लिए सुनियोजित हमले किए जा रहे हैं। बिहारी मजदूर सोशल मीडिया में वीडियो शेयर कर अपने साथ हो रहे अत्याचार को बता रहे हैं, जो काफी चिंताजनक है। उनके मुताबिक तमिलनाडु के तिरुपुर में पिछले 15 दिनों से हालात काफी बदतर हो गए हैं। दर्जनों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि हत्या करने के बाद आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को फांसी पर लटका दिया जा रहा है। डरे हुए बिहारी मजदूर सरकार से सुरक्षित निकालने की गुहार लगा रहे हैं। ये लोग बिहार सरकार से रोजगार की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़े। बिहारी युवा मजदूरों ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर इस मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि स्थानीय प्रशासन उनकी कोई मदद नहीं कर रहा है। जो लोग यहां से भागने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें ट्रेन में भी मारा-पीटा जा रहा है। 

तमिलनाडु की सड़कों पर काटे जा रहे बिहारी, प्रशासन से नहीं मिली रही सुरक्षा

सोशल मीडिया में कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिन्हें देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आखों पर भरोसा नहीं होता है कि क्षेत्रवाद और भाषावाद की आग में जल रहा इंसान इतना हैवान बन जाएगा। बिहारी मजदूरों को सड़कों पर काटा जा रहा है। अपने घरों से हजारों किलोमीटर दूर ये गरीब बिहारी अपने राज्य के भाग्य विधाताओं की नाकामी की वजह से बलि का बकरा बन रहे हैं। अपनी मेहनत से दूसरे राज्य के विकास में भागीदार बनने वाले ये बिहारी मजदूर अपने राज्य के पिछड़ेपन और दुर्दशा की कीमत अपनी जान देकर चुका रहे हैं। जात-पात में जकड़े बिहार के विकास को लकवा मार गया है, जिसकी वजह से उन्हें पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। दूसरे राज्यों में कड़ी मेहनत से दो चार पैसे कमाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं, लेकिन वहां भी उन्हें शांति से जीने नहीं दिया जाता है। 

जान बचाकर भाग रहे बिहारी मजदूरों ने सुनाई बर्बरता की दास्तां

तमिलनाडु से बिहारी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है। अपनी जान बचाकर भाग रहे मजदूरों ने जो कहानी बयां की है, वो रोंगटे खड़े करने वाले हैं। हिन्दी बोलने पर भी मारपीट हो रही है। वापस लौट रहे मजदूरों के मुताबिक तमिलनाडु में 14 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है। एक बिहारी मजदूर राहुल ने बताया कि हिन्दी बोलने पर बाजार में जानलेवा हमला किया जा रहा है। तमिलनाडु से अपने घर लौट रहे मजदूरों को टिकट मिलने में बहुत दिक्कतें आ रही हैं। तमिलनाडु में रहने वाले लोगों के परिजन इन घटनाओं को लेकर भयभीत और चिंतित हैं। वे अपने परिजनों की सकुशल वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। वहीं बिहार और तमिलनाडु की पुलिस इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। 

सोशल मीडिया पर हुआ विरोध तो बचाव करने आ गया टुकड़े-टुकड़े गैंग

सोशल मीडिया पर लोग तमिलनाडु की घटना को लेकर बिहार सरकार को जिम्मेदार बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर बिहार में रोजगार मिलता तो लोग तमिलनाडु मरने के लिए क्यों जाते। नीतीश कुमार से सवाल पूछ रहे हैं कि माननीय मुख्यमंत्री जी बिहार मे रोजगार क्यू नहीं देते जो सब बिहारी भिखारी के तरह बाहर जाते हैं ओर उसको वहां पर मार दिया जाता है। 1965 में दक्षिण भारत में हुए हिंदी विरोधी दंगों को फिर से दोहराने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए बिहारी मजदूरों को निशाना बनाया जा रहा है। वहीं सोशल मीडिया पर एक गैंग सक्रिय हो चुका है, जो इस घटना को फर्जी बातकर दबाने की कोशिश कर रहा। वो तमिलनाडु से जान बचाकर भाग रहे बिहारी मजदूरों को झूठा साबित करने के लिए एक से बढ़कर एक हथकंडे अपना रहे हैं। 

नीतीश ने बिहारी मजदूरों पर हमले का मामला अधिकारियों पर छोड़ा 

तमिलनाडु से लौट रहे मजदूर कह रहे हैं कि उनपर जानलेवा हमला किया जा रहा, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना पल्ला झाड़ते हुए प्रशासन पर जिम्मेदारी डाल दी है। सीएम नीतीश कुमार ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्विट करते हुए लिखा, ‘मुझे समाचार पत्रों के माध्यम से तमिलनाडु में काम कर रहे बिहार के मजदूरों पर हो रहे हमले की जानकारी मिली है। मैंने बिहार के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों से बात कर वहां रह रहे बिहार के मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।” नीतीश कुमार ने जिस तरह इस गंभीर मसले में संवेदनहीनता दिखाई है, उस पर सवाल उठ रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि अपनी कुर्सी के अलावे नीतीश जी ने बिहार का सबकुछ अधिकारियों के हवाले छोड़ दिया हैं।

बिहारी मर रहे तेजस्वी स्टालिन के साथ गलबहियां कर रहे – बीजेपी

तुमिलनाडु की घटना पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बिहार की विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हो रही घटनाओं का मामला बड़े जोर शोर से उठाया। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय सिन्हा ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस झूठ बोल रही है कि इस तरह की घटना नहीं हुई। सदन में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव झूठ बोलकर बिहार को गुमराह कर रहे हैं कि इस तरह की घटना नहीं हुई। वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि तमिलनाडु में अनगिनत बिहारियों की हत्याएं हो रही हैं और उस दौरान बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तमिलनाडु जाकर वहां के सीएम एमके स्टालिन के साथ गलबहियां कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव वहां बिहारियों की हत्या पर नहीं बोलते हैं।

“तमिलनाडु में बिहारियों की हत्याएं होती हैं, तेजस्वी केक खाकर लौट आते हैं”

बिहार विधानसभा के अंदर और बाहर बीजेपी ने तमिलनाडु की घटना को लेकर नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस समय डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव विपक्ष के निशाने पर हैं। वो दो दिन पहले ही तमिलनाडु के सीएम स्टालिन का जन्मदिन मनाकर पटना लौटे थे। बीजेपी पूछ रही है कि सीएम साहब ये पलायन कब रुकेगा। जिनके पेट का सवाल है वो इस माहौल में भी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया कि तेजस्वी जी बिहार से तमिलनाडु जाते भी हैं तो स्टालिन का केक खाकर लौट आते हैं। वहीं लोगों का कहना है कि बतौर बिहारी मेरे अंदर काफी दुख और क्षोभ है कि तमिलनाडु में अनगिनत बिहारियों की हत्याएं हो रही हैं। और उस समय हो रही है जब बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तमिलनाडु जाकर वहां के सीएम के साथ गलबहियां कर रहे है, लेकिन संवेदना का एक शब्द भी बिहारियों की हत्या पर नहीं बोलते हैं।

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