कोरोना संकट काल में जहां भाजपा शासित राज्यों में आम लोगों की मदद के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं, वहीं कोरोना की आड़ में गैरबीजेपी शासित राज्यों में ज्यादती और मनमानी अपने चरम पर है। गैरबीजेपी राज्यों के क्वारंटीन सेंटरों में अव्यवस्था और खराब खाने की शिकायतों की भरमार लगी है, लेकिन इसकी चर्चा मुश्किल से ही बाहर आ पाती है। आइए देखते हैं-
कोरोनाकाल में भी जलाए जा रहे हिंदुओं के घर
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुस्लिम वोटबैंक को लेकर इतनी अंधी हो चुकी है कि राज्य में कोरोनाकाल में भी उन्मादी तत्वों पर कोई लगाम नहीं है। हुगली जिले के तेलिनीपाड़ा समेत कई हिस्सों में हिंदुओं के घर जलाने के मामले सामने आए हैं। ऑप इंडिया के अनुसार पीड़ितों का कहना है कि पुलिस से शिकायत करने पर उल्टा उन्हें ही मारने की धमकी दी जाती है।
यहां कई दिनों तक हिंदुओं के खिलाफ खुलकर हिंसा हुई। तेलिनीपाड़ा के तांतीपारा, महात्मा गांधी स्कूल के पास शगुनबागान और फैज स्कूल के पास लगातार आगजनी और लूटपाट की घटना जारी रही। प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। मालदा के शीतला माता मंदिर में भी तोड़फोड़ और आगजनी की गई।
हुगली के तेलिनीपाड़ा से एक और वीडियो सामने आया।
लोग मुझे ऐसे वीडियो निरंतर भेज रहे हैं। साफ -साफ दिख रहा है कि पुलिस के होते हुए यह दशा है। मंदिर पर हमले की भी खबर है। प्रशासन से आग्रह है कि यदि मंदिर को क्षति हुई है तो तुरंत मरम्मत हो। पुलिस निष्पक्ष होकर अपना कर्तव्य निभाये। pic.twitter.com/cCAFq2AM2E— Arjun Singh (@ArjunsinghWB) May 12, 2020
बंगाल के हुगली जिले के तेलिनीपाड़ा का वीडियो।
बंगाल की गलियों में लोग तलवार लेकर और अल्लाहु अकबर का नारा लगाकर निकल आये हैं। हिंदुओं के रामनवमी पर तलवार निकालने पर मनाही और लोगों का कत्लेआम करने पर सिर्फ निन्दा? @BJP4Bengal @KailashOnline @shivprakashbjp @DilipGhoshBJP @me_locket pic.twitter.com/nygDf23wfJ— Arjun Singh (@ArjunsinghWB) May 12, 2020
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के टेलनीपारा में हिन्दुओं के घरों को जलाया जा रहा है। pic.twitter.com/FryAqHw0Cw
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 12, 2020
पश्चिम बंगाल के हुगली के टेलनिपारा में हिंसा लगातार बढ़ रही है। वहां के प्रशासन की तरफ से हिंसा रोकने के कोई कदम नहीं उठाए जा रहे है।
ममताजी आपके राज्य में हिंसा फैल रही है और आप मौन है! pic.twitter.com/G7m72RAjBa
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 12, 2020
पश्चिम बंगाल के हुगली में अब हिंदुओं के खिलाफ खुलकर हिंसा शुरू हो गई। घर जलाए जा रहे हैं, हमले हो रहे हैं। पर, प्रशासन और ममता सरकार आंख मूंदकर बैठा है।
ये @MamataOfficial की तुष्टिकरण की राजनीति है, जो वोटों के लिए हो रही है। pic.twitter.com/7hUkGzquXs
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 12, 2020
अजमेर शरीफ़ से मालदा लौटे समुदाय विशेष के कुछ लोग कोरोना संक्रमित निकले। फिर भी उन्होंने अपनी दुकाने खोली,जिसका हिन्दूओं ने विरोध किया और अपने इलाके की घेराबंदी कर ली,जिससे चिढ़कर समुदाय विशेष द्वारा मंदिर और हिन्दुओं के घरों पर हमला किया।
ममताजी,क्या ये रोका नहीं जा सकता था? pic.twitter.com/zFmnPpUYma— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 11, 2020
धर्म विशेष समुदाय ने आज मालदा में हिन्दू मंदिर पर हमला किया और देवी की मूर्ति खंडित कर दी।
वहाँ का प्रशासन मूकदर्शक क्यों बना हुआ है ?#KothayAcheMamata pic.twitter.com/7R9SkvewNj
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 11, 2020
सच सामने लाने पर मीडिया पर कहर
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना मरीजों के वास्तविक आंकड़ों को छिपाने के लिए मीडिया को भी धमकाया। इंडिया टुडे के अनुसार ममता ने कहा कि वे अगर सही तरीके से बर्ताव नहीं करते तो उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस किया जा सकता है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने ममता की इस धमकी को लेकर चिंता जाहिर की।
Concerned @MamataOfficial warning to media ‘behave properly’ Have noticed,felt muzzling and control of media by varied means. Why put media in fear ? There should not be anything to hide.
Independent media is spine, essential element of democracy. Why stress this asset ! (2/3)
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) April 30, 2020
कलकत्ता न्यूज चैनल के प्रसारण को रोका
संकट के इस दौर में भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोरोना को नियंत्रित करने से अधिक अपना राजनीतिक रुतबा दिखाने में जुटी हैं। कलकत्ता न्यूज चैनल के प्रसारण को जिस तरह से रोका गया, यह भी ममता की निरंकुशता का ही प्रमाण है। ममता की मानें तो खबर वही है, जो उनके अनुरूप हो।
Want to know what dictatorship is?
Calcutta News did shows criticising Mamata, now cable operators hv stopped telecast of the channel.
Situation of Freedom of Speech in Didi’s Bengal. pic.twitter.com/WIUFofaLgn
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) May 20, 2020
ममता से परेशान मणिपुर की 185 नर्सों ने छोड़ी नौकरी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जहां एक तरफ कोरोना महामारी को लेकर राजनीति कर रही हैं, वहीं राज्य सरकार और अस्पताल प्रशासन की मनमानी के कारण नर्सेस नौकरियां छोड़ने को मजबूर हैं। कोलकाता में कार्यरत 185 नर्सों ने नौकरी छोड़ दी है। नर्सों का कहना है कि उनके साथ भेदभाव और जातिवादी टिप्पणियां की जाती हैं। यहां तक कि कई बार लोग हम पर थूक भी देते हैं। ये सभी नर्सें मणिपुर की रहने वाली हैं।
Manipur:185 nurses have quit their job from hospitals in Kolkata&returned to Imphal. Cristella, a nurse says,”We’re not happy that we left our duties. But we faced discrimination,racism&people sometimes spit on us.Lack of PPE kits&people used to question us everywhere we went”. pic.twitter.com/y4nlwbhaK6
— ANI (@ANI) May 20, 2020
ममता सरकार के रवैये से नर्सों का पलायन
कोरोना से जंग में ममता सरकार के कैजुअल रवैये को देखते हुए बड़ी तादाद में कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल की नर्सें पलायन को मजबूर हो गईं। नर्सों का कहना है कि प्रशासन उनकी सुरक्षा को नजरअंदाज कर रहा है। पत्रिका के अनुसार बिना उचित व्यवस्था के उन्हें टेस्टिंग के अतिरिक्त कामकाज में भी लगाया जा रहा है। नतीजा ये है कि सैकड़ों नर्सें आंदोलन पर उतर आईं, साथ ही कइयों ने अपने गृह राज्यों का रुख कर लिया।
ममता राज में पुलिसवाले बने बागी
ममता बनर्जी को कोरोना से जंग में जुटे अपने पुलिसवालों की भी सुध नहीं। यही वजह है कि कई पुलिसवाले खुलेआम बागी बन बैठे। प्रभात खबर के अनुसार पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में सेनेटाइजर और खाने-पीने की अपर्याप्त व्यवस्था से गुस्साए कॉन्स्टेबलों ने न सिर्फ पुलिस उपायुक्त की पिटाई कर डाली, बल्कि मनाने आईं ममता के सामने प्रदर्शन भी किया।
#PTS में मुख्यमंत्री @MamataOfficial के सामने पुलिसकर्मियों का प्रदर्शन जारी है! pic.twitter.com/UGXOQXGfVR
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) May 20, 2020
राजस्थान में पुलिसकर्मी ही खतरे में
कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान के टोंक में कोरोना प्रभावित अल्पसंख्यक इलाकों में गश्त करने गए पुलिसवालों पर लोगों ने घेर कर हमला किया। जागरण के अनुसार 17 अप्रैल को कसाई मोहल्ला इलाके में लाठी-डंडे और तलवार से किए गए इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। कोरोना के कर्मवीरों पर हमला सिर्फ इसलिए हुआ, क्योंकि पुलिसवालों ने उन्हें लॉकडाउन में घर जाने को कहा। इससे ठीक दो दिन पहले टोंक में ही संक्रमण को लेकर घर-घर सर्वे करने गई टीम पर भी हमला हुआ था। बताया जाता है कि राज्य सरकार द्वारा सिर पर बिठाए रखने से इन हमलावरों का हौसला बढ़ा हुआ है।
छत्तीसगढ़ के क्वारंटीन सेंटर में दम तोड़ते मजदूर
छत्तीसगढ़ के जांजगीर में क्वारंटीन सेंटर की बदहाली और खानेपीने की बदइंतजामी के बीच एक मजदूर ने दम तोड़ दिया। बिलासपुर के कुछ क्वारंटीन सेंटर में गुजरात, महाराष्ट्र और अन्य प्रदेशों के प्रवासी श्रमिकों और उनके बच्चों को ठहराया गया है। नई दुनिया के अनुसार उन्हें नाश्ता तो दूर, थोड़ा-बहुत जो खाना भी मिलता है, उसमें भी दाल की जगह सिर्फ नमक-पानी दिए जाने की शिकायतें मिल रही हैं।
कोरोनाकाल में चुनिंदा मीडियाकर्मियों पर ज्यादतियां
केरल पुलिस ने जी न्यूज के एडिटर सुधीर चौधरी के खिलाफ 7 मई को गैरजमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की। कोझिकोड में ये एफआईआर उन पर अपने न्यूज शो में जिहाद के अलग-अलग रूप बताने के लिए दर्ज की गई। दो महीने बाद पुलिस की यह कार्रवाई अपने-आपमें कई सवाल उठा जाती है, राजनीतिक मंशा को उजागर कर जाती है।
Here’s my Pulitzer Prize for reporting the truth.Sharing the citation— an FIR filed against me by the Kerala police under nonbailable sections.The award for exposing inconvenient facts.A clear msg for media.If u don’t toe the decades old pseudo-secular line you’ll be behind bars. pic.twitter.com/zV3GvNg2YR
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) May 7, 2020
सुधीर चौधरी ने लिखा, “सच्चाई दिखाने के बदले ये रहा मेरा पुलित्जर प्राइज, सच की रिपोर्टिंग के लिए। प्रशस्ति पत्र साझा कर रहा हूं- मेरे खिलाफ केरल पुलिस द्वारा गैर-जमानती धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। ये इनाम मुझे असुविधाजनक तथ्यों को उजागर करने के बदले मिला है। ये मीडिया के लिए एक साफ संदेश है। अगर आप दशकों पुरानी तथाकथित सेकुलर रेखा पर घुटने नहीं टेकोगे तो आपको जेल के भीतर डाल दिया जाएगा।”
एबीपी के पत्रकार को किया गिरफ्तार
मुंबई के बांद्रा इलाके में लॉकडाउन के दौरान 14 अप्रैल को प्रवासी लोगों के जमा होने के मामले में एबीपी माझा के पत्रकार राहुल कुलकर्णी को गिरफ्तार किया गया। नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार राहुल कुलकर्णी ने ही उस पत्र का पर्दाफाश किया था जिसमें राज्य सरकार के अधिकारी ने घोटाले के आरोपी वधावन बंधुओं को लॉकडाउन में भी सातारा जाने की अनुमति दी थी। यानि कोरोनाकाल की अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए महाराष्ट्र सरकार दूसरी रंजिशों का बदला लेने में भी जुटी हुई है।
रिपब्लिक के पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर हमला
कांग्रेस-एनसीपी के सहयोग से से बनी महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की अभिव्यक्ति की आजादी को भी दबाने की कोशिश की। पुलिस के सामने हुई साधुओं की हत्या को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाने के बाद 22 अप्रैल की मध्यरात्रि में अर्नब गोस्वामी पर मुंबई में हमला किया गया। हमले के आरोपियों को तुरंत जमानत मिलना और अर्नब गोस्वामी से 12 घंटे पूछताछ करना कांग्रेस और उसके साथियों की आपातकाल वाली मानसिकता को उजागर करता है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने खुलेआम दी धमकी
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बोलते हुए अर्नब गोस्वामी की पत्रकारिता को अपराध बताते हुए उन्होंने कहा रिपब्लिक को सबक सिखाने में सक्षम हैं। इसके कुछ ही घंटों बाद अर्नब पर हमला हुआ था।
रिपब्लिक और आर भारत टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के इस अनर्गल बकवास को पत्रकारिता कह सकते हैं? यह तो सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का कुत्सित प्रयास है। न भाषा की मर्यादा न किसी की मान मर्यादा का ध्यान। यह तो अपराध है। संज्ञेय और दंडनीय अपराध।
हमारे #रिपब्लिक का कानून फर्जी..
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 22, 2020
कांग्रेसी नेता दे रहे एफआईआर कराने की धमकी
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए आलाकमान की वफादारी कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य से भी बड़ी है। उन्होंने सोनिया पर टिप्पणी के लिए अर्नब गोस्वामी को पागल तक बता दिया।
Attack on mrs Sonia Gandhi by Arnab Goswami is highly condemnable. He has gone insane and crossed all limits, he should be ashamed of himself . I must ask the Editors guild – isn’t this all time low for journalism ? Mr Rajeev Chandrasekhar must sack him immediately.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 22, 2020
अल्का लांबा ने हमले के लिए उकसाया
कांग्रेस नेता अल्का लांबा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मुंबई में अर्नब गोस्वामी पर हमले के लिए उकसाया। इसके थोड़े समय बाद ही अर्नब पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अटैक कर दिया।
देशभर के कार्यकर्ता #ArnabGoswami द्वारा काँग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी जी पर दिए गए ब्यान को लेकर बेहद आहत हैं,
अगर समय रहते @CMOMaharashtra ने उचित क़ानूनी कार्यवाही नहीं की तो मैं यह #चेतावनी दे रही हूँ कि फिर काँग्रेस कार्यकर्ताओं को सड़को पर उतर आने से कोई नहीं रोक पायेगा. https://t.co/fBBBnnqFj2
— Alka Lamba India ??? (@LambaAlka) April 22, 2020
फिर अर्नब गोस्वामी पर हमले के तुरंत बाद ट्वीट कर अल्का ने कहा – यूथ कांग्रेस जिंदाबाद
युवा काँग्रेस जिंदाबाद 🙂 ???.
— Alka Lamba India ??? (@LambaAlka) April 22, 2020
सुशांत सिन्हा पर एफआईआर
इंडिया टीवी से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिन्हा कोरोनाकाल में कांग्रेस की ओछी राजनीति की पोल खोलते रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने उनके खिलाफ राजस्थान में एफआईआर दर्ज कराने की धमकी दी।
कांग्रेस की #FIRPolitics जारी है। अब मुझे धमकी दे रहे हैं FIR की। ये अच्छा है, जो इनके ‘हाथ’ में ना आए उसे डराओ-धमकाओ और किसी तरह चुप कराओ। ये सब करने से कोई फायदा नहीं। प्रियंका जी की चिट्ठी और उसमें अटैच लिस्ट भेज दीजिए। हम वो भी दिखा देंगे। खाली हवाबाजी और धमकी से क्या होगा? https://t.co/xGM7vPWItL
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) May 19, 2020
महाराष्ट्र में कोरोना योद्धाओं की आवाज दबाने वालों का हौसला बढ़ा
न्यूज18 से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार अमिश देवगन कोरोना योद्धाओं की आवाज को प्रमुखता से उठाते रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान मुंबई के कुर्ला इलाके में जमा भीड़ को समझाने पहुंची पुलिस के साथ AIMIM के स्थानीय पार्षद मुर्तजा ने बदतमीजी की थी। इसको लेकर सवाल पूछे जाने के बाद अमिश को मुर्तजा ने धमकाया था। इससे जाहिर होता है कि महाराष्ट्र में मुर्तजा जैसों को राज्य सरकार का कितना संरक्षण हासिल है।
‘हम अपने पे उतर आए तो तुम्हारा बाहर निकलना बंद हो जाएगा’
यह गैरबीजेपी राज्यों की सरकारों से मिली ताकत का ही दंभ है कि मौलाना साद पर टिप्पणी करने के चलते मौलाना अली कादरी ने रिपोर्टरों को धमकाते हुए कहा कि ‘हम अपने पे उतर आए तो तुम्हारा बाहर निकलना बंद हो जाएगा’