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अब ये IIIT भी दे सकेंगे डिग्री, मोदी सरकार दे रही राष्ट्रीय महत्व का दर्जा

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पीएम मोदी की अगुवाई में देश में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए तेजी से काम हो रहा है। जहां एक तरफ मेदी सरकार शिक्षा के डिजिटलीकरण पर तेजी से काम कर रही हैं वहीं शिक्षा को जन-जन तक आसानी से पहुंचाने पर भी काम हो रहा है।

मोदी सरकार की अगुवाई में यह फैसला लिया गया है कि अब भागलपुर, भोपाल सहित देश के पांच अन्य ट्रिपल-आईटी भी अब बाकी ट्रिपल आईटी की तरह बीटेक, एमटेक और पीएचडी की डिग्री दे सकेंगे।

संसद में जल्द पेश होगा बिल

मौजूदा समय में वैसे तो देश में कुल 20 ट्रिपल आईटी है, लेकिन इनमें से सिर्फ 15 संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिला था। साथ ही इन्हें ही डिग्री देने का भी अधिकार था। वहीं अब पीपीपी मोड पर स्थापित किए गए इन संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा देने की भी मंजूरी दे दी गई है।

बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में ट्रिपल आईटी के कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी गई, ये बैठक पीएम मोदी की अगुवाई में हुई। इससे जुड़ा बिल अब संसद में पेश होगा, जिसके पारित होने पर बाकी के पांच ट्रिपल आईटी भी राष्ट्रीय महत्व के घोषित हो जाएंगे। जिन पांच ट्रिपल आईटी को इसमें शामिल करने की मंजूरी दी गई है, उनमें भागलपुर, भोपाल के साथ सूरत, अगरतला और रायचूर (कर्नाटक) रखे गए हैं।

हजारों छात्रों को मिलेगा लाभ

संसद से बिल पारित होने के बाद देश के सभी 20 ट्रिपल आईटी राष्ट्रीय हो जाएंगे। इन संस्थानों में से भागलपुर, भोपाल और सूरत स्थित ट्रिपल आईटी का संचालन 2017-18 से किया जा रहा है, जबकि अगरतला स्थित ट्रिपल-आईटी का संचालन वर्ष 2018-19 से और रायचूर( कर्नाटक) स्थित संस्थान का संचालन 2019-20 से शुरु हुआ है।

इस सरकारी फैसले का लाभ मौजूदा समय में संस्थानों में पढ़ रहे 16 सौ छात्रों को मिलेगा। वहीं जब यह संस्थान अपनी पूरी क्षमता से संचालित होगा तब करीब पांच हजार छात्रों को इसका फायदा मिलेगा। यह विधेयक संसद के इसी सत्र में पेश किया जाएगा।

मोदी सरकार शिक्षा को लेकर लगातार सराहनीय प्रयास कर रही है और हाल के बजट में भी मोदी सरकार ने शिक्षा को ध्यान में रखते हुए कई बड़े कदम उठाए हैं-

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट पेश किया है। मोदी सरकार के इस बजट में शिक्षा के लिए मुख्य हिस्सा तैयार किया गया है। सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष से करीब पांच हजार करोड़ अधिक शिक्षा क्षेत्र के लिए दिया है, जिसमें से 3000 करोड़ स्किल इंडिया के लिए भी आवंटित किया गया है।

स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम – इस बार बजट में स्टडी इन इंडिया की बात हुई, स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम के तहत जो विदेशी छात्र भारत में पढ़ना चाहते हैं उनके लिए अफ्रीकी और एशियन देशों में IND-SAT की परीक्षा करवाई जाएगी।

ऑनलाइन डिग्री लेवल प्रोग्राम – बजट में सरकार ने हायर एजुकेशन पर जोर देने के साथ-साथ ऑनलाइन एजुकेशन पर भी ध्यान दिया है। वंचित वर्ग के छात्रों को हायर एजुकेशन मिलने में आसानी हो इसके लिए डिग्री स्तर पर ऑनलाइन कोर्स की शुरुआत की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क एजुकेशन की टॉप 100 संस्थाओं द्वारा डिग्री स्तर के ऑनलाइन एजुकेशन प्रोग्राम उपलब्ध कराए जाएंगे।

नई शिक्षा नीति की घोषणा – मोदी सरकार शिक्षा को लेकर बहुत सजग है और साल 2014 से ही इस पर काम कर रही है। वित्त मंत्री ने बताया कि ‘नई शिक्षा नीति की घोषणा जल्द की जाएगी, इसके लिए 2 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं।’

कौशल विकास के लिए 3 सौ करोड़ – सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को वित्तीय वर्ष 2020-2021 में कुल 99, 300 करोड़ देने की घोषणा की है। इसमें से 3000 करोड़ रुपए कौशल विकास के लिए भी अवांटित हुए हैं।

नई यूनिवर्सिटी की घोषणा – वित्त मंत्री ने सरकार ने एक बार फिर नई यूनिवर्सिटी खोलने की घोषणा की है। पुलिस विज्ञान, न्यायिक विज्ञान और साईबर- न्यायिक विज्ञान के लिए राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय न्यायिक विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की गई है।


हर जिले में मेडिकल कॉलेज – मोदी सरकार ने मेडिकल क्षेत्र में बड़ी घोषणा की है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज से जोड़ा जाएगा।

शिक्षा क्षेत्र में एफडीआई – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा क्षेत्र में विदेश निवेश की घोषणा की है। विदेशी वाणिज्यिक लोन और कार्मिक के लिए एफडीआई सोर्सिंग होगी, जिससे क्वॉलिटी एजुकेशन पर जोर दिया गया है।

शिक्षकों और नर्सों के लिए विशेष ब्रिज कोर्स – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विदेश में शिक्षकों, नर्सों, चिकित्सा सहायक कर्मचारियों और देखभाल करने वाले की भरपूर मांग है। जिसके लिए मानव संसाधन और कौशल विकास मंत्रालय के साथ मिलकर ब्रिज कोर्स की घोषणा की गई है।

युवा इंजीनियर्स को इंटर्नशिप की सुविधा – मोदी सरकार छोट स्तर पर इंटर्नशिप प्रोग्राम की शुरुआत करेगी, जिससे शहरी स्थानीय निकाय पर एक वर्ष के लिए इंजीनियरों को इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। वित्तमंत्री ने बताया, ‘देश भर की शहरी स्थानीय निकाय युवा इंजीनियर्स को एक वर्ष के लिए इंटर्नशिप देंगे।’

150 नए कोर्स – सरकार ने सेवाओं और प्रौघोगिकी स्ट्रीम में सुधार पर जोर दिया है। मार्च 2021 तक 150 नए डिग्री/ डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे। जिससे छात्रों को स्किल डेवलपमेंट में फायदा मिलेगा।

 

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