बिहार और उत्तर प्रदेश में जातियों को आपस में लड़ाने की बड़ी साजिश की गई है। इसके लिए लालू प्रसाद यादव की आरजेडी और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने बड़े स्तर पर तैयारी की है। इसमें नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडयू का भी मौन समर्थन मिल रहा है। इन तीनों दलोंं के बड़े नेता दलितों और पिछड़ों को अपने पक्ष में गोलबंद करने और उनका वोट हासिल करने के लिए रामचरितमानस को निशाना बना रहे हैं। हिन्दू धर्म के पवित्र धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस के खिलाफ नफरत पैदा करने के लिए सुनियोजित तरीके से अपमानजनक और भड़काऊ बयान दिए जा रहे हैं। यह सब तीनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर हो रहा है। अब एक फोन कॉल ने उनके गुप्त एजेंडे का राज खोल दिया है।
दरअसल सोशल मीडिया पर आरजेडी नेता उदय नारायण चौधरी और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की बातचीत का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक फोन कॉल पर चंद्रशेखर को कहते सुना जा सकता है, “रामचरितमानस को लेकर इस तरह से बोलना है कि हिंदू लोग नाराज न हों। भगवान को बचाकर चलना होगा। हार्ड लाइन लेंगे तो लोग गुस्सा हो जाएंगे।” चंद्रशेखर ने फोन पर आगे कहा, “आप लोग इस तरह से बातों को रखें कि शबरी का बेर राम ने खाया, लेकिन शबरी का बेटा जीतन राम मांझी जब मंदिर में गए तो उसे गंगाजल से धोया गया। उस समय धर्माचार्यों ने पुरोहितों का जीभ क्यों नहीं काटा? रामनाथ कोविंद को पुरी के मंदिर में क्यों नहीं घुसने दिया गया? यानी आप हमें अछूत बनाकर रखना चाहते हो और हम से वोट लेना चाहते हो। इस तरह से बोलने से हिंदू लोग नाराज नहीं होंगे।”
शिक्षा मंत्री का “नफरत “फैलाने वाला ट्यूशन! RJD नेता उदय नारायण चौधरी का शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की बात चीत का एक ऑडियो समाने आया है.सुनिए चंद्रशेखर कैसे समर्थकों को बता रहे हैँ कि ‘भगवान’ का इस्तेमाल कैसे करना है…. pic.twitter.com/Z8TuuIWWSc
— Prakash Kumar (@kumarprakash4u) January 31, 2023
यह वायरल वीडियो दो दिन पहले का है। इसमें शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और आम आदमी पार्टी के नेता राजेंद्र गौतम से भी इस संबंध में चर्चा होने की बात कह रहे हैं। जमुई से लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगे आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी पार्टी के कुछ नेताओं के साथ इस जिले के सिमुलतला में बैठे थे। पार्टी के लोगों ने ही आग्रह किया कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को फोन कर आमंत्रित करें और इस क्षेत्र में किसानों की तरफ से मुफ्त में दान की गई जमीन पर स्कूल खोले जाने के संबंध में उनसे आग्रह करें। इसके बाद शिक्षा मंत्री को फोन मिलाया गया था।
“ऊपर से आदेश है रामचरितमानस पर हमला जारी रखो, हार्ड लाइन बोलने से बचना है ताकि हिंदू समाज नाराज न हो”
: चंद्रशेखर यादव, शिक्षामंत्री बिहार
श्री रामचरिमानस के खिलाफ माहौल बनाते हुए दिख रहे नीतीश सरकार के शिक्षामंत्री। ऑडियो/वीडियो सोशल मीडिया में वायरलhttps://t.co/t2MP3Fi61T pic.twitter.com/Zzrg2RpLfh
— Shivam Dixit (@ShivamdixitInd) February 2, 2023
इस वीडियो के वायरल होते ही सियासी घमासान मच गया। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के जातीय उन्माद फैलाने की साजिश पर बिहार बीजेपी ने कड़ा विरोध जताया है। बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने यह वीडियो शेयर कर लिखा कि आरजेडी नेता उदय नारायण चौधरी और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का एजेंडा 2024 वाला सेक्युलर संवाद सुनिए। राजेंद्र गौतम और स्वामी प्रसाद मौर्य से बातचीत हुई है। धर्म और भगवान को बचाकर बोलना है। हिन्दुओं में जातिवाद का जहर फैलाकर देश में जातिय युद्ध कराना है। मुसलमानों को आक्रामक बनाना है।
राजद नेता उदय नारायण चौधरी और शिक्षामंत्री चंद्रशेखर का एजेंडा 2024 वाला सेक्युलर संवाद सुनिए।
राजेंद्र गौतम और स्वामी प्रसाद मौर्य से बातचीत हुई है।
धर्म और भगवान को बचाकर बोलना है। हिंदुओं में जातिवाद का जहर फैलाकर देश में जाति युद्ध कराना है। मुसलमानों को आक्रमक बनाना है। pic.twitter.com/gMU1LQFku7
— Nikhil Anand (@NikhilAnandBJP) January 31, 2023
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस के खिलाफ लगाई जुबानी आग अब उत्तर प्रदेश में फैल गई है। चंद्रशेखर के बाद समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया। इसके बाद उनके समर्थकों ने लखनऊ में ओबीसी महासभा के दौरान पवित्र ग्रंथ की प्रतियां जलाकर प्रदर्शन किया। इस मामले को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों को नामजद किया गया, साथ ही कुछ अज्ञात पर भी मुकदमा दर्ज किया गया। यूपी पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया।
यूपी के लखनऊ में स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों ने श्री रामचरितमानस को फाड़ा..
किसी अन्य धर्म ग्रंथ के साथ ऐसा किया होता तो क्या होता? pic.twitter.com/stCLgmqXGp
— Shobhna Yadav (@ShobhnaYadava) January 29, 2023
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रामचरितमानस की प्रतियों को जलाने वालों का बचाव किया। उन्होंने रविवार को मैनपुरी में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि कोई भी रामचरित मानस के विरोध में नहीं है और न ही कोई भगवान राम के विरोध में है। मैं सीएम योगी से अपील करता हूं कि वह एक बार वह चौपाई पढ़कर सुना दें। उन्होंने कहा कि चूंकि योगी आदित्यनाथ एक धार्मिक स्थान से आए हैं इसलिए मैं उनसे यह सवाल करता हूं। उन्होंने कहा कि कल मैं मंदिर गया तो आरएसएस-बीजेपी के गुंडे आ गए, हमें पता होता बीजेपी गुंडे भेजने वाली है तो हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ आते। उन्होंने कहा कि काला झंडा जब समाजवादी दिखाते हैं तो उन्हें 1 साल के लिए जेल भेजा जाता है।
मैं मुख्यमंत्री जी से पूछने जा रहा हूँ कि मैं शुद्र हूँ या नही?:अखिलेश यादव pic.twitter.com/rTA8BjKvrZ
— Vinod Mishra (@vinod9live) January 30, 2023
आइए देखते हैं किस तरह जातिवाद में अंधे बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने हिन्दुओं को आपस में लड़ाने के लिए नफरत फैलाने का काम किया हैं…
रामचरितमानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री ने फैलाई नफरत
बिहार के शिक्षा मंत्री और आरजेडी विधायक चंद्रशेखर यादव के रामचरितमानस पर दिए विवादास्पद बयान से पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने कहा, ‘मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गई। रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं। यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं। एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोलवलकर का बंच ऑफ थॉट, ये सभी देश को, समाज को नफरत में बांटते हैं। नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी। देश को महान केवल मोहब्बत ही बनाएगी।’
रामचरितमानस ग्रंथ दुनिया में नफ़रत फैलाने का काम करती है : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का शर्मनाक बयान pic.twitter.com/mUGY4SbAf9
— Anurag Chaddha (@AnuragChaddha) January 11, 2023
इंडिया गेट पर बिहार के शिक्षा मंत्री का फर्जी ज्ञान
दरअसल, चंद्रशेखर यादव का एक पुराना ट्वीट सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने इंडिया गेट पर अंकित शहीद सैनिक के आंकड़े को जाति और धर्म में बांटकर पेश किया है। यह आंकड़ा पूरी तरह फर्जी है। 20 अप्रैल, 2020 में किए गए ट्वीट में उन्होंने लिखा, “संघियों एवं मनुवादियों का देश में योगदान की क्रोनोलॉजी–इंडिया गेट दिल्ली के शिलापट पर फिरंगियों के खिलाफ जंग में आहूति देने वाले 95395 (पंचानवे हजार तीन सौ पंचानवे) अमर शहीदों में- मुसलमान-61395, सिख-8050, पिछड़े-14480, दलित-10777, सवर्ण 598, संघी-00(शून्य)- मनुवादी संघियो को ढूंढें ?”
संघियों एवं मनुवादियों का देश में योगदान की क्रोनोलॉजी–इंडिया गेट दिल्ली के शिलापट पर फिरंगियों के खिलाफ जंग में आहूति देने वाले95395(पंचानवे हजार तीन सौ पंचानवे) अमर शहीदों में-मुसलमान-61395,सिख-8050, पिछड़े-14480, दलित-10777, सवर्ण 598, संघी-00(शून्य)-मनुवादी संघियो को ढूंढें? pic.twitter.com/2qHyWQcT2Y
— Prof. Chandra Shekhar (@ProfShekharRJD) April 20, 2020
व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से ज्ञान अर्जित करते हैं बिहार के शिक्षा मंत्री
चंद्रशेखर यादव के इस ट्वीट को देखकर लगता है कि वे व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के शिक्षा मंत्री और उनके ज्ञान का प्रमुख स्रोत सोशल मीडिया है। चंद्रशेखर यादव ने अपने ट्विटर हैंडल से जो ज्ञान दिया है, दरअसल वो जुलाई 2019 में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। AIMIM प्रमुख और हैदराबाद लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुंबई के चांदीवली इलाक़े में 13 जुलाई, 2019 को एक भाषण दिया था जिसके कुछ हिस्से सोशल मीडिया पर शेयर किए गए थे। ओवैसी ने रैली में दावा किया था कि इंडिया गेट पर 95,300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखे हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत मुसलमान है।
इंडिया गेट पर पर 13,516 भारतीय सैनिकों के नाम
गौरतलब है कि इंडिया गेट एक वॉर मेमोरियल है। इसका निर्माण उन भारतीय सैनिकों की स्मृति में किया गया था जो ब्रिटिश सेना में भर्ती होकर पहले विश्व युद्ध और तीसरे अफगान युद्ध में शहीद हुए थे। दिल्ली में स्थित ‘इंडिया गेट’ साल 1931 में बनकर तैयार हो गया था। यानी भारत की आज़ादी से क़रीब 16 साल पहले। 42 मीटर ऊंचा इस स्मारक को अंग्रेज़ों के शासन के दौरान 1914 से 1919 के बीच ब्रिटिश आर्मी के लिए लड़ते हुए मारे गए भारतीयों की याद में बनाया गया था जिसे पहले ‘ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल’ कहा जाता था। दिल्ली सरकार की वेबसाइट के अनुसार इस स्मारक पर 13,516 भारतीय सैनिकों के नाम लिखे हुए हैं। इनमें 1919 के अफ़गान युद्ध में मारे गए भारतीय सौनिकों के नाम भी शामिल हैं।
शिक्षा मंत्री को इस्लाम में मोहब्बत और रामचरितमानस में नफरत दिखाई देती है
इससे पहले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वो मोहब्बत का पाठ पढ़ाते नजर आ रहे हैं। वायरल वीडियो में चंद्रशेखर यादव को कहते सुना जा सकता है, ‘मोहब्बत और ईमान का पैगाम देने वाला ‘अकेला’ इस्लाम है।’ चंद्रशेखर यादव ने यह बयान मधेपुरा में ईद-उल-फितर 2022 के मौके पर ईद-मिलन के कार्यक्रम में दिया था। शिक्षा मंत्री को इस्लाम में मोहब्बत दिखाई दे रहा है और रामचरितमानस नफरत फैलाने वाली किताब दिखाई देती है। दरअसल चंद्रशेखर यादव ने आरजेडी के मुस्लिम तुष्टिकरण वाली राजनीति के एजेंडे के तहत मुसलमानों को खुश करने के लिए यह बयान दिया था।
शिक्षामंत्री चंद्रशेखरजी का यह बयान भी सुनिए- “मोहब्बत और ईमान का पैगाम देने वाला ‘अकेला’ इस्लाम है”
शिक्षामंत्री ने राजद के तुष्टीकरण वाली राजनीतिक के एजेंडे के तहत मुसलमानों को खुश करने के लिए बयान दिया!
‘मिस्टर मालूम नहीं मुख्यमंत्री’, कैबिनेट मंत्री के बयान पर चुप क्यों? pic.twitter.com/oSc3tWwCO3
— Nikhil Anand (@NikhilAnandBJP) January 15, 2023
शिक्षा मंत्री का अंतरराष्ट्रीय ज्ञान देखकर दंग रह जाएंगे
एक अन्य ट्वीट में चंद्रशेखर यादव तुष्टिकरण में अपना अंतरराष्ट्रीय ज्ञान भी प्रदर्शित करते हुए नजर आते हैं। उन्होंने लिखा कि सदियों से वंचितों, बेवसों और गरीबों के रहनुमाओं को अपनी जान से धोना पड़ा है हाथ। सुकरात को जहर और यीशू को चढ़ाया सूली। अंबेडकर एवं लोहिया की हुई साजिशन हत्या, महात्मा फुले, पेरियार, जननायक कर्पूरी को गाली और शहीद जगदेव को गोली। आज उसी रक्तरंजित इतिहास को दोहराते हुए लालू जी को जेल में ही जान मारने की हो रही है तैयारी।
— Prof. Chandra Shekhar (@ProfShekharRJD) May 22, 2020